धर्म कथाएं

भगवान परशुराम के कितने शिष्य थे? जाने महाभारत में उनकी भूमिका

परशुराम महाभारत (Parshuram Mahabharat) के युद्ध में तो शामिल नहीं थे लेकिन उनके शिष्यों ने इस युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया था। भगवान परशुराम विष्णु के ऐसे अवतार थे जिन्होंने जन्म लेने के पश्चात भगवान विष्णु के बाद वाले अवतारों के समय भी अपना योगदान दिया। परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे जबकि श्रीकृष्ण आठवें किंतु उस समय भी भगवान परशुराम ने अपना योगदान दिया। आप त्रेता युग में माता सीता के स्वयंवर में भगवान परशुराम की भूमिका तो जानते ही होंगे लेकिन उससे भी बड़ी भूमिका उन्होंने महाभारत के युद्ध के समय निभाई थी।

ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि परशुराम के कितने शिष्य थे (Parshuram Ke Kitne Shishya The) जिन्होंने महाभारत के युद्ध में भूमिका निभाई। आज के इस लेख में हम आपके इसी प्रश्न का उत्तर देने वाले हैं। साथ ही आपको बताएँगे कि उनके शिष्यों की महाभारत के युद्ध में क्या कुछ भूमिया रही थी।

परशुराम महाभारत (Parshuram Mahabharat)

महाभारत के युद्ध में भगवान परशुराम के तीन ऐसे महान शिष्य थे जिनकी उस भीषण युद्ध में निर्णायक भूमिका रही। आप इसका अनुमान केवल इसी बात से लगा सकते हैं कि 18 दिनों तक चले महाभारत के युद्ध में 17 दिनों तक कौरवों की सेना का संचालन भगवान परशुराम के शिष्यों द्वारा ही किया गया था और स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को तीनों को निहत्था करवा कर मरवाना पड़ा था। आज हम भगवान परशुराम के महाभारत काल में योगदान तथा उनके शिष्यों के बारे में जानेंगे।

#1. भीष्म पितामह

महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह को कौन नही जानता। उनके पराक्रम के कारण संपूर्ण पांडव सेना दहल उठी थी। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को उनका वध करवाने के लिए शिखंडी का सहारा लेना पड़ा था। भीष्म इतने ज्यादा पराक्रमी थे कि उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को अपनी प्रतिज्ञा तोड़कर अस्त्र उठाने पर विवश कर दिया था।

चूँकि परशुराम केवल ब्राह्मणों को ही शिक्षा देते थे लेकिन भीष्म माँ गंगा के पुत्र थे। इसलिये उन्होंने भीष्म को संपूर्ण विद्या में पारंगत किया। एक बार परशुराम का अपने ही शिष्य भीष्म से भी युद्ध हुआ था लेकिन इसमें कोई भी परास्त नही हो सका था। यह युद्ध काशी की राजकुमारी अंबा को न्याय दिलवाने के लिए लड़ा गया था। चूँकि परशुराम स्वयं भगवान थे तथा भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान था, इसलिये अंत में देवताओं के द्वारा दोनों के बीच युद्ध को समाप्त करवाया गया था।

#2. गुरु द्रोणाचार्य

स्वयं पांडवों तथा कौरवों को अस्त्र-शस्त्र की विद्या प्रदान करने वाले वाले गुरु द्रोणाचार्य की शिक्षा भी भगवान परशुराम के द्वारा हुई थी। उन्होंने ही गुरु द्रोण को संपूर्ण अस्त्र-शस्त्रों को चलाने वाले मंत्रों का ज्ञान दिया था। इसके पश्चात ही गुरु द्रोणाचार्य ने पाँचों पांडवों तथा सौ कौरवों को शिक्षा प्रदान की थी।

स्वयं गुरु द्रोणाचार्य का भी कुरुक्षेत्र की भूमि में वध करना असंभव था। इसके लिए श्रीकृष्ण से छल से उनके पुत्र अश्वथामा की मृत्यु का षड़यंत्र रचा और उसी के पश्चात गुरु द्रोणाचार्य का वध हो सका था। इस तरह से परशुराम महाभारत (Parshuram Mahabharat) के मुख्य योद्धा और कौरव-पांडवों के गुरु के भी गुरु थे।

#3. दानवीर कर्ण

कर्ण कुंती का पुत्र और एक क्षत्रिय था लेकिन विपरीत परिस्थितियों के कारण कुंती ने जन्म के समय ही उसका त्याग कर दिया था। इस कारण उसका पालन-पोषण एक सूत के घर हुआ था। कर्ण के अंदर भी अस्त्र-शस्त्रों की शिक्षा प्राप्त करके विश्व का महान योद्धा बनने की चाह थी। इसके लिए उसने कई गुरुओं से याचना की लेकिन सूत पुत्र होने के कारण उसे नकार दिया गया।

अंत में वह भगवान परशुराम के पास गया तथा असत्य कहा कि वह एक ब्राह्मण है। कर्ण ने ब्राह्मण वेशभूषा धारण की तथा भगवान परशुराम से शिक्षा प्राप्त की। एक दिन जब भगवान परशुराम को कर्ण के क्षत्रिय होने का ज्ञान हुआ तब उन्होंने उसे श्राप दिया कि जब उसे अपनी विद्या की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी तब वह उसे भूल जायेगा। यहीं श्राप महाभारत के युद्ध में उसकी मृत्यु का कारण बना था।

इस तरह से आज आपने जान लिया है कि महाभारत के युद्ध में परशुराम के कितने शिष्य थे (Parshuram Ke Kitne Shishya The) और उनकी इस युद्ध में क्या कुछ भूमिका रही थी

परशुराम महाभारत से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: महाभारत में परशुराम कौन थे?

उत्तर: महाभारत में परशुराम ने अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई थी उनके तीन शिष्यों भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य और दानवीर कर्ण ने इस युद्ध में कौरवों की ओर से युद्ध लड़ा था

प्रश्न: महाभारत में परशुराम के कितने शिष्य थे?

उत्तर: महाभारत में परशुराम के कुल तीन शिष्य थे उनके नाम भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य और दानवीर कर्ण है जिन्होंने कौरवों की सेना का सञ्चालन किया था

प्रश्न: परशुराम के शिष्य कौन कौन है?

उत्तर: वैसे तो परशुराम जी के शिष्य बहुत थे लेकिन उनके तीन प्रमुख शिष्यों में भीष्म, द्रोणाचार्य व कर्ण का नाम आता है इन तीनो ने ही महाभारत के युद्ध में कौरव सेना के सेनापति के रूप में भूमिका निभाई थी

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कृष्णा

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