आज हम आपको काली माता आरती (Kali Mata Aarti) हिंदी में अर्थ और भावार्थ सहित देंगे। दुर्गा माता के सभी रूपों में से माँ काली का रूप अत्यधिक भयंकर है। हालाँकि मातारानी का यह रूप राक्षसों, पापियों व अधर्मियों का नाश करने के उद्देश्य से ही प्रकट हुआ है। उनकी आरती की शुरूआती पंक्ति भी इसी को दर्शाती है। वह शुरूआती पंक्ति अंबे तू है जगदंबे काली जय दुर्गे खप्पर वाली है जिसमें खप्पर का अर्थ राक्षसों के कटे हुए सिर से होता है।
ऐसे में आज के इस लेख में आपको अंबे तू है जगदंबे काली आरती लिखी हुई (Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti In Hindi) अर्थ सहित पढ़ने को मिलेगी। लेख के आखिर में हम काली माता आरती के फायदे और उसके महत्व को भी जानेंगे। आइए सबसे पहले जानते हैं अंबे तू है जगदंबे काली आरती लिरिक्स का अर्थ व भावार्थ।
अंबे तू है जगदंबे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुन गायें भारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अर्थ: हे माँ अम्बे!! आप ही माँ जगदम्बे व माँ काली हो। आप ही माँ दुर्गा व खप्पर धारण किये हुई हो। हम सभी आपका ही गुणगान कर रहे हैं। हम सभी मिलकर आपकी आरती उतार रहे हैं।
भावार्थ: इस कथन से तात्पर्य यह बताना है कि माँ काली के अनेक रूप हैं या फिर यूँ कहें कि सभी रूप माँ काली में ही समाये हुए हैं और कोई भी एक-दूसरे से भिन्न नहीं है। वे सभी माँ आदिशक्ति का ही रूप हैं और समय-समय पर उद्देश्य पूर्ति के लिए उनके अवतार प्रकट होते हैं। ऐसे में हमें श्रद्धा भाव के साथ माँ काली की आरती करनी चाहिए और उनका ध्यान करना चाहिए।
माता तेरे भक्त जनों पर भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ सौ सिंहों से बलशाली अष्ट भुजाओं वाली।
दुखियों के दुःख को निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अर्थ: हे माँ काली!! आपके भक्तों पर बहुत संकट आ पड़े हैं और शत्रु उनका अहित कर रहे हैं। ऐसे में आप ही सिंह पर सवार होकर आएं और दुष्टों का नाश कर दें। आपके अंदर सौ सिंह से भी ज्यादा शक्ति है और आपकी आठ भुजाएं हैं। आप उनसे हमारे दुखों को दूर कर देती हैं।
भावार्थ: यहाँ मातारानी के रूप का वर्णन किया गया है जिसमें उनकी आठ भुजाएं बताई गयी हैं। इन भुजाओं में माँ काली भिन्न-भिन्न अस्त्र-शस्त्र, राक्षसों के कटे सिर, रक्त का प्याला इत्यादि लिए हुए रहती हैं जो उनके रूप को रोद्र बनाता है। इसके द्वारा यह बताया गया है कि पृथ्वी पर यदि कहीं भी पाप हो रहा है या अधर्म बहुत बढ़ गया है तो माँ काली उनका नाश करने के लिए हमेशा ही तत्पर रहती हैं।
यदि कोई सोचता है कि वह माँ काली के प्रकोप से बच जाएगा तो वह बहुत बड़ी भूल कर रहा है। माँ काली की शक्तियां असीमित है जिसका कोई तोड़ नहीं है और वे किसी भी स्थिति में अधर्मियों का नाश करके ही रहेंगी। इसके लिए वे अपने वाहन सिंह पर सवारी करते हुए आएँगी और दुष्टों का नाश कर देंगी। इसी तरह वे अपने भक्तों के दुखों का भी निवारण करती हैं और उन्हें सुख प्रदान करती हैं।
माँ बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पर करूणा दरसाने वाली अमृत बरसाने वाली।
दुखियों के दुख को निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अर्थ: इस जगत में माँ और बेटे का रिश्ता सबसे पवित्र व अनमोल होता है। एक मौके पुत्र अपनी माँ के साथ छल कर सकता है लेकिन एक माँ अपने पुत्र के साथ हमेशा सौम्य व्यवहार ही करती है। उसी तरह माँ काली भी हम सभी की माँ हैं और वे हम पर करुणा व अमृत बरसा रही हैं। उनके द्वारा हमारे दुखों का नाश किया जाता है।
भावार्थ: हम सभी यह तो जानते ही हैं कि इस सृष्टि में यदि किसी रिश्ते को सर्वोच्च स्थान दिया जाएगा तो वह माँ का अपनी संतान से ही होता है। माँ से ऊपर रिश्ता किसी का नहीं होता है। एक मौके उसकी संतान अपनी माँ के लिए बुरी हो सकती है लेकिन माँ कभी भी अपनी संतान का अहित नहीं चाहेगी। ऐसे ही माँ काली को हम सभी की माँ माना गया है क्योंकि उनके द्वारा ही हमारी उत्पत्ति हुई है और वही हमारा पालन-पोषण भी करती हैं।
माँ काली ही हम सभी का ध्यान रखती है, हमें सुख प्रदान करती हैं और हमारे संकटों का हल निकाल कर देती हैं। यदि हम सच्चे मन से माँ काली का ध्यान करते हैं तो वे अवश्य ही हमारी सहायता करने के लिए आती हैं। वे इस संपूर्ण जगत की जननी हैं और उनसे अपनी संतान का दुःख सहा नहीं जाता है।
नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना।
हम तो मांगते तेरे मन का एक छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली लाज बचाने वाली।
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अर्थ: हे माँ काली!! हम आपसे धन-संपत्ति या बहुमूल्य रत्न नहीं माँग रहे हैं। हम तो बस आपके मन का एक छोटा सा कोना मांग रहे हैं। आप ही हम सभी के बिगड़े हुए काम बना सकती हैं और हमारे मान-सम्मान की रक्षा कर सकती हैं। आप ही सुहागिन स्त्रियों के सुहाग की रक्षा करती हैं।
भावार्थ: इस कथन का भावार्थ यह हुआ कि हमें माँ काली से कभी भी धन-संपत्ति नहीं मांगनी चाहिए और ना ही मोहमाया के वश में आना चाहिए। यह सब तो सांसारिक मोहमाया है जो मनुष्य को अंधा कर देती है। हमें तो माँ का आशीर्वाद चाहिए होता है और इसी से ही हमारे सभी काम बन सकते हैं। यदि आपके ऊपर माँ की कृपा दृष्टि हो गयी तो आपके सभी काम अपने आप ही बन जाते हैं।
यदि किसी को अपनी पढ़ाई, व्यवसाय या नौकरी इत्यादि में किसी भी तरह का संकट आ रहा हो या पारिवारिक, आर्थिक, स्वास्थ्य इत्यादि से जुड़ी हुई समस्या हो तो वह माँ काली की कृपा से अपने आप ठीक हो जाती है। इसलिए हमें सच्चे मन से माँ काली का ध्यान करना चाहिए और उनकी आरती करनी चाहिए। इसी के साथ ही जो सुहागिन स्त्रियाँ माँ काली का ध्यान करती हैं, उनके पति की रक्षा माँ काली स्वयं करती हैं।
तो यह थी अंबे तू है जगदंबे काली आरती लिखी हुई अर्थ सहित (Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti In Hindi)। अब बारी आती है काली आरती के फायदे और उसके महत्व को जानने की। आइए अब इसके बारे में भी विस्तार से जान लेते हैं।
माँ दुर्गा ने अपने गुणों के अनुसार कई तरह के रूप लिए हैं और उसी के अनुसार ही उनकी पूजा करने का विधान रहा है। अब मातारानी के कुछ रूप बहुत ही मनोहर, मन को शांति देने वाले तथा सौम्य रंग रूप वाले होते हैं लेकिन इन सभी रूपों के विपरीत माँ काली वाला रूप मन को भयभीत कर देने वाला, काले रंग का व गले में राक्षसों के कंकाल लिए हुए होता है। इस रूप में मातारानी रक्त से सनी हुई, क्रोधित व लाल आँखों वाली होती हैं।
काली माता की आरती के माध्यम से हमें ना केवल माँ काली के रूप का वर्णन मिलता है अपितु उन्होंने किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जन्म लिया था, इसके बारे में भी पता चलता है। ऐसे में धर्म का कार्य करने वाले लोगों को तो माँ काली से भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि जिस तरह से माँ काली सज्जन मनुष्यों की अधर्मी लोगों से रक्षा कर पाने में समर्थ होती हैं, उतना तो मातारानी का कोई भी अन्य रूप नहीं कर सकता है।
इस तरह से माँ काली के महत्व को इस काली आरती के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है। इससे हमें यह ज्ञात होता है कि माँ काली भी उतनी ही आवश्यक हैं जितनी की मातारानी के अन्य रूप। अब यदि पाप बहुत अधिक बढ़ जाता है और वह धर्म के ऊपर हावी होने लगता है तो उस समय माँ काली ही हमारी व धर्म की रक्षा कर सकती हैं और अधर्म का नाश करने में समर्थ होती हैं। यही माँ काली की आरती का महत्व होता है।
अब यदि आप प्रतिदिन सच्चे मन के साथ काली माता आरती का पाठ करते हैं और माँ काली का ध्यान करते हैं तो अवश्य ही माँ आपकी हरेक इच्छा को पूरी करती हैं। यदि आपको कोई परेशान कर रहा है या आपके शत्रु हमेशा आपका नुकसान करने की ताक में रहते हैं या आपके जीवन में कई तरह के संकट आये हुए हैं और उनका हल नहीं निकल पा रहा है या फिर आपको किसी अन्य बात को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो निश्चित तौर पर आपको काली माता की आरती का पाठ करना चाहिए।
माँ काली के द्वारा अपने भक्तों की हरसंभव सहायता की जाती है। जो भी भक्तगण सच्चे मन से माँ काली आरती का पाठ करता है तो माँ काली उसके हर तरह के संकटों का नाश कर देती हैं और उसे आगे का मार्ग दिखाती हैं। ऐसे में आपको अपने हर तरह के कष्ट, पीड़ा, दुःख, दर्द, संकट, परेशानियाँ, नकारात्मक भावनाएं इत्यादि को दूर करने के लिए नित्य रूप से काली माता की आरती का पाठ करना चाहिए।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने काली माता आरती (Kali Mata Aarti) हिंदी में अर्थ और भावार्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही आपने काली माता आरती के फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
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