शारदा माता की आरती सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी (Sun Meri Devi Parvat Vasini) बहुत प्रसिद्ध है। वैसे तो शारदा माता की आरती भिन्न है। उसमें भी शारदा माता की एक नहीं बल्कि दो-दो आरतियां है। शारदा माता का एक नाम मैहर माता भी है। शारदा माता का संबंध माता सती के एक शक्तिपीठ से है जो मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले में स्थित है। यहाँ माता सती के गले का हार गिरा था जिस कारण इसे मैहर कहते हैं।
आज के इस लेख में हम आपके साथ सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी PDF (Sun Meri Devi Parvat Vasini PDF) फाइल और इमेज भी साझा करेंगे। इसे आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में डाउनलोड कर सेव करके रख सकते हैं। साथ ही हम मैहर वाली शारदा माता की आरती Lyrics पढ़ने से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व को भी बताएँगे। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी लिखी हुई आरती।
सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी।
कोई तेरा पार ना पाया॥
पान सुपारी ध्वजा नारियल।
ले तेरी भेंट चढ़ाया॥
सुवा चोली तेरी अंग विराजे।
केसर तिलक लगाया॥
नंगे पग मां अकबर आया।
सोने का छत्र चढ़ाया॥
ऊंचे पर्वत बनयो देवालया।
नीचे शहर बसाया॥
सतयुग, द्वापर, त्रेता मध्ये।
कलियुग राज सवाया॥
धूप दीप नैवेद्य आरती।
मोहन भोग लगाया॥
ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया।
मनवांछित फल पाया॥
सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी।
कोई तेरा पार ना पाया॥
सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी।
कोई तेरा पार ना पाया॥
हे पर्वतों पर वास करने वाली शारदा माता!! अब आप मेरी विनती को सुन लीजिये। आपकी महिमा को अभी तक कोई भी पार नहीं पा सका है।
पान सुपारी ध्वजा नारियल।
ले तेरी भेंट चढ़ाया॥
मैं आपके दरबार में पान, सुपारी, ध्वजा व नारियल भेंट स्वरुप चढ़ाने आया हूँ।
सुवा चोली तेरी अंग विराजे।
केसर तिलक लगाया॥
आपने अपने शरीर पर पवित्र चोली ओढ़ी हुई है और माथे पर केसर का तिलक लगाया हुआ है।
नंगे पग मां अकबर आया।
सोने का छत्र चढ़ाया॥
आपके दरबार में तो भारत देश पर राज कर रहा दुष्ट आक्रांता व हिन्दुओं का शत्रु अकबर भी नंगे पैर चलकर आया था और आपके मंदिर में सोने का छत्र चढ़ा कर गया था।
ऊंचे पर्वत बनयो देवालया।
नीचे शहर बसाया॥
आपका मंदिर ऊँचें पर्वत पर बना हुआ है और उसके नीचे एक शहर बसा हुआ है जहाँ आम जन रहते हैं।
सतयुग, द्वापर, त्रेता मध्ये।
कलियुग राज सवाया॥
आपका राज इस युग के चारों भागों में रहा है फिर चाहे वह सतयुग, त्रेतायुग या द्वापर युग ही क्यों ना हो। कलियुग में तो आपने मुख्य रूप से अपना राज स्थापित किया है।
धूप दीप नैवेद्य आरती।
मोहन भोग लगाया॥
आपकी आरती में हमने धूप, दीपक, नैवेद्य व मोहन भोग लगाया है।
ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया।
मनवांछित फल पाया॥
यह भगत ध्यानपूर्वक आपके ही गुणगान करता है और इससे उसे इच्छा अनुसार फल की प्राप्ति होती है।
यह रही मैहर आरती की इमेज:
यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।
अब हम सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: Sun Meri Devi Parvat Vasini PDF
ऊपर आपको लाल रंग में Sun Meri Devi Parvat Vasini PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
मैहर आरती के माध्यम से माता मैहर के महत्व के बारे में बताया गया है। ऊपर का लेख पढ़कर आपने जाना कि माता मैहर की क्या कुछ शक्तियां हैं, उनका क्या औचित्य है, वे किन गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं, मैहर माता के रूप में उनकी मान्यता क्यों है तथा उनका माँ आदि शक्ति के द्वारा प्रकटन किस उद्देश्य के तहत किया गया था।
तो यही सब बातें आम जन को बताने और माता मैहर का महत्व बताने के लिए ही यह मैहर मां की आरती लिखी गयी है। इसे नित्य रूप से पढ़कर हमें मैहर माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे हमारा जीवन सुखमय बन जाता है। यही सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी आरती का महत्व होता है।
जो व्यक्ति नित्य रूप से मैहर आरती को पढ़ता है या सुनता है, उसके सभी काम बन जाते हैं। मां मैहर उससे बहुत प्रसन्न होती हैं और उसकी हर मनोकामना को पूरा कर देती हैं। सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी आरती के प्रतिदिन पाठ से ना केवल एक व्यक्ति अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता है बल्कि उसका करियर भी बन जाता है। यदि वह नौकरी कर रहा है तो वहां उसका प्रोमोशन होता है तो वहीं व्यवसाय में उन्नति देखने को मिलती है।
इसी के साथ ही उस व्यक्ति के जीवन में भी कई तरह के ऐसे अवसर आते हैं जो उसे तेज गति से आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं। घर में भी सुख-शांति का वास होता है तथा सभी काम आसानी से बन जाते हैं। व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है तथा उसके यश में वृद्धि देखने को मिलती है। यही शारदा माता की आरती सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी को पढ़ने के मुख्य फायदे होते हैं। ऐसे में हर किसी को प्रतिदिन शारदा आरती का पाठ करना चाहिए।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी हिंदी में अर्थ सहित (Sun Meri Devi Parvat Vasini) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने शारदा माता की आरती सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी के फायदे और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आपको सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी PDF फाइल या इमेज डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
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