आज हम आपको ओम जय जगदीश हरे आरती इन हिंदी (OM Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics In Hindi) में अर्थ सहित देंगे। अब विष्णु जी की ओम जय जगदीश वाली आरती तो हर किसी को मूजबानी याद होती है लेकिन इसका अर्थ बहुत कम लोगों को ही पता होता है। इसलिए आज हम ना केवल इस आरती का अर्थ बल्कि उसका भावार्थ भी आपके साथ साझा करेंगे।
इतना ही नहीं, आज के इस लेख में आपको ओम जय जगदीश आरती फोटो और पीडीएफ फाइल (OM Jai Jagdish Hare Aarti PDF) भी मिलेगी। इसे आप अपने मोबाइल में सेव करके रख सकते हैं और जब चाहे खोलकर पढ़ सकते हैं। आइए सबसे पहले हम ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स का हिंदी अर्थ जान लेते हैं।
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
संपूर्ण जगत के स्वामी और ईश्वर, आपकी जय हो। आप अपने भक्तों और उपासकों के संकट, दुविधाएं, कष्ट, दुःख इत्यादि कुछ क्षणों में ही दूर कर देते हो।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
जो भी भक्तगण आपका सच्चे मन से ध्यान लगाता है, उसके मन से दुखों का नाश हो जाता है। उसके घर सुख-संपत्ति आती है और शरीर के सभी रोग व कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ मैं जिसकी॥
हे भगवान विष्णु! आप ही मेरे माता-पिता हो अर्थात आपके कारण ही मेरा जन्म हुआ है और मैं आपकी शरण में आता हूँ। आपके बिना मेरा कोई अपना नही है और मैं आपसे ही आशा रखता हूँ।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
परमब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी॥
आप परमात्मा हो अर्थात सभी आत्माओं के स्वामी, आप अंतर्यामी हो अर्थात सभी जगह विद्यमान हो, आप ही परम ब्रह्मा हो और सभी ईश्वर में सबसे महान हो, आप ही हम सभी के स्वामी हो।
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खलकामी, कृपा करो भर्ता॥
आप ही हम सभी पर कृपा दृष्टि रखते हो और आप ही इस विश्व का पालन-पोषण करते हो। मैं तो एक मुर्ख व्यक्ति हूँ जो आपका सेवक हूँ। इसलिए हे दयानिधान!! मुझ पर अपनी कृपा करो।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
आपको देखा नही जा सकता अर्थात आप सभी में विद्यमान हो लेकिन अदृश्य रूप में, आप ही सभी के अंदर प्राण रूप में हो अर्थात आत्मा ही परमात्मा का एक रूप है। मैं ऐसे क्या जत्न या प्रयास करूँ कि मुझे आपकी प्राप्ति हो जाए और मेरी बुद्धि ठीक हो जाए।
दीनबन्धु दुःखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
आप सभी निर्धन और याचक लोगों के मित्र हैं, आप हम सभी के दुखों का निवारण करते हैं, आप ही हम सभी की रक्षा करते हैं। हम सभी अपने दोनों हाथ उठाए आपके द्वार के बाहर खड़े हैं, कृपया हमे अपनी शरण में ले लीजिए।
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
हमारे सभी संकट, कष्ट, विकार इत्यादि का नाश कर दो, हमारे पापों का अंत कर दो, हमारे मन में श्रद्धा व भक्तिभाव बढ़ाओ और संतों की सेवा करो। हे विष्णु भगवान! आपकी जय हो।
वैसे तो ओम जय जगदीश हरे आरती की रचना विष्णु भगवान के स्वरुप के लिए की गयी थी लेकिन यह इतनी ज्यादा प्रचलित हुई कि अब जो भी कोई धार्मिक आयोजन होता है, उसमे यह आरती मुख्य से की जाती है। इस आरती में भगवान विष्णु के परमात्मा स्वरुप की महत्ता बताई गयी है।
हिंदू धर्म में ब्रह्मा को सृष्टि का रचियता कहा गया है और शिव को संहारक। तो रचना व संहार के बीच के समय का जो उत्तरदायित्व भगवान विष्णु के द्वारा उठाया जाता है और इस सृष्टि का संचालन किया जाता है, वह इस आरती के माध्यम से कहने का प्रयास किया गया है। जब-जब भी पृथ्वी पर अधर्म धर्म से ज्यादा होने लगता है, तब-तब भगवान विष्णु किसी ना किसी रूप में जन्म लेते हैं और अधर्म का सम्पूर्णतया नाश कर देते हैं।
ऐसे में इस आरती के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि यदि हम अपना मन सात्विक कार्यों में लगाएंगे, भगवान विष्णु के द्वारा बताये गए मार्ग पर चलेंगे तो हमारे सभी कष्ट, दुःख, दरिद्रता, तनाव दूर हो जाएगा और शरीर रोगों से मुक्त होगा। ऐसे में विष्णु भक्ति करने और धर्म में ध्यान लगाने से मनुष्य का ना केवल तन बल्कि मन भी शुद्ध होता है जो हमारे संपूर्ण विकास के लिए अति-आवश्यक है।
यह रही ओम जय जगदीश आरती की फोटो:
यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।
अब हम ओम जय जगदीश हरे आरती की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: OM Jai Jagdish Hare Aarti PDF
ऊपर आपको लाल रंग में ओम जय जगदीश हरे आरती की PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने ओम जय जगदीश हरे आरती इन हिंदी (OM Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics In Hindi) में अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही हमने आपको इसकी फोटो और पीडीएफ फाइल भी उपलब्ध करवा दी है। यदि आपको इमेज या पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।
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