परशुराम कौन थे (Parshuram Kon The) व उन्होंने इस पृथ्वी पर किस उद्देश्य की पूर्ति हेतु अवतार लिया था? भगवान परशुराम भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक है। उनका जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था जो वामन अवतार के बाद तथा श्रीराम अवतार से पूर्व जन्मे थे। मान्यता हैं कि वे आज भी जीवित हैं तथा कलियुग के अंत तक वे जीवित रहेंगे।
ऐसे ही उनके जीवन से जुड़े कई रोचक पहलु है जिन्हें पढ़कर आपको परशुराम जी के बारे में जानने को मिलेगा। ऐसे में आज हम आपके सामने संपूर्ण परशुराम कथा (Parshuram Kaun The) रखने जा रहे हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको भगवान परशुराम के जीवन से जुड़े दस रोचक तथ्यों से अवगत करवाएंगे।
वैसे तो भगवान विष्णु का अगला अवतार तभी जन्म लेता है जब उससे पहले का अवतार अपना जीवनकाल पूरा कर चुका हो। इन सभी अवतारों में केवल परशुराम अवतार ही एक अपवाद है जिसने अपने बाद के विष्णु अवतार ना केवल देखे बल्कि उनके जीवन को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया।
उदाहरण के तौर पर आप चाहे रामायण में माता सीता का स्वयंवर ले लीजिये या फिर महाभारत के युद्ध में कर्ण की मृत्यु का कारण। इतना ही नहीं, उनकी भूमिका भविष्य के विष्णु अवतार कल्कि भगवान के समय भी देखने को मिलेगी। ऐसे में नीचे दिए गए 10 तथ्यों के माध्यम जानते हैं कि भगवान परशुराम कौन थे (Parshuram Kaun The) और उन्होंने अभी तक क्या कुछ किया है और आगे उन्हें क्या कुछ करना है।
इस तरह से आज आपने जान लिया है कि भगवान परशुराम कौन थे (Parshuram Kon The) और उन्होंने किन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु जन्म लिया था। वे आज भी इसी पृथ्वी पर निवास करते हैं और भगवान कल्कि के जन्म लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कल्कि भगवान को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा देने के पश्चात ही उनका उद्देश्य पूरा होगा और वे पुनः श्रीहरि में समा जाएंगे।
परशुराम कथा से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: परशुराम का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: भगवान परशुराम का जन्म मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर शहर के जनापाव नामक पहाड़ियों पर हुआ था। उस स्थल पर आज के समय में भगवान परशुराम का भव्य मंदिर है जहाँ हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्तगण आते हैं।
प्रश्न: परशुराम की पत्नी का क्या नाम था?
उत्तर: परशुराम की पत्नी का नाम धरणी था। हालाँकि यह केवल मान्यताएं है क्योंकि भगवान परशुराम ने आजीवन ब्रह्मचर्य रहने का संकल्प लिया था। ऐसे में उनके विवाह का प्रमाणित ग्रंथों में कहीं कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
प्रश्न: परशुराम के पुत्र कौन थे?
उत्तर: भगवान परशुराम ने आजीवन ब्रह्मचर्य जीवन व्यतीत करने का संकल्प लिया था। ऐसे में उनके कोई पुत्र नहीं था।
प्रश्न: परशुराम के कितने पुत्र थे
उत्तर: परशुराम के कोई पुत्र नहीं था। प्रमाणित ग्रंथों के अनुसार भगवान परशुराम आजीवन अविवाहित रहे थे और ब्रह्मचर्य का पालन किया था। ऐसे में उनका विवाह नहीं हुआ था।
प्रश्न: परशुराम का जन्म किस युग में हुआ था?
उत्तर: परशुराम का जन्म त्रेता युग के शुरूआती समय में हुआ था। वे एक ब्राह्मण के घर जन्मे थे और उसके बाद उनकी भूमिका त्रेता युग के साथ-साथ द्वापर और कलियुग में भी देखने को मिलती है।
प्रश्न: परशुराम का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: परशुराम का जन्म वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय को हुआ था। इस दिन भगवान परशुराम की जयंती पूरे देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है।
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