आज हम आपको सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए (Surya Grahan Me Kya Nahi Karna Chahiye) और किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में बताएँगे। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में गतिरोध उत्पन्न करता है जिससे हमारे ऊपर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इस समय सूर्य की किरणें पृथ्वी पर न पहुँच पाने के कारण वातावरण में हानिकारक तत्वों का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।
सूर्य ग्रहण को लेकर हमारे मन में कई तरह की शंका होती है। जैसे कि सूर्य ग्रहण में पानी पीना चाहिए या नहीं, सूर्य ग्रहण में क्या दान करना चाहिए या सूर्य ग्रहण में किसकी पूजा करनी चाहिए, इत्यादि। इसलिए आज के इस लेख में हम सूर्य ग्रहण से जुड़े आपके हरेक प्रश्न का उत्तर देने वाले हैं। आइए पढ़ते हैं।
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव हम सभी को ही भोगने पड़ते हैं लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर इनसे बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि जब सूर्य ग्रहण लगा हो तो उस समय हमें किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए (Surya Grahan Me Kya Nahi Karna Chahiye) तथा किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
इस तरह से आपने जान लिया है कि सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए (Surya Grahan Me Kya Nahi Karna Chahiye) और क्या करना चाहिए। आइए सूर्य ग्रहण से जुड़ी आपकी अन्य शंकाओं का भी समाधान कर देते हैं।
सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को ईश्वर की मूर्ति को ना तो छूना होता है और ना ही पूजा स्थल या मंदिर जाना होता है लेकिन वह मंत्रों का जाप कर सकता है। धर्म के अनुसार इस दौरान वैदिक मंत्रों का जाप करने से सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। मुख्य तौर पर ॐ और गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस दौरान ध्यान करने के भी लाभ देखने को मिलते हैं।
इसी के साथ ही आपको अच्छा सोचना चाहिए और ऐसी ही चीजें पढ़नी चाहिए। आप चाहें तो इस दौरान उत्साहवर्धक पुस्तके पढ़ सकते हैं, सकारात्मक लोगों से बात कर सकते हैं या चित्रकारी कर सकते हैं। कुल मिलाकर सूर्य ग्रहण के समय आपको या तो ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए या फिर कोई सकारात्मक काम करना चाहिए।
ग्रहण समाप्ति के पश्चात शरीर की शुद्धि के लिए स्नान अवश्य करें जिससे नकारात्मक किरणों का प्रभाव कम हो जाता है। शरीर की शुद्धि के लिए पानी में गंगाजल भी मिलाया जा सकता है। इसी के साथ ही घर की भी साफ-सफाई की जानी जरुरी है। इसके लिए घर के हरेक कमरे में गंगाजल छिड़कें और साथ ही धूप-बत्ती करें।
आपने जो कपड़े पहले पहन रखे थे, उन्हें धोने में डाल दें। नहाने के बाद आपको नए और धुले हुए वस्त्र पहनने चाहिए। यदि भोजन बच गया था तो उसे खाएं नहीं। बचा हुआ भोजन पशु-पक्षियों को दिया जा सकता है लेकिन उसे खुद ना खाएं। पूजा स्थल की भी अच्छे से साफ-सफाई करें और भगवान की सभी मूर्तियों को गंगाजल से स्नान करवाएं।
सूर्य ग्रहण के समय पानी पीना चाहिए या नहीं, इसको लेकर हर कोई दुविधा में रहता है। ऐसे में आज हम आपको बता दें कि धर्म के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय पानी पीने की मनाही होती है। इस दौरान ना ही तो अन्न ग्रहण करना चाहिए और ना ही पानी पीना चाहिए अन्यथा इसके दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं।
दरअसल सूर्य ग्रहण के समय वायुमंडल में हानिकारक किरणों का प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में यदि आप पानी पीते हैं तो उसके माध्यम से हानिकारक तत्व आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। बाद में चलकर यह आपको कई तरह के नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए इस दौरान पानी पीने या भोजन करने को मना किया जाता है।
हालाँकि यदि आपको बहुत ज्यादा प्यास लग रही है या ग्रहण का समयकाल बहुत ज्यादा लंबा है तो इसका भी एक उपाय है। आप ग्रहण शुरू होने से पहले ही पानी के अंदर दो से तीन तुलसी के पत्ते डालकर रखें और उसे अच्छे से ढक कर रखें। तुलसी के पत्तों के प्रभाव से ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है लेकिन पूरी तरह फिर भी समाप्त नहीं होता है।
सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को क्या दान करना चाहिए, यह मुख्य तौर पर उसकी राशि व स्थिति पर निर्भर करता है। वैसे जो चीजें इस दौरान मुख्य रूप से दान की जाती है, वह है:
इस तरह से आप कई तरह की चीज़ों का दान कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि इन चीज़ों का दान आपको ना तो सूर्य ग्रहण से पहले करना है और ना ही सूर्य ग्रहण के समय में करना है। जब सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाता है, तब आपको इन चीज़ों का दान करना चाहिए।
यह बात आप गाँठ बांधकर रख लें कि सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, इस दौरान किसी भी भगवान की पूजा-पाठ की जानी वर्जित मानी गई है। ग्रहण के समय में तो देशभर के सभी मंदिर भी बंद कर दिए जाते हैं। इतना ही नहीं, हर सनातनी के घर में पूजा-स्थल पर भी पर्दा कर दिया जाता है या उसके दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।
इसलिए आपको चाहे कोई भी कुछ भी कहे, आप बस यह बात ध्यान रखें कि इस दौरान हर तरह की पूजा वर्जित होती है। आप ना तो ईश्वर के पास जा सकते हैं, ना उनकी मूर्ति को स्पर्श कर सकते हैं और ना ही पूजा-पाठ या मांगलिक कार्य कर सकते हैं। हाँ, आप अपने कमरे में बैठकर वैदिक मंत्रों का जाप कर सकते हैं जिसमें ॐ व गायत्री मंत्र प्रमुख है।
सूर्यग्रहण के ऊपर प्रश्नोत्तर
प्रश्न: सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर: सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को ना तो बाहर निकलना चाहिए, ना ही पूजा-पाठ करना चाहिए और ना ही अन्न-जल को ग्रहण करना चाहिए। इस दौरान उसे सकारात्मक बने रहना चाहिए और ध्यान करना चाहिए।
प्रश्न: सूर्य ग्रहण के समय क्या करना चाहिए?
उत्तर: सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को सकारात्मक पुस्तकें पढ़नी चाहिए, सकारात्मक लोगों से बातचीत करनी चाहिए तथा मन को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए।
प्रश्न: सूर्य ग्रहण के समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: सूर्य ग्रहण के समय हमें अन्न-जल नहीं ग्रहण करना चाहिए, नुकीली या धारदार वस्तुओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए और कोई भी भारी काम भी नहीं करना चाहिए।
प्रश्न: सूर्य ग्रहण में पढ़ना चाहिए या नहीं?
उत्तर: सूर्य ग्रहण में पढ़ने की कोई मनाही नहीं होती है। हालाँकि आप सकारात्मक चीजें या कुछ सीखने वाली चीजें ही पढ़ें। इस दौरान नकारात्मकता से दूर रहें।
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