पर्व/ त्यौहार

छठ पूजा कैसे मनाई जाती है? जाने छठ पूजा कैसे करते हैं

आज हम जानेंगे कि छठ पूजा कैसे की जाती है (Chhath Puja Kaise Ki Jaati Hai) और इसके क्या कुछ नियम है। छठ पूजा का व्रत करना बहुत कठिन होता है और इसके नियम भी बहुत कठोर होते है। यदि आप व्रती है तो आपको व्रत करने के साथ-साथ कुछ बातो का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए अन्यथा छठी मैइया नाराज हो सकती है।

इसलिए आपको यह पता होना चाहिए कि छठ पूजा कैसे करते हैं (Chhath Puja Kaise Karte Hain) और इस दौरान किन-किन नियमों का पालन करना होता है। आज हम आपको छठ पूजा के विशेष नियमो से अवगत करवाएंगे ताकि आपसे कोई भूलचूक ना हो। आइए जानते हैं।

Chhath Puja Kaise Ki Jaati Hai | छठ पूजा कैसे की जाती है?

छठ पूजा का बिहार व उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए विशेष महत्व है। यह चार दिनों का महापर्व होता है। इस दौरान हर घर में से एक व्रती होता है अर्थात जो छठी मैया के नाम का व्रत रखता है। अब उस व्रती को छठ पूजा के नियमों का कठोरता से पालन करना होता है।

इतना ही नहीं, घर के बाकी सदस्यों को भी छठ के नियमों का पालन करना होता है। ऐसे में आज हम आपको बताएँगे कि छठ पूजा कैसे मनाई जाती है और इस दौरान व्रती और उसके परिवार वालों को किन नियमों का पालन करना होता है।

  1. छठ पूजा में व्रत रखने या व्रत का भोजन बनाने के लिए जिस एक बात का विशेष ध्यान रखना होता है वह है स्वच्छता। इस दिन ना ही आपके घर में गंदगी का निवास होना चाहिए व ना ही गंदे हाथों से भोजन या व्रत का प्रसाद बनाया जाना चाहिए। इसलिये अपने घर व आसपास की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे।
  2. छठ पूजा के दूसरे दिन खरना किया जाता है। खरना का भोजन करने के लिए इसका ध्यान रखे कि यह भोजन सबसे पहले व्रती करे व उसके उपरांत ही घर के अन्य सदस्य भोजन को ग्रहण करे। अर्थात व्रती के भोजन ग्रहण करने से पहले घर के किसी अन्य सदस्य को भोजन ग्रहण नही करना चाहिए।
  3. चाहे खरना का भोजन हो या उसके बाद छठ के लिए बनने वाला प्रसाद, वह सभी चीज़े सात्विक होनी चाहिए अर्थात उसमे तामसिक भोजन नही होना चाहिए। सात्विक भोजन से हमारा तात्पर्य हैं पूर्णतया शाकाहारी भोजन जिसमे मांस, प्याज, लहसुन इत्यादि चीज़े पूर्णतया वर्जित होती है।
  4. छठ पूजा का व्रत रखने वाली व्यक्ति को बेड या इस जैसी चीज़ पर नही सोना चाहिए। इसमें पंचतत्वो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिये व्रती को व्रत के दौरान भूमि पर ही सोना चाहिए। यदि भूमि पर नींद नही आती है तो आप भूमि पर ही अपना बिस्तर बिछाए व उस पर सोए।
  5. छठ पूजा में गंगा या उसकी सहायक नदियों में स्नान करने के पश्चात हमेशा नए व स्वच्छ वस्त्रों को ही धारण करना चाहिए। इसलिये इन दिनों आप मैले या बिना धोये वस्त्रों को बिल्कुल ना पहने। बहुत लोग इस दिन के लिए नए वस्त्रों को खरीदते (Chhath Puja Kaise Karte Hain) हैं।
  6. इस बात का भी विशेष ध्यान रखे कि खरना का भोजन बनाते समय ना ही आप नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं व ना ही चीनी का। खरने के भोजन में मुख्य रूप से गुड़ के मीठे चावल या खीर व घी लगी रोटी बनायी जाती हैं जिसे प्रसाद रूप में व्रती के द्वारा ग्रहण किया जाता हैं।
  7. छठ के दूसरे दिन सूर्यास्त के बाद खरना करने के पश्चात व्रती को अगली दो रात्रि व एक दिन अन्न का एक भी दाना व जल की एक भी बूँद ग्रहण नही करनी होती हैं। अर्थात व्रती छठ के चौथे या अंतीम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर ही व्रत खोल सकते हैं।
  8. तीसरे दिन अर्थात छठ पूजा के मुख्य दिन पूजा का सारा सामान पहले ही एकत्रित कर ले ताकि बाद में समस्या ना हो। संध्या में सूर्यास्त से पहले ही घाट पर सब सामान लेकर पहुँच जाए। वहां पहुंचकर सूर्य देव की पूजा करे व छठ के गीत गाए।
  9. सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखे कि आपके शरीर के नीचे का आधा भाग पानी में हो जबकि ऊपर का आधा भाग पानी से बाहर। इसके बाद आप सूर्य देव को जल अर्पित करे या उन्हें अर्घ्य दे।
  10. छठ पूजा के अंतिम दिन जल्दी उठ जाए व सूर्योदय से पहले ही घाट पर पहुँच जाए व पुनः सूर्य देव को अर्घ्य  दे। चौथे दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने के पश्चात ही प्रसाद के रूप में भोजन को ग्रहण करे।

तो यह थी कुछ मुख्य बाते जिनका एक व्रती को छठ पूजा के समय ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा इन चार दिनों प्रत्येक व्रती को अपना मन शुद्ध रखना चाहिए व किसी भी प्रकार के नकारात्मक या बुरे विचार मन में नही लाने चाहिए। साथ ही इन दिनों किसी के साथ लड़ाई-झगड़ा करने से भी बचना चाहिए व समाज सेवा के कार्य करने चाहिए।

इस तरह से आज आपने जान लिया है कि छठ पूजा कैसे की जाती है (Chhath Puja Kaise Ki Jaati Hai) और उसके क्या कुछ नियम है। यदि अभी भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।

छठ पूजा के नियम से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: छठ पूजा कैसे मनाई जाती है?

उत्तर: छठ पूजा 4 दिनों तक मनाई जाती है इस दौरान हर घर में से किसी एक व्यक्ति को छठी मैया के नाम का व्रत रखना होता है और व्रत के नियमों का पालन करना होता है

प्रश्न: छठ पूजा कैसे मनाते हैं?

उत्तर: छठ पूजा को 4 दिनों तक मनाया जाता है इसमें पहला दिन नहाय खाय का होता है, फिर अगले तीन दिनों को खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है

प्रश्न: छठ पूजा कैसे करें?

उत्तर: छठ पूजा करने के लिए पहले दिन शुद्ध जल से स्नान कर भोजन करना होता है उसके बाद लगभग डेढ़ दिन का व्रत शुरू हो जाता है और तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को जल दिया जाता है

प्रश्न: छठ पूजा कैसे होती है?

उत्तर: छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से हो जाती है इसके बाद कठिन व्रत शुरू होता है और फिर तीसरे दिन सूर्य देव को प्रणाम कर उनकी पूजा की जाती है

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

Recent Posts

संतोषी मां चालीसा हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज के इस लेख में आपको संतोषी चालीसा (Santoshi Chalisa) पढ़ने को मिलेगी। सनातन धर्म…

8 hours ago

वैष्णो देवी आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ वैष्णो देवी की आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) का पाठ करेंगे।…

9 hours ago

तुलसी जी की आरती हिंदी में अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज के इस लेख में आपको तुलसी आरती (Tulsi Aarti) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ने…

10 hours ago

तुलसी चालीसा अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज हम तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे…

11 hours ago

महाकाली जी की आरती – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ महाकाली माता की आरती (Mahakali Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। जब…

2 days ago

महाकाली चालीसा इन हिंदी PDF फाइल व इमेज सहित डाउनलोड करें

आज हम आपके साथ श्री महाकाली चालीसा (Mahakali Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। जब भी…

2 days ago

This website uses cookies.