आज के इस लेख में हम आपके साथ विष्णु भगवान की आरती (Vishnu Bhagwan Ki Aarti) करेंगे। भगवान विष्णु की ॐ जय जगदीश हरे वाली आरती सर्वप्रसिद्ध है। हालाँकि इस आरती के दो वर्जन है जिसमें से एक वर्जन श्रद्धाराम फिल्लौरी का है तो दूसरा वर्जन शिवानंद स्वामी जी का है। विष्णु आरती के यह दोनों ही वर्जन सर्वप्रसिद्ध और एक जैसे से है।
ऐसे में आज हम शिवानंद स्वामी जी के द्वारा रचित विष्णु जी की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti) करने जा रहे हैं। इस लेख में आपको विष्णु भगवान की आरती तो पढ़ने को मिलेगी ही बल्कि साथ ही उसका पाठ करने से मिलने वाले लाभ और उसका महत्व भी जानने को मिलेगा। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं भगवान विष्णु की आरती।
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुःख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खलकामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥
इस तरह से आज आपने विष्णु जी की आरती (Vishnu Ji Ki Aarti) पढ़ ली है। अब हम आपको विष्णु आरती पढ़ने से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व के बारे में भी बता देते हैं।
भगवान विष्णु ही हम सभी के पालनहार है। उनके बिना धर्म का कोई अस्तित्व नहीं है। भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की है जबकि भगवान शिव इसका संहार करते हैं। इस बीच हमारी सुध लेने वाले केवल भगवान विष्णु ही है। यहीं कारण है कि जब कभी भी इस धरती पर अधर्म धर्म से ज्यादा बढ़ जाता है, तब-तब भगवान विष्णु मानव रुपी अवतार में जन्म लेते हैं।
विष्णु भगवान की आरती के माध्यम से भगवान विष्णु की आराधना की गई है। इसमें भगवान विष्णु की शक्तियों, गुणों और महत्व के ऊपर प्रकाश डाला गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि विष्णु जी की आरती करने से हमें क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं। यहीं विष्णु आरती का महत्व होता है।
विष्णु भगवान की आरती करने से हमें कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। श्रीराम, श्रीकृष्ण, परशुराम इत्यादि सभी भगवान विष्णु के ही अवतार है। ऐसे में यदि आप सच्चे मन के साथ विष्णु आरती का पाठ करते हैं तो विष्णु जी सहित उनके सभी अवतार की कृपा भी आप पर होती है।
अब यदि आप पर भगवान विष्णु के सभी अवतारों की कृपा हो जाती है तो आपके जीवन में कोई भी संकट या दुविधा शेष नहीं रह जाती है। आपकी हरेक समस्या का समाधान निकल जाता है और आगे का मार्ग दिखाई देता है। साथ ही आप शारीरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनते हैं। यहीं विष्णु भगवान की आरती के लाभ होते हैं।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने विष्णु भगवान की आरती (Vishnu Bhagwan Ki Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने विष्णु आरती के पाठ से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या इस विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।
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