वैदिक ज्ञान

सूर्य ग्रहण में पानी पीना चाहिए या नहीं? जाने सभी सावधानियाँ

आज हम आपको सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए (Surya Grahan Me Kya Nahi Karna Chahiye) और किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में बताएँगे। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में गतिरोध उत्पन्न करता है जिससे हमारे ऊपर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इस समय सूर्य की किरणें पृथ्वी पर न पहुँच पाने के कारण वातावरण में हानिकारक तत्वों का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।

सूर्य ग्रहण को लेकर हमारे मन में कई तरह की शंका होती है। जैसे कि सूर्य ग्रहण में पानी पीना चाहिए या नहीं, सूर्य ग्रहण में क्या दान करना चाहिए या सूर्य ग्रहण में किसकी पूजा करनी चाहिए, इत्यादि। इसलिए आज के इस लेख में हम सूर्य ग्रहण से जुड़े आपके हरेक प्रश्न का उत्तर देने वाले हैं। आइए पढ़ते हैं।

सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए?

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभाव हम सभी को ही भोगने पड़ते हैं लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर इनसे बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि जब सूर्य ग्रहण लगा हो तो उस समय हमें किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए (Surya Grahan Me Kya Nahi Karna Chahiye) तथा किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

  1. सबसे प्रथम बात तो यह कि जब सूर्य ग्रहण लगा हो ऐसे समय में घर से बाहर ना निकलें क्योंकि वायुमंडल में उपस्थित एक्स रेज़ तथा पराबैंगनी किरणें आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकती है।
  2. सूर्य ग्रहण को कदापि नग्न आँखों से देखने का प्रयास ना करें क्योंकि अचानक से जब सूर्य की किरणें आपकी आँखों पर पड़ेगी तो इससे नेत्र रोग हो सकते हैं व कभी-कभार यह व्यक्ति को अँधा तक बना सकती है।
  3. शरीर पर किसी प्रकार के तेल का लेप ना करें तथा ना ही इत्र परफ्यूम आदि लगाएं क्योंकि इससे त्वचा संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
  4. जब सूर्य ग्रहण लगा हो तो ऐसे समय में भोजन इत्यादि का सेवन न करें तथा कुछ भी खाने से बचें। हो सके तो सूतक काल लगने से पहले ही भोजन कर लें तथा उसके बाद ग्रहण समाप्ति के पश्चात ही भोजन करें। ग्रहण लगने से पहले भोजन को बचाकर भी न रखें क्योंकि वह दूषित हो जाता है।
  5. पीने के पानी में तुलसी का पत्ता डालकर रखें जिससे उस पर ग्रहण के समय नकारात्मक तरंगों का प्रभाव न पड़े। तुलसी का पत्ता डालकर रखने से जल शुद्ध रहता है।
  6. सूर्य ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले ही मंदिर इत्यादि बंद हो जाते हैं। इसलिए ऐसे समय में घर के पूजा स्थल को भी बंद कर दें या पर्दा कर दें। ग्रहण समाप्ति के पश्चात पूजा स्थल में गंगा जल छिड़ककर शुद्ध करें तथा पूरे घर की साफ-सफाई करें।
  7. सूर्य ग्रहण के समय किसी भी नुकीली या तीखी वस्तु का इस्तेमाल न करें जैसे कि सुई, चाकू इत्यादि क्योंकि सूर्य की किरणों के प्रभाव से आँखें एक दम चौंधियां जाती है जिससे आपको चोट लग सकती है।
  8. इस समय कोई भी शुभ कार्य करने की भी मनाही होती है। इसलिए ग्रहण के समय किसी भी शुभ कार्य को करने से बचें अन्यथा यह अनिष्टकारी सिद्ध हो सकता है।
  9. जब ग्रहण लगा हो तो ऐसे समय में वायुमंडल में नकारात्मकता हावी होती है जिसका सीधा प्रभाव मनुष्य के स्वभाव पर भी पड़ता है। ऐसे समय में मन में बुरे विचारों को लाने से बचें तथा क्रोध न करें।
  10. इस दौरान व्यक्ति को सोने की भी मनाही होती है। वह इसलिए क्योंकि चारों ओर नकारात्मकता हावी होती है। ऐसे में यदि आप सोते हैं तो आपको बुरे सपने आ सकते हैं। इस कारण आपकी मनोस्थिति पर बुरा असर पड़ता है।

इस तरह से आपने जान लिया है कि सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए (Surya Grahan Me Kya Nahi Karna Chahiye) और क्या करना चाहिए। आइए सूर्य ग्रहण से जुड़ी आपकी अन्य शंकाओं का भी समाधान कर देते हैं।

सूर्य ग्रहण में क्या करना चाहिए?

सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को ईश्वर की मूर्ति को ना तो छूना होता है और ना ही पूजा स्थल या मंदिर जाना होता है लेकिन वह मंत्रों का जाप कर सकता है। धर्म के अनुसार इस दौरान वैदिक मंत्रों का जाप करने से सूर्य ग्रहण के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। मुख्य तौर पर ॐ और गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस दौरान ध्यान करने के भी लाभ देखने को मिलते हैं।

इसी के साथ ही आपको अच्छा सोचना चाहिए और ऐसी ही चीजें पढ़नी चाहिए। आप चाहें तो इस दौरान उत्साहवर्धक पुस्तके पढ़ सकते हैं, सकारात्मक लोगों से बात कर सकते हैं या चित्रकारी कर सकते हैं। कुल मिलाकर सूर्य ग्रहण के समय आपको या तो ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए या फिर कोई सकारात्मक काम करना चाहिए।

सूर्य ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए?

ग्रहण समाप्ति के पश्चात शरीर की शुद्धि के लिए स्नान अवश्य करें जिससे नकारात्मक किरणों का प्रभाव कम हो जाता है। शरीर की शुद्धि के लिए पानी में गंगाजल भी मिलाया जा सकता है। इसी के साथ ही घर की भी साफ-सफाई की जानी जरुरी है। इसके लिए घर के हरेक कमरे में गंगाजल छिड़कें और साथ ही धूप-बत्ती करें।

आपने जो कपड़े पहले पहन रखे थे, उन्हें धोने में डाल दें। नहाने के बाद आपको नए और धुले हुए वस्त्र पहनने चाहिए। यदि भोजन बच गया था तो उसे खाएं नहीं। बचा हुआ भोजन पशु-पक्षियों को दिया जा सकता है लेकिन उसे खुद ना खाएं। पूजा स्थल की भी अच्छे से साफ-सफाई करें और भगवान की सभी मूर्तियों को गंगाजल से स्नान करवाएं।

सूर्य ग्रहण में पानी पीना चाहिए या नहीं?

सूर्य ग्रहण के समय पानी पीना चाहिए या नहीं, इसको लेकर हर कोई दुविधा में रहता है। ऐसे में आज हम आपको बता दें कि धर्म के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय पानी पीने की मनाही होती है। इस दौरान ना ही तो अन्न ग्रहण करना चाहिए और ना ही पानी पीना चाहिए अन्यथा इसके दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं।

दरअसल सूर्य ग्रहण के समय वायुमंडल में हानिकारक किरणों का प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में यदि आप पानी पीते हैं तो उसके माध्यम से हानिकारक तत्व आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। बाद में चलकर यह आपको कई तरह के नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए इस दौरान पानी पीने या भोजन करने को मना किया जाता है।

हालाँकि यदि आपको बहुत ज्यादा प्यास लग रही है या ग्रहण का समयकाल बहुत ज्यादा लंबा है तो इसका भी एक उपाय है। आप ग्रहण शुरू होने से पहले ही पानी के अंदर दो से तीन तुलसी के पत्ते डालकर रखें और उसे अच्छे से ढक कर रखें। तुलसी के पत्तों के प्रभाव से ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है लेकिन पूरी तरह फिर भी समाप्त नहीं होता है।

सूर्य ग्रहण में क्या दान करना चाहिए?

सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को क्या दान करना चाहिए, यह मुख्य तौर पर उसकी राशि व स्थिति पर निर्भर करता है। वैसे जो चीजें इस दौरान मुख्य रूप से दान की जाती है, वह है:

  • गुड़
  • बर्तन
  • चना
  • गेहूं
  • दालें
  • लाल वस्त्र
  • स्वर्ण धातु इत्यादि

इस तरह से आप कई तरह की चीज़ों का दान कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि इन चीज़ों का दान आपको ना तो सूर्य ग्रहण से पहले करना है और ना ही सूर्य ग्रहण के समय में करना है। जब सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाता है, तब आपको इन चीज़ों का दान करना चाहिए।

सूर्य ग्रहण में किसकी पूजा करनी चाहिए?

यह बात आप गाँठ बांधकर रख लें कि सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, इस दौरान किसी भी भगवान की पूजा-पाठ की जानी वर्जित मानी गई है। ग्रहण के समय में तो देशभर के सभी मंदिर भी बंद कर दिए जाते हैं। इतना ही नहीं, हर सनातनी के घर में पूजा-स्थल पर भी पर्दा कर दिया जाता है या उसके दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।

इसलिए आपको चाहे कोई भी कुछ भी कहे, आप बस यह बात ध्यान रखें कि इस दौरान हर तरह की पूजा वर्जित होती है। आप ना तो ईश्वर के पास जा सकते हैं, ना उनकी मूर्ति को स्पर्श कर सकते हैं और ना ही पूजा-पाठ या मांगलिक कार्य कर सकते हैं। हाँ, आप अपने कमरे में बैठकर वैदिक मंत्रों का जाप कर सकते हैं जिसमें ॐ व गायत्री मंत्र प्रमुख है।

सूर्यग्रहण के ऊपर प्रश्नोत्तर

प्रश्न: सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करना चाहिए?

उत्तर: सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को ना तो बाहर निकलना चाहिए, ना ही पूजा-पाठ करना चाहिए और ना ही अन्न-जल को ग्रहण करना चाहिए इस दौरान उसे सकारात्मक बने रहना चाहिए और ध्यान करना चाहिए

प्रश्न: सूर्य ग्रहण के समय क्या करना चाहिए?

उत्तर: सूर्य ग्रहण के समय व्यक्ति को सकारात्मक पुस्तकें पढ़नी चाहिए, सकारात्मक लोगों से बातचीत करनी चाहिए तथा मन को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए

प्रश्न: सूर्य ग्रहण के समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

उत्तर: सूर्य ग्रहण के समय हमें अन्न-जल नहीं ग्रहण करना चाहिए, नुकीली या धारदार वस्तुओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए और कोई भी भारी काम भी नहीं करना चाहिए

प्रश्न: सूर्य ग्रहण में पढ़ना चाहिए या नहीं?

उत्तर: सूर्य ग्रहण में पढ़ने की कोई मनाही नहीं होती है हालाँकि आप सकारात्मक चीजें या कुछ सीखने वाली चीजें ही पढ़ें इस दौरान नकारात्मकता से दूर रहें

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

Recent Posts

संतोषी मां चालीसा हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज के इस लेख में आपको संतोषी चालीसा (Santoshi Chalisa) पढ़ने को मिलेगी। सनातन धर्म…

13 hours ago

वैष्णो देवी आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ वैष्णो देवी की आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) का पाठ करेंगे।…

14 hours ago

तुलसी जी की आरती हिंदी में अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज के इस लेख में आपको तुलसी आरती (Tulsi Aarti) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ने…

16 hours ago

तुलसी चालीसा अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज हम तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे…

16 hours ago

महाकाली जी की आरती – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ महाकाली माता की आरती (Mahakali Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। जब…

3 days ago

महाकाली चालीसा इन हिंदी PDF फाइल व इमेज सहित डाउनलोड करें

आज हम आपके साथ श्री महाकाली चालीसा (Mahakali Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। जब भी…

3 days ago

This website uses cookies.