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पैशाच विवाह क्या है? जानिए पैशाच विवाह किसे कहते हैं

पैशाच विवाह (Paishacha Vivah): मनुस्मृति में कुल 8 प्रकार के विवाह माने गए हैं। इनमें से ब्रह्म विवाह को सबसे श्रेठ विवाह की संज्ञा दी गयी है तो वही पैशाच विवाह को सबसे निम्न स्तर का विवाह माना गया हैं। हिंदू धर्म में कुल आठ प्रकार के विवाहों में अंतिम तीन प्रकार के विवाह निम्न स्तर के माने गए हैं जिनमे से पैशाच विवाह सबसे निम्न हैं।

इसे पिशाच विवाह भी कह दिया जाता है अब आपके मन में प्रश्न होगा कि आखिरकार यह पिशाच विवाह क्या है (Pishach Vivah Kya Hai) और इसमें किस तरह से विवाह होता है!! इसलिए आज हम आपके साथ पैशाच विवाह से जुड़ी हरेक जानकारी इस लेख में साझा करने वाले हैं

Pishach Vivah Kya Hai | पिशाच विवाह क्या है?

विवाह के कुल आठ प्रकार है जिनमें से ब्रह्म विवाह सर्वश्रेष्ठ विवाह है जबकि पिशाच विवाह सबसे निम्न स्तर का विवाह है। इन आठ प्रकारों में पहले के पांच प्रकार के विवाह उच्च श्रेणी के विवाह है जबकि आखिर के तीन विवाह निम्न श्रेणी के विवाह माने जाते हैं। इन तीनों निम्न श्रेणियों के विवाह में भी पैशाच विवाह को निम्नस्तर का विवाह माना जाता है। इसके पीछे भी एक कारण है जो पिशाच विवाह होने की स्थिति से जुड़ा हुआ है।

दरअसल अन्य सभी प्रकार के विवाह में या तो कन्या की अनुमति ली जाती है या उसके परिवारवालो की या फिर दोनों की। कोई भी ऐसा विवाह नही है जिसमें दोनों में से किसी एक की भी अनुमति ना ली जाए लेकिन पैशाच विवाह में इनमे से दोनों की ही अनुमति नही ली जाती है। ऐसे में कन्या के साथ जोर-जबरदस्ती करके या उसे बेहोश करके किया गया विवाह Paishacha Vivah की श्रेणी में आता है।

इसके लिए कन्या का अपहरण कर लिया जाता है या अपने बहुबल या कन्या के परिवार को डरा-धमका जोर-जबरदस्ती विवाह किया जाता है। इस तरह से हुआ विवाह ही पिशाच विवाह की श्रेणी में आता है।

पैशाच विवाह कैसे होता है?

इसमें पुरुष या वर पक्ष के लोग कन्या का जबरदस्ती अपहरण कर ले या उसे बहला-फुलसाकर अपने साथ ले जाए या किसी भी वजह से उसे अपने साथ मिला ले। इसके पश्चात यदि पुरुष उस कन्या को बेहोश करके या उसकी गहरी नींद में या उससे जोर-जबरदस्ती करके या नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ अग्नि को साक्षी मानकर विवाह कर लेता हैं तो उस विवाह को संपन्न माना जाता हैं।

हालाँकि Paishacha Vivah एक अनुचित विवाह हैं लेकिन फिर भी इसे विवाह की संज्ञा दी गयी है। इसमें जब तक कन्या होश में आती हैं तब तक उसका विवाह हो चुका होता हैं।

पैशाच विवाह का उदाहरण

इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण महाभारत काल के समय में मिलता हैं। उस समय भीष्म पितामह ने हस्तिनापुर के राजा के अधीन रहकर ही काम करने का वचन लिया था। उसी वचन का पालन करने के लिए भीष्म पितामह ने हस्तिनापुर के सम्राट के साथ विवाह करवाने के लिए काशी नरेश की तीनो पुत्रियों का अपहरण कर लिया था।

इसमें ना ही काशी नरेश की अनुमति थी तथा ना ही उन तीनो कन्याओं की लेकिन कोई भी भीष्म पितामह की शक्ति के कारण उनका विरोध नही कर पाया था। इसलिए शास्त्रों के अनुसार वह विवाह पैशाच विवाह की श्रेणी के अंतर्गत ही आता है। इस तरह से आज आपने पिशाच विवाह क्या है (Pishach Vivah Kya Hai) व यह किस तरह से होता है, इसके बारे में समूची जानकारी ले ली है।

पिशाच विवाह से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: पैशाच विवाह क्या है?

उत्तर: जब कोई विवाह लड़की के साथ जोर-जबरदस्ती करके किया जाता है और साथ ही इसमें लड़की के घरवालों की भी अनुमति नहीं होती है तो उस विवाह को पैशाच विवाह कहा जाता है

प्रश्न: पैशाच विवाह किसे कहते हैं?

उत्तर: पैशाच विवाह उस विवाह को कहा जाता है जिसमें बिना कन्या की अनुमति के विवाह संपन्न करवाया जाता है इतना ही नहीं, उस विवाह में कन्या के घरवालों की भी अनुमति नहीं होती है

प्रश्न: पिशाच विवाह क्या होता है?

उत्तर: पिशाच विवाह वह विवाह होता है जिसमें लड़की के घरवालों को डरा-धमका कर और अपने बहुबल की सहायता से उस लड़की से विवाह किया जाता है

प्रश्न: पिशाच विवाह किसे कहते हैं?

उत्तर: पिशाच विवाह उसे कहा जाता है जिसमें लड़के के घरवाले लड़की के घरवालों को डराकर या अपने बहुबल के दम पर अपने लड़के का विवाह उस लड़की से करवा देते हैं

प्रश्न: पैशाच विवाह क्या होता है?

उत्तर: पैशाच विवाह उस विवाह को कहा जाता है जिस विवाह में ना तो लड़की की और ना ही उसके घरवालों की अनुमति होती है लड़के के घरवाले जोर-जबरदस्ती अपने लड़के का विवाह उससे करवा देते हैं

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कृष्णा

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