गंगा आरती (Ganga Aarti): सनातन धर्म में माँ गंगा को सबसे पवित्र नदी माना गया है जिसका उद्गम स्थान गंगोत्री है। गंगोत्री से निकल कर भारत के कई राज्यों में बहती हुई माँ गंगा करोड़ो लोगों के जीवन को संवारने का कार्य करती हैं। हर वर्ष करोड़ो भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाने आते हैं। ऐसे में यदि हम अपने घर पर या गंगा माता के घाट पर गंगा आरती करते हैं तो यह बहुत ही शुभ फल देने वाला होता है।
इस लेख में आपको गंगी आरती जय गंगे मैया पढ़ने को मिलेगी। इसी के साथ ही हम गंगा आरती PDF फाइल और फोटो भी आपके साथ साझा करेंगे। इसे आप अपने मोबाइल में सेव करके रख सकते हैं। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं गंगा आरती हिंदी में।
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्यावत, मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
चन्द्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
पुत्र सगर के तारे, सब जग की ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
एक ही बार जो तेरी, शरणागति आता।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
आरती माता तुम्हारी, जो जन नित गाता।
दास वही सहज में, मुक्ति को पाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्यावत, मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
यह रही गंगा आरती की फोटो:
यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर राईट क्लिक करें। इससे आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।
अब हम गंगा आरती की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: गंगा आरती PDF
ऊपर आपको लाल रंग में गंगा आरती की PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने गंगा आरती (Ganga Aarti) कर लिया हैं। यदि आपको गंगा आरती PDF फाइल या फोटो डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
गंगा आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: गंगा जी की आरती कैसे होती है?
उत्तर: गंगा आरती करने के लिए आपको सर्वप्रथम गंगा माँ को प्रणाम कर उनके जल से शरीर की शुद्धि कर लेनी चाहिए इसके पश्चात ही गंगा आरती का पाठ किया जाना चाहिए।
प्रश्न: गंगा आरती कितने बजे होता है?
उत्तर: गंगा नदी कई राज्यों व शहरों में बहती है। ऐसे में हर शहर में वहां के मौसम व स्थिति के अनुसार गंगा आरती आयोजित की जाती है। सामान्य तौर पर यह सुबह 6 बजे और शाम को 7 बजे के आसपास होती है।
प्रश्न: लोग गंगा आरती करने क्यों आते हैं?
उत्तर: हम अपने घर पर तो गंगा आरती कर सकते हैं लेकिन माँ गंगा के समक्ष आकर उनके घाट पर गंगा आरती करने का जो पुण्य मिलता है, वह कहीं और नहीं मिलता है।
प्रश्न: गंगा जी किसकी पत्नी है?
उत्तर: माता गंगा जी का विवाह शांतनु के साथ हुआ था जिसके फलस्वरूप शांतनु के प्रथम पुत्र भीष्म पितामह ने आजीवन विवाह नहीं करने की प्रतिज्ञा ली थी।
प्रश्न: गंगा आरती किसने शुरू की?
उत्तर: हरिद्वार व काशी के घाटों पर गंगा आरती सदियों से होती आ रही है और इसकी शुरुआत का कोई प्रमाण नहीं है क्योंकि यह गंगा नदी के पृथ्वी पर उद्गम से ही शुरू हो गयी थी।
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