चालीसा

मेहंदीपुर बालाजी चालीसा – अर्थ, नियम, महत्व व लाभ सहित

आज हम बालाजी चालीसा (Balaji Chalisa) का पाठ करेंगे। राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर है जिसकी मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है। देश-विदेश से यहाँ पर लोग बालाजी के दर्शन करने हेतु आते हैं। बालाजी के मंदिर में सभी तरह की बुरी शक्तियों जैसे कि भूत, प्रेत, पिशाच, वेताल, जिन्न, काला जादू इत्यादि को दूर करने का कार्य किया जाता है। बाला जी चालीसा के माध्यम से भी हम बुरी शक्तियों के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

यही कारण है कि आज के इस लेख में हम आपके साथ मेहंदीपुर बालाजी चालीसा (Mehandipur Balaji Chalisa) का पाठ करने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, इस लेख में आपको बालाजी चालीसा का हिंदी अर्थ भी पढ़ने को मिलेगा। अंत में हम आपको बालाजी की चालीसा पढ़ने के नियम, महत्व और लाभ भी बताएँगे। तो आइये सबसे पहले पढ़ते हैं मेहंदीपुर बालाजी चालीसा हिंदी में।

Balaji Chalisa | बालाजी चालीसा

॥ दोहा ॥

श्री गुरू चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान।
बालाजी चालीसा लिखे दास स्नेही कल्याण॥

विश्व विदित वरदानी संकट हरण हनुमान।
मैंहदीपुर में प्रकट भये बालाजी भगवान॥

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान बालाजी देवा, प्रगट भये यहां तीनों देवा।

प्रेतराज भैरव बलवाना, कोतवाल कप्तानी हनुमाना।

मैंहदीपुर अवतार लिया है, भक्तों का उद्धार किया है।

बालरूप प्रगटे हैं यहां पर, संकट वाले आते जहाँ पर।

डाकनि शाकनि अरु जिन्दनीं, मशान चुड़ैल भूत भूतनीं।

जाके भय ते सब भग जाते, स्याने भोपे यहाँ घबराते।

चौकी बन्धन सब कट जाते, दूत मिले आनन्द मनाते।

सच्चा है दरबार तिहारा, शरण पड़े सुख पावे भारा।

रूप तेज बल अतुलित धामा, सन्मुख जिनके सिय रामा।

कनक मुकुट मणि तेज प्रकाशा, सबकी होवत पूर्ण आशा।

महन्त गणेशपुरी गुणीले, भये सुसेवक राम रंगीले।

अद्भुत कला दिखाई कैसी, कलयुग ज्योति जलाई जैसी।

ऊँची ध्वजा पताका नभ में, स्वर्ण कलश हैं उन्नत जग में।

धर्म सत्य का डंका बाजे, सियाराम जय शंकर राजे।

आन फिराया मुगदर घोटा, भूत जिन्द पर पड़ते सोटा।

राम लक्ष्मन सिय हृदय कल्याणा, बाल रूप प्रगटे हनुमाना।

जय हनुमन्त हठीले देवा, पुरी परिवार करत हैं सेवा।

लड्डू चूरमा मिश्री मेवा, अर्जी दरखास्त लगाऊ देवा।

दया करे सब विधि बालाजी, संकट हरण प्रगटे बालाजी।

जय बाबा की जन जन ऊचारे, कोटिक जन तेरे आये द्वारे।

बाल समय रवि भक्षहि लीन्हा, तिमिर मय जग कीन्हो तीन्हा।

देवन विनती की अति भारी, छाँड़ दियो रवि कष्ट निहारी।

लांघि उदधि सिया सुधि लाये, लक्ष्मन हित संजीवन लाये।

रामानुज प्राण दिवाकर, शंकर सुवन माँ अंजनी चाकर।

केशरी नन्दन दुख भव भंजन, रामानन्द सदा सुख सन्दन।

सिया राम के प्राण पियारे, जब बाबा की भक्त ऊचारे।

संकट दुख भंजन भगवाना, दया करहु हे कृपा निधाना।

सुमर बाल रूप कल्याणा, करे मनोरथ पूर्ण कामा।

अष्ट सिद्धि नव निधि दातारी, भक्त जन आवे बहु भारी।

मेवा अरू मिष्ठान प्रवीना, भेंट चढ़ावें धनि अरु दीना।

नृत्य करे नित न्यारे न्यारे, रिद्धि सिद्धियां जाके द्वारे।

अर्जी का आदेश मिलते ही, भैरव भूत पकड़ते तबही।

कोतवाल कप्तान कृपाणी, प्रेतराज संकट कल्याणी।

चौकी बन्धन कटते भाई, जो जन करते हैं सेवकाई।

रामदास बाल भगवन्ता, मैंहदीपुर प्रगटे हनुमन्ता।

जो जन बालाजी में आते, जन्म जन्म के पाप नशाते।

जल पावन लेकर घर जाते, निर्मल हो आनन्द मनाते।

क्रूर कठिन संकट भग जावे, सत्य धर्म पथ राह दिखावे।

जो सत पाठ करे चालीसा, तापर प्रसन्न होय बागीसा।

कल्याण स्नेही, स्नेह से गावे, सुख समृद्धि रिद्धि सिद्धि पावे।

॥ दोहा ॥

मन्द बुद्धि मम जानके, क्षमा करो गुणखान।
संकट मोचन क्षमहु मम, दास स्नेही कल्याण॥

Mehandipur Balaji Chalisa | मेहंदीपुर बालाजी चालीसा – अर्थ सहित

॥ दोहा ॥

श्री गुरू चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान।
बालाजी चालीसा लिखे दास स्नेही कल्याण॥

विश्व विदित वरदानी संकट हरण हनुमान।
मैंहदीपुर में प्रकट भये बालाजी भगवान॥

गुरुओं के चरणों में प्रणाम करके और भक्त हनुमान का ध्यान करते हुए, उनका भक्त स्नेह व कल्याण की भावना को अपने मन में रखते हुए बालाजी चालीसा लिखता है। यह संपूर्ण विश्व जानता है कि हनुमान अपने भक्तों के संकट को दूर करते हैं और उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं। उनका बालाजी स्वरुप मेहंदीपुर में प्रकट हुआ है।

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान बालाजी देवा, प्रगट भये यहां तीनों देवा।

प्रेतराज भैरव बलवाना, कोतवाल कप्तानी हनुमाना।

मैंहदीपुर अवतार लिया है, भक्तों का उद्धार किया है।

बालरूप प्रगटे हैं यहां पर, संकट वाले आते जहाँ पर।

हनुमान जी के बाल स्वरुप बालाजी की जय हो। मेहंदीपुर में तीनो देवता प्रकट हुए हैं जिन्हें हम प्रेतराज, भैरव व बालाजी के नाम से जानते हैं। उनके कोतवाल व कप्तान बालाजी हैं। उन्होंने मेहंदीपुर में अवतार लेकर अपने भक्तों का उद्धार किया है। वे अपने बाल रूप में यहाँ प्रकट हुए हैं और दूर-दूर से भक्तगण अपने संकटों को दूर करवाने के लिए यहाँ आते हैं।

डाकनि शाकनि अरु जिन्दनीं, मशान चुड़ैल भूत भूतनीं।

जाके भय ते सब भग जाते, स्याने भोपे यहाँ घबराते।

चौकी बन्धन सब कट जाते, दूत मिले आनन्द मनाते।

सच्चा है दरबार तिहारा, शरण पड़े सुख पावे भारा।

यहाँ आकर भक्तों के ऊपर से सभी तरह के संकट टल जाते हैं और उनके ऊपर से चुड़ैल, भूत, भूतनी का साया उठ जाता है। बुरी शक्तियां बालाजी भगवान से भय खाती हैं और वहां से भाग जाती हैं। यहाँ पर सभी तरह के बंधन टूट जाते हैं और उनके भक्त आनंद की अनुभूति करते हैं। आपका दरबार सच्चा है और जो भी आपकी शरण में आता है, वह परम सुख को पाता है।

रूप तेज बल अतुलित धामा, सन्मुख जिनके सिय रामा।

कनक मुकुट मणि तेज प्रकाशा, सबकी होवत पूर्ण आशा।

महन्त गणेशपुरी गुणीले, भये सुसेवक राम रंगीले।

अद्भुत कला दिखाई कैसी, कलयुग ज्योति जलाई जैसी।

बालाजी का रूप अत्यधिक तेजमयी है और उनके हृदय में श्रीराममाता सीता वास करते हैं। उनके मुकुट पर सुशोभित मणि की आभा बहुत ही तेज है और वे सभी जनों की आशाओं को पूरा करते हैं। महंत गणेशपुरी राम के रंग में रंग कर उनका गुणगान करते हैं। बालाजी ने कलयुग में अपनी प्रतिभा दिखाकर भक्तों का उद्धार किया है।

ऊँची ध्वजा पताका नभ में, स्वर्ण कलश हैं उन्नत जग में।

धर्म सत्य का डंका बाजे, सियाराम जय शंकर राजे।

आन फिराया मुगदर घोटा, भूत जिन्द पर पड़ते सोटा।

राम लक्ष्मन सिय हृदय कल्याणा, बाल रूप प्रगटे हनुमाना।

बालाजी की ध्वजा आकाश में सबसे ऊँची उड़ रही है और उनका सोने का कलश भी इस जग में सबसे उन्नत है। उनके कारण धर्म व सत्य की जीत हुई है तथा हर जगह माता सीता, श्रीराम व भगवान शंकर का राज है। उन्होंने अपने घोटे से भूतों की पिटाई की है। बालाजी के हृदय में श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता का वास है और वे बाल रूप में मेहंदीपुर में प्रकट हुए हैं।

जय हनुमन्त हठीले देवा, पुरी परिवार करत हैं सेवा।

लड्डू चूरमा मिश्री मेवा, अर्जी दरखास्त लगाऊ देवा।

दया करे सब विधि बालाजी, संकट हरण प्रगटे बालाजी।

जय बाबा की जन जन ऊचारे, कोटिक जन तेरे आये द्वारे।

हे हनुमान जी! आपकी हम सपरिवार सेवा करते हैं। आपको लड्डू, चूरमा, मिश्री, मेवा का भोग लगाकर आपके सामने प्रार्थना करते हैं। आप हम सभी पर दया कीजिये और हमारे संकटों को दूर कर दीजिये। करोड़ो करोड़ भक्त आपके दरबार में आकर आपकी जय-जयकार करते हैं।

बाल समय रवि भक्षहि लीन्हा, तिमिर मय जग कीन्हो तीन्हा।

देवन विनती की अति भारी, छाँड़ दियो रवि कष्ट निहारी।

लांघि उदधि सिया सुधि लाये, लक्ष्मन हित संजीवन लाये।

रामानुज प्राण दिवाकर, शंकर सुवन माँ अंजनी चाकर।

आपने अपने बाल रूप में सूर्य देव को अपने मुहं में ले लिया था जिसके कारण हर जगह अँधेरा छा गया था। तब देवताओं के द्वारा विनती किये जाने पर आपने उन्हें बंधन मुक्त किया था। आप समुंद्र पार कर माता सीता का पता लेकर आये थे और संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की थी। हे शंकर के अवतार और माँ अंजनी के पुत्र! आपने ही श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की थी।

केशरी नन्दन दुख भव भंजन, रामानन्द सदा सुख सन्दन।

सिया राम के प्राण पियारे, जब बाबा की भक्त ऊचारे।

संकट दुख भंजन भगवाना, दया करहु हे कृपा निधाना।

सुमर बाल रूप कल्याणा, करे मनोरथ पूर्ण कामा।

हे केसरी पुत्र हनुमान! आप सभी के दुखों का नाश करते हैं, आपने श्रीराम को हमेशा सुख दिया है। आप सियाराम को प्राणों से भी अधिक प्यारे हैं और आपकी जय हो। आप संकटों व दुखों को समाप्त करने वाले हैं और अब आप अपने भक्तों पर दया कीजिये। आपके बाल रूप का हम ध्यान करते हैं और अब आप हमारी सभी इच्छाओं को पूरा कीजिये।

अष्ट सिद्धि नव निधि दातारी, भक्त जन आवे बहु भारी।

मेवा अरू मिष्ठान प्रवीना, भेंट चढ़ावें धनि अरु दीना।

नृत्य करे नित न्यारे न्यारे, रिद्धि सिद्धियां जाके द्वारे।

अर्जी का आदेश मिलते ही, भैरव भूत पकड़ते तबही।

आप अपने भक्तों को अष्ट सिद्धि व नव निधि देते हैं। धनि व निर्धन दोनों ही आपको मेवा, मिठाई इत्यादि का भोग लगाते हैं। आप आनंद में आकर तरह-तरह के नृत्य करते हैं और रिद्धि-सिद्धि आपकी दासियाँ हैं। आपका आदेश मिलते ही भैरव बाबा भूतों को पकड़ लेते हैं।

कोतवाल कप्तान कृपाणी, प्रेतराज संकट कल्याणी।

चौकी बन्धन कटते भाई, जो जन करते हैं सेवकाई।

रामदास बाल भगवन्ता, मैंहदीपुर प्रगटे हनुमन्ता।

जो जन बालाजी में आते, जन्म जन्म के पाप नशाते।

आपके यहाँ स्थित प्रेतराज बाबा सभी का कल्याण करते हैं। जो भी भक्त आपकी सेवा करते हैं, उनके सभी बंधन टूट जाते हैं। आप श्रीराम के दास हैं और आपने मेहंदीपुर में अवतार लिया है। जो भी व्यक्ति बालाजी धाम को आते हैं, उनके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।

जल पावन लेकर घर जाते, निर्मल हो आनन्द मनाते।

क्रूर कठिन संकट भग जावे, सत्य धर्म पथ राह दिखावे।

जो सत पाठ करे चालीसा, तापर प्रसन्न होय बागीसा।

कल्याण स्नेही, स्नेह से गावे, सुख समृद्धि रिद्धि सिद्धि पावे।

जो भी आपका जल लेकर अपने घर जाते हैं, उन्हें आनंद की अनुभूति होती है। आप कठिन से कठिन संकटों को दूर कर देते हैं और लोगों को सत्य व धर्म का मार्ग दिखाते हैं। जो भी व्यक्ति सात बार बालाजी चालीसा का पाठ करता है, आप उससे बहुत प्रसन्न हो जाते हैं। जो भी बाला जी चालीसा का पाठ स्नेहपूर्वक व प्रेम से करता है, उसे सभी तरह की रिद्धि-सिद्धि प्राप्त होती है और उसका घर धन-धान्य से भर जाता है।

॥ दोहा ॥

मन्द बुद्धि मम जानके, क्षमा करो गुणखान।
संकट मोचन क्षमहु मम, दास स्नेही कल्याण॥

हे बालाजी भगवान! आप मुझे अज्ञानी मानकर मेरी सभी भूलों को क्षमा कर दीजियेगा। मुझे अपना दास समझ कर मेरा कल्याण कीजिये और मेरे सभी संकटों को दूर कर दीजिये।

बालाजी चालीसा के नियम

यदि आप बालाजी महाराज की चालीसा का पाठ करने जा रहे हैं तो इसके नियम भी जान लेने चाहिए। यदि आप अनजाने में या भूल कर नियमों का उल्लंघन करते हुए बालाजी चालीसा का पाठ करते हैं तो इसका दुष्प्रभाव आपके और आपके परिवार के ऊपर हो सकता है। तो सबसे पहले तो आपको बालाजी चालीसा का पाठ स्नान करने के पश्चात ही करना चाहिए।

इसी के साथ यदि आपने प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा इत्यादि का सेवन किया हुआ है तो उस स्थिति में आपको बाला जी चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। बालाजी चालीसा का पाठ करने से पूर्व आपका शरीर बाहर व अंदर दोनों ओर से ही पूर्ण रूप से स्वच्छ होना आवश्यक है। उसके बाद ही आप सच्चे मन से बालाजी का ध्यान कर सकते हैं और उनकी चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

मेहंदीपुर बालाजी चालीसा का महत्व

यह तो आप जानते ही हैं कि राजस्थान के मेहंदीपुर में बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। हालाँकि बालाजी के कई अन्य प्रसिद्ध मंदिर भी देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित है जिसमे से एक राजस्थान में सालासर बालाजी हैं तो दूसरे आंध्रप्रदेश में तिरुपति बालाजी हैं। यह हनुमान जी का बाल स्वरुप होता है जो अपने भक्तों के संकटों को हरता है और उन्हें सुख प्रदान करता है।

बालाजी चालीसा के माध्यम से हमें हनुमान के इस स्वरुप की महत्ता बताई गयी है। ऊपर दी गयी मेहंदीपुर बालाजी चालीसा और उसके अर्थ को पढ़ कर आपको बालाजी भगवान के बारे में बहुत कुछ ज्ञान हो गया होगा। तो बालाजी की महत्ता को बताने के उद्देश्य से ही यह बाला जी चालीसा लिखी गयी है। इसलिए यदि आप बालाजी की भक्ति करना चाहते हैं या उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बस बालाजी चालीसा का सच्चे मन से पाठ करना होगा।

बालाजी की चालीसा के लाभ

बालाजी चालीसा को पढ़ कर आपको क्या कुछ फायदे हो सकते हैं या आप किस तरह से इसे पढ़ कर लाभान्वित होने वाले हैं, यह जानना भी आपका संपूर्ण अधिकार है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि बालाजी भगवान की कृपा दृष्टि सभी के ऊपर रहती है लेकिन जहाँ राम भक्ति होती है या जो सच्चे मन से बालाजी भगवान का ध्यान करता है और उनकी चालीसा का पाठ करता है, उन पर तो बालाजी महाराज की मुख्य कृपा दृष्टि होती है।

ऐसे में यदि आपके जीवन में कभी भी कोई संकट आया हुआ हो या किसी समस्या का समाधान ना मिल पा रहा हो या कोई आपका साथ नही दे रहा हो तब उस समय आपको सच्चे मन से बालाजी महाराज का ध्यान करना है और बालाजी चालीसा का पाठ करना है। आप पाएंगे कि आपकी समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो रही है या उसका समाधान आपको मिल गया है। तो यही बाला जी महाराज की चालीसा को पढ़ने का लाभ होता है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने बालाजी चालीसा (Balaji Chalisa) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही आपने बाला जी चालीसा पाठ के नियम, उससे मिलने वाले लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या इस विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपको प्रत्युत्तर देंगे।

बालाजी चालीसा से संबंधित प्रशोत्तर

प्रश्न: बालाजी का मंत्र कौन सा है?

उत्तर: ॐ श्री वेंकटेश्वराये नमो नमः, श्रीमन नारायण नमो नमः, तिरुमल तिरुपति नमो नमः, ॐ श्री वेंकटेश्वराये नमो नमः।

प्रश्न: हनुमान चालीसा 1 दिन में कितनी बार पढ़ना चाहिए?

उत्तर: हनुमान चालीसा 1 दिन में 7 बार पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: क्या मैं सोते समय हनुमान चालीसा सुन सकता हूं?

उत्तर: हां, आप सोते समय भी हनुमान चालीसा सुन सकते हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

Recent Posts

संतोषी मां चालीसा हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज के इस लेख में आपको संतोषी चालीसा (Santoshi Chalisa) पढ़ने को मिलेगी। सनातन धर्म…

8 hours ago

वैष्णो देवी आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ वैष्णो देवी की आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) का पाठ करेंगे।…

8 hours ago

तुलसी जी की आरती हिंदी में अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज के इस लेख में आपको तुलसी आरती (Tulsi Aarti) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ने…

10 hours ago

तुलसी चालीसा अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज हम तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे…

11 hours ago

महाकाली जी की आरती – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ महाकाली माता की आरती (Mahakali Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। जब…

2 days ago

महाकाली चालीसा इन हिंदी PDF फाइल व इमेज सहित डाउनलोड करें

आज हम आपके साथ श्री महाकाली चालीसा (Mahakali Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। जब भी…

2 days ago

This website uses cookies.