[web_stories title=”false” excerpt=”false” author=”false” date=”false” archive_link=”true” archive_link_label=”गायत्री आरती इन हिंदी” circle_size=”150″ sharp_corners=”false” image_alignment=”left” number_of_columns=”1″ number_of_stories=”5″ order=”DESC” orderby=”post_title” view=”circles” /]
आज के इस लेख में हम आपको गायत्री आरती इन हिंदी (Gayatri Ji Ki Aarti) में अर्थ सहित देंगे। हम सभी जब स्कूल में पढ़ते थे तब अवश्य ही हम सभी ने गायत्री मंत्र का जाप किया होगा। यहाँ तक कि हर पूजा पाठ से पहले भी गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है और यह हम सभी को याद भी होता है। गायत्री माता को भगवान ब्रह्मा की पत्नी माना गया है जो हमें सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने वाली होती हैं।
यदि हम गायत्री माता की आरती Lyrics (Gayatri Ki Aarti) पढ़ने के साथ-साथ उसका अर्थ भी जान लेते हैं तो इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। इसी के साथ ही आपको गायत्री जी की आरती का महत्व भी जानने को मिलेंगे। लेख के अंत में आपको गायत्री आरती करने के फायदे भी पढ़ने को मिलेंगे। तो आइये सबसे पहले जानते हैं गायत्री आरती हिंदी में अर्थ सहित।
ज्ञान दीप और श्रद्धा की बाती।
सो भक्ति ही पूर्ति कर जहं घी की॥
जो भी भक्तगण अपने ज्ञान का दीपक लेकर उसमे श्रद्धा रुपी बाती को प्रज्ज्वलित करता है और अपनी भक्ति को घी के रूप में उसमे जलाकर माँ गायत्री की आरती करता है, माँ गायत्री अवश्य ही उसका उद्धार कर देती हैं।
मानस की शुचि थाल के ऊपर।
देवी की जोति जगै जहं नीकी॥
हर मनुष्य को थाली लेकर माँ गायत्री की आरती करनी चाहिए और उनकी ज्योत जलानी चाहिए जो कभी भी फीकी नहीं पड़ती है।
शुद्ध मनोरथ के जहां घण्टा।
बाजै करैं आसहु ही की॥
यदि हम शुद्ध मन के साथ माँ गायत्री की पूजा करते हैं तो हमारे सभी काम पूर्ण हो जाते हैं।
जाके समक्ष हमें तिहुं लोक कै।
गद्दी मिले तबहुं लगै फीकी॥
माँ गायत्री के सामने तो तीनों लोकों का सिंहासन भी मिल जाए तो भी वह फीका सा लगता है।
आरती प्रेम सों नेम सो करि।
ध्यावहिं मूरति ब्रह्मा लली की॥
जो कोई भी भक्तगण प्रेम सहित माँ गायत्री की आरती करता है और उनका ध्यान लगाता है तो उसका कल्याण होना तय है।
संकट आवैं न पास कबौ तिन्हैं।
सम्पदा और सुख की बनै लीकी॥
उस भक्त को किसी भी तरह के संकट नहीं सताते हैं और ना ही उसे किसी चीज़ का दुःख रहता है। उसके घर में सुख-शांति बनी रहती है तथा वह आर्थिक रूप से संपन्न हो जाता है।
ऊपर आपने गायत्री माता की आरती Lyrics (Gayatri Ki Aarti) को हिंदी अर्थ सहित पढ़ लिया है। अब बारी आती है गायत्री आरती पढ़ने के फायदे और उसके महत्व को जानने की। तो चलिए वह भी जान लेते हैं।
गायत्री माता माँ आदिशक्ति का ही एक रूप हैं या फिर यूँ कहें कि माँ आदिशक्ति ही गायत्री माता हैं। सनातन धर्म में देवी माता के हर रूप का एक गुण होता है और इसी कारण उनकी पूजा की जाती है किन्तु गायत्री माता इन सभी से बिल्कुल भिन्न हैं। वह इसलिए क्योंकि इन्हें धर्म की स्थापना करने वाली प्रमुख देवी माना जाता है। हिन्दू धर्म का मुख्य आधार वेद ही हैं और यही सबसे पुराने ग्रंथ हैं जो सृष्टि की रचना से पहले और बाद में भी रहेंगे।
तो इन्हीं चारों वेदों की जननी गायत्री माता को माना जाता है। चारों वेदों की शक्तियां भी गायत्री मंत्र में ही निहित होती है और इसकी छाप गायत्री जी की आरती में भी देखने को मिलती है। मां गायत्री की आरती के माध्यम से हम गायत्री माता के द्वारा प्रदान की जाने वाली शक्तियां ग्रहण कर सकते हैं और आत्म-ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं। गायत्री जी की आरती का महत्व यही है कि इसके जाप से आप स्वयं ब्रह्म को अपने अंदर अनुभव कर सकते हैं और परम ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
ऊपर आपने गायत्री जी की आरती के महत्व को पढ़ा तो उससे आपको माँ गायत्री की आरती पढ़ने के फायदे भी कुछ सीमा तक समझ में आ गए होंगे। फिर भी हम इसे विस्तार देते हुए बता दें कि गायत्री माता को केवल चारों वेदों की ही नहीं अपितु सभी तरह के शास्त्रों व पुराणों की भी जननी माना जाता है। उनके द्वारा ही धर्म व संस्कृति की स्थापना की गयी थी तथा मनुष्य जाति को जीवन पद्धति व मानव कल्याण का संदेश दिया गया था।
यदि हम गायत्री जी की आरती का नियमित रूप से पाठ करते हैं तो हम अपने अंदर एक नयी चेतना का अनुभव करते हैं। इस चेतना के माध्यम से हम में कार्य करने की शक्ति आती है और साथ के साथ हम मेधावी भी बनते हैं। इससे हमारे दिमाग का विकास होता है और हमारी सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है। कुल मिलाकर नियमित रूप से मां गायत्री की आरती को पढ़ने से हमारे दिमाग व शरीर का संपूर्ण रूप में विकास होता है।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने गायत्री आरती इन हिंदी (Gayatri Ji Ki Aarti) में अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही आपने गायत्री माता की आरती Lyrics के फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:
अन्य संबंधित लेख:
[web_stories title="false" excerpt="false" author="false" date="false" archive_link="true" archive_link_label="महाकाली माता की आरती" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left" number_of_columns="1" number_of_stories="5"…
[web_stories title="false" excerpt="false" author="false" date="false" archive_link="true" archive_link_label="महाकाली चालीसा इन हिंदी PDF" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left" number_of_columns="1"…
[web_stories title="false" excerpt="false" author="false" date="false" archive_link="true" archive_link_label="अंबे तू है जगदंबे काली आरती लिखी हुई" circle_size="150"…
[web_stories title="false" excerpt="false" author="false" date="false" archive_link="true" archive_link_label="अंबे तू है जगदंबे काली आरती" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left"…
[web_stories title="false" excerpt="false" author="false" date="false" archive_link="true" archive_link_label="मां काली चालीसा" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left" number_of_columns="1" number_of_stories="5" order="DESC"…
[web_stories title="false" excerpt="false" author="false" date="false" archive_link="true" archive_link_label="काली चालीसा लिखी हुई" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left" number_of_columns="1" number_of_stories="5"…
This website uses cookies.