आज हम आरती गणेश जी की (Aarti Ganesh Ji Ki) करने जा रहे हैं। गणेश भगवान की कई आरतियां प्रचलन में है। इसमें से सर्वप्रसिद्ध आरती जय गणेश जय गणेश देवा है। यदि आपको यह आरती पढ़नी है तो आप इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपके साथ गणेश भगवान की श्रीगणपति भज प्रगट पार्वती वाली आरती साझा करने वाले हैं।
सर्वप्रथम आरती गणेश जी की लिरिक्स (Aarti Ganesh Ji Ki Lyrics) पढ़ने को मिलेंगे। उसके बाद हम गणेश आरती करने के फायदे और महत्व भी आपके साथ साझा करेंगे। इससे आपको गणेश आरती पढ़ने से क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं, यह समझने में सहायता होगी। तो आइए सबसे पहले करते हैं गणेश जी आरती।
श्रीगणपति भज प्रगट पार्वती,
अंक बिराजत अविनासी॥
ब्रह्मा-विष्णु-शिवादि सकल सुर,
करत आरती उल्लासी॥
त्रिशूलधरको भाग्य मानिकैं,
सब जुरि आये कैलाशी॥
करत ध्यान गंधर्व गान-रत,
पुष्पं की हो वर्षा सी॥
धनि भवानी व्रत साधि लह्यो जिन,
पुत्र परम गोलोकाशी॥
अचल अनादि अखंड परात्पर,
भक्त हेतु भव परकाशी॥
विद्या बुद्धि निधान गुनाकर,
विघ्नविनासन दुःखनासी॥
तुष्टि पुष्टि शुभ लाभ लक्षिम संग,
रिद्धि सिद्धि सी हैं दासी॥
सब कारज जग होत सिद्ध शुभ,
द्वादस नाम कहे छासी॥
कामधेनु चिंतामणि सुरतरु,
चार पदारथ देतासी॥
गज आनन् शुभ रदन इक,
सुंडी ढुंढी पुर पूजा सी॥
चार भुजा मोदक करतल सजि,
अंकुश धारत फरसा सी॥
ब्याल सूत्र त्रयनेत्र भाल ससि,
उन्दुरवाहन सुखरासी॥
जिनके सुमिरन सेवन करते,
टूट जात जमकी फांसी॥
कृष्णपाल धरि ध्यान निरंतर,
मन लगाय जो कोई गासी॥
दूर करैं भवकी बाधा प्रभु,
मुक्ति जन्म निजपद पासी॥
इस तरह से आज आपने आरती गणेश जी की लिरिक्स (Aarti Ganesh Ji Ki Lyrics) सहित पढ़ ली है। चलिए अब श्री गणेश आरती का महत्व और उसके पाठ से मिलने वाले लाभ के बारे में भी जान लेते हैं।
गणेश भगवान को सर्वप्रथम पूजने की परंपरा है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वयं महादेव ने उन्हें यह आशीर्वाद दिया है। इसी के साथ ही माँ लक्ष्मी की पूजा बिना गणेश भगवान की पूजा के अधूरी मानी जाती है। ऐसे में हम कोई भी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं तो सबसे पहले गणेश जी की आरती से ही शुरुआत होती है।
कहते हैं कि जब तक घर में गणेश जी का आगमन नहीं होता है, तब तक दूसरे देवी-देवता भी उस घर में प्रवेश नहीं करते हैं। इस कारण गणेश आरती का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। यदि आप अपने घर में अन्य देवी-देवताओं को भी बुलाना चाहते हैं तो सबसे पहले गणेश भगवान को निमंत्रण दिया जाना आवश्यक है। उसके लिए गणेश आरती करनी होती है। यहीं श्री गणेश जी आरती का महत्व है।
गणेश जी आरती को करने से एक नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। विघ्न अर्थात संकट और हर्ता अर्थात उसे हरने वाला या दूर करने वाला। गणेश आरती से गणेश भगवान प्रसन्न होते हैं और हमारे हर तरह के संकट को दूर कर देते हैं।
अब वह संकट चाहे परिवार को लेकर हो या करियर को लेकर, स्वास्थ्य की चिंता हो या व्यवसाय की, हर संकट गणेश जी की कृपा से दूर हो जाता है। इसी के साथ ही गणेश जी को बुद्धि का देवता माना जाता है। गणेश भगवान की आरती के माध्यम से हमारी बुद्धि का भी विकास होता है और आत्म-विश्वास में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। यहीं गणेश जी आरती के लाभ होते हैं।
आज के इस लेख के माध्यम से आपने आरती गणेश जी की (Aarti Ganesh Ji Ki) पढ़ ली है। साथ ही आपने जान लिया है कि गणेश जी आरती करने से क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं और उनका क्या महत्व है। अब यदि आपके मन में कोई और प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट कर हमसे पूछ सकते हैं। हम जल्द से जल्द उसका उत्तर देंगे।
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