आज हम आपके साथ नवग्रह स्तोत्र हिंदी में (Navagraha Stotra In Hindi) अर्थ सहित साझा करेंगे। नवग्रह स्तोत्र के माध्यम से नवग्रहों की आराधना की जाती है। इसमें नवग्रहों के महत्व, गुणों और महिमा का वर्णन किया गया है। ऐसे में आपके लिए नवग्रह स्तोत्र अर्थ सहित जानना आवश्यक हो जाता है।
साथ ही आपको नवग्रह स्तोत्र PDF (Navagraha Stotram PDF) फाइल और फोटो भी डाउनलोड करने को मिलेगी। इसे डाउनलोड कर आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करके रख सकते हैं और कभी भी पढ़ सकते हैं। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं नवग्रह स्तोत्र हिंदी में अर्थ सहित।
॥ सूर्य स्तोत्र ॥
जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।
तमोऽरि सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥
सूर्य देव की कांति जपा के कुसुम के समान है, वे कश्यप ऋषि की संतान हैं, वे अंधकार का नाश करते हैं, जो सभी पाप को नष्ट कर देते हैं, ऐसे सूर्य भगवान को मैं नमन करता हूँ।
॥ चंद्र स्तोत्र ॥
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवम्।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणम्॥
चंद्र देव जो कि दही, शंख व हिम के समान प्रख्यात हैं, जो क्षीर सागर से उत्पन्न हुए हैं, जो चंद्र देव साक्षात् शिवजी के मस्तिष्क पर मुकुट रूप में सुशोभित हैं, उन्हें मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ मंगल स्तोत्र ॥
धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्कांति समप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणाम्यहम्॥
जो पृथ्वी के गर्भ से उत्पन्न हुए हैं, विद्युत् अर्थात बिजली के समान जो कांतिमय है, जिनके हाथों में अत्यधिक शक्तियां हैं, ऐसे मंगल देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ बुध स्तोत्र ॥
प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्॥
प्रियंगु की कलि की भांति ही जिनका वर्ण सांवला है, जिनके कई रूप हैं और उनकी महिमा अपरंपार है, जो सौम्य गुणों से परिपूर्ण है, ऐसे बुध देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ गुरु स्तोत्र ॥
देवानांच ऋषीनांच गुरुंकांचन सन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥
जो देवों व ऋषि-मुनियों के गुरु हैं और कंचन के समान जिनकी प्रभा है, जो बुद्धि प्रदान करते हैं और तीनों लोकों के स्वामी हैं, उन बृहस्पति देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ शुक्र स्तोत्र ॥
हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्।
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्॥
हिम, कुंद व मृणाल के समान जिनका व्यक्तित्व है, असुरों के जो गुरु हैं, जो सभी शास्त्रों में निपुण हैं, ऐसे शुक्र देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ शनि स्तोत्र ॥
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥
जो नीले वर्ण के हैं, सूर्य देव के जो पुत्र हैं, यमराज जिनके बड़े भाई हैं, छाया ही जिनका रूप है, ऐसे शनि देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ राहु स्तोत्र ॥
अर्धकायं महावीर्यं चंद्रादित्य विमर्दनम्।
सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्॥
जिनका शरीर आधा है, जो सभी में महान हैं, जो अपनी शक्ति से सूर्य व चंद्रमा के मान को भी भंग कर देते हैं, सिंहिका के गर्भ से जो उत्पन्न हुए हैं, ऐसे राहु देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ केतु स्तोत्र ॥
पलाश पुष्पसंकाशं तारकाग्रह मस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्॥
पलाश के पुष्प के समान जिनका वर्ण लाल है, जो तारक ग्रह हैं और बिना मस्तक के हैं, जिनका रूप अत्यधिक विशालकाय व रोद्र है, ऐसे केतु देव को मैं प्रणाम करता हूँ।
॥ फलश्रुति ॥
इति व्यासमुखोग्दीतम् यः पठेत् सुसमाहितः।
दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्न शांतिर्भविष्यति॥
नरनारी नृपाणांच भवेत् दुःस्वप्ननाशनम्।
ऐश्वर्यमतुलं तेषां आरोग्यं पुष्टिवर्धनम्॥
महर्षि वेदव्यास जी के मुख से निकले इस नवग्रह स्तोत्र का जो भी नर या नारी सुबह व शाम को पाठ करता है, उसके सभी कष्ट व दुःख समाप्त हो जाते हैं। उस नर-नारी, राजा इत्यादि के सभी कष्ट, दुःख, पाप इस स्तोत्र के माध्यम से नष्ट होते हैं और उन्हें वैभव, यश व सुख की प्राप्ति होती है। वे सदा निरोगी रहते हैं तथा लंबी आयु को प्राप्त करते हैं।
॥ नवग्रह स्तोत्र ॥
ग्रहनक्षत्रजाः पीडास्तस्कराग्निसमुभ्दवाः।
ताः सर्वाःप्रशमं यान्ति व्यासो ब्रुते न संशयः॥
किसी भी ग्रह या नक्षत्र के दोष से पीड़ित मनुष्य की सभी समस्याओं का नाश हो जाता है। यह स्वयं महर्षि वेदव्यास जी ने कहा है और इसलिए इसमें किसी को भी शंका नही होनी चाहिए।
यह रही नवग्रह स्तोत्र की फोटो:
यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।
अब हम नवग्रह स्तोत्र की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: Navagraha Stotram PDF
ऊपर आपको लाल रंग में नवग्रह स्तोत्र PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने नवग्रह स्तोत्र हिंदी में (Navagraha Stotra In Hindi) अर्थ सहित पढ़ लिया है। यदि आपको नवग्रह स्तोत्र PDF फाइल या फोटो डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।
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