वैदिक ज्ञान

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण क्या है? जाने इस समय क्या स्थिति बनती है

सूर्य ग्रहण क्या है (Surya Grahan Kya Hai) और उसमें भी यह संकर सूर्य ग्रहण क्या होता है? सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी तथा सूर्य के मध्य में आ जाता है। इस कारण पृथ्वी तक सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँच पाता तथा वह छुप जाता है। इसी स्थिति को हम सूर्य ग्रहण के नाम से जानते हैं। यह सूर्य ग्रहण चंद्रमा की स्थिति तथा पृथ्वी की उससे दूरी के कारण भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है जैसे कि पूर्ण, आंशिक तथा वलयाकार सूर्य ग्रहण।

इन तीनों के अलावा एक अन्य स्थिति भी बनती है जिसमें एक ही समय में पृथ्वी पर पूर्ण तथा वलयाकार दोनों प्रकार के सूर्य ग्रहण दिखाई देते हैं। इसे ही हम संकर सूर्य ग्रहण या हाइब्रिड सूर्य ग्रहण (Hybrid Surya Grahan) के नाम से जानते हैं। यह सूर्य ग्रहण किस प्रकार लगता है, आज हम इसी के बारे में जानेंगे।

Surya Grahan Kya Hai | सूर्य ग्रहण क्या है?

यह तो हम सभी जानते हैं कि चंद्रमा निरंतर पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है लेकिन वह हमेशा पृथ्वी से समान दूरी पर नहीं होता है अर्थात किसी समय उसकी पृथ्वी से दूरी अधिक होती है तो कभी कम। इस कारण जब वह सूर्य तथा पृथ्वी के बीच में आता है तथा पृथ्वी के इतना पास होता है कि उसकी छाया से पृथ्वी का एक भूभाग पूर्णतया ढक जाता है तो उस स्थिति में पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है।

इसके विपरीत जब वह सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य में आता है लेकिन उसकी दूरी पृथ्वी से अधिक होती है तब उसकी छाया पृथ्वी से पहले ही समाप्त होकर एक बिंदु पर मिलती है तथा वहाँ से नया लेकिन छोटा छाया क्षेत्र बनाती है जिससे पृथ्वी पर वह सूर्य को पूर्ण रूप से नहीं ढक पाता तब वलयाकार सूर्य ग्रहण लगता है। इस समय सूर्य बीच में से ढक जाता है तथा किनारों से दिखाई देता है।

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण (Hybrid Surya Grahan)

इस समय भी सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य में चंद्रमा आ जाता है लेकिन उसकी दूरी पृथ्वी से ना ही ज्यादा होती है व ना ही कम। वह पृथ्वी से इतना दूर होता है जिससे उसकी छाया पृथ्वी के एक बहुत छोटे भूभाग या सतह पर आकर समाप्त होती है तथा वहाँ से नया छाया क्षेत्र बनाते हुए चारों ओर फैलती है।

इस स्थिति में पृथ्वी के पूर्ण छाया क्षेत्र वाले भूभाग पर पूर्ण सूर्य ग्रहण लग जाता है व उसी समय उसके आसपास के क्षेत्र में वलयाकार सूर्य ग्रहण लगता है जिसमें सूर्य बीच में से ढका हुआ तथा किनारों से दिखाई देता हो। इसी स्थिति को हाइब्रिड सूर्य ग्रहण या संकर सूर्य ग्रहण की संज्ञा दी गई है।

यह स्थिति अपनी एक निश्चित दूरी के कारण बहुत कम ही बन पाती है इसलिए पृथ्वी पर हाइब्रिड सूर्य ग्रहण अन्य सूर्य ग्रहणों के अनुपात में बहुत कम दिखाई पड़ता है। इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने सूर्य ग्रहण क्या है (Surya Grahan Kya Hai) और उसमें भी संकर सूर्य ग्रहण किसे कहते हैं, के बारे में जान लिया है

संकर सूर्य ग्रहण से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: हाइब्रिड सूर्य ग्रहण क्या है?

उत्तर: हाइब्रिड सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी पर एक ही समय में दो तरह के सूर्य ग्रहण दिखाई देते हैं इसमें पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर पूर्ण सूर्य ग्रहण लग जाता है तो बाकी के हिस्से में वलयाकार सूर्य ग्रहण लगता है

प्रश्न: हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कब होगा?

उत्तर: पिछली बार हाइब्रिड सूर्य ग्रहण वर्ष 2023 में लगा था अब अगली बार यह वर्ष 2031 में लगेगा इस तरह का सूर्य ग्रहण बहुत ही कम देखने को मिलता है

प्रश्न: सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए?

उत्तर: सूतक काल लगने के बाद गर्भवती महिलाएं अपने घर से बाहर ना निकलें सात्विक भोजन करें और वैदिक मंत्रों का उच्चारण करें इस दौरान भारी काम करने से बचें और आराम करें

प्रश्न: Hybrid सूर्य ग्रहण क्या होता है?

उत्तर: Hybrid सूर्य ग्रहण में एक ही समय पर दो तरह के सूर्य ग्रहण देखने को मिलते हैं इस दौरान पृथ्वी पर पूर्ण सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण होता है

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कृष्णा

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