आज हम आपको अयोध्या की रामलीला (Ayodhya Ki Ramleela) सहित भारत में प्रसिद्ध रामलीलाओं के बारे में बताएँगे। रामलीला श्रीराम की कथा का एक नाट्य रूपांतरण हैं जिसका मंचन हजारो वर्षो से होता आ रहा हैं। इसमें भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों तथा आदर्शों को नाटक के माध्यम से दिखाया जाता हैं जिसके द्वारा हम सभी को शिक्षा मिलती हैं।
यदि आप भी अयोध्या रामलीला (Ayodhya Ramleela) देखने को इच्छुक हैं और साथ ही जानना चाहते हैं कि देशभर में किन-किन जगहों पर रामलीला का मंचन भव्य रूप में किया जाता हैं तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएँगे।
अयोध्या तो भगवान श्रीराम की जन्मभूमि व कर्मभूमि हैं तो यहाँ की रामलीला तो सबसे अलग होगी ही। हालाँकि कुछ वर्षों के लिए यहाँ रामलीला का मंचन रोक दिया गया था किंतु अब यहाँ हर वर्ष रामलीला का आयोजन वैसे ही किया जाता है जैसे पहले किया जाता था।
यहाँ की रामलीला में विभिन्न मंडलियों के कलाकार भाग लेते हैं जो अपना उत्तम देने का प्रयास करते हैं। अयोध्या की रामलीला देखने का एक अलग ही आनंद हैं। आज के समय में तो अयोध्या की रामलीला पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है क्योंकि वहाँ भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर जो बन गया है।
ऐसे में भारत सरकार सहित उत्तर प्रदेश की सरकार अयोध्या के विकास में कोई कमी बाकी नहीं रहने दे रही है। ऐसे में अयोध्या रामलीला (Ayodhya Ramleela) को देखने तो देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग पहुँचते हैं।
यहाँ सर्वप्रथम उस रामलीला का मंचन हुआ था जो तुलसीदास जी के रामचरितमानस पर आधारित थी। लगभग पांच सौ वर्ष पूर्व इस रामलीला का मंचन हुआ था। इस रामलीला की विशेषता यह है कि सभी जगह रामलीला का मंचन नौ से दस दिन का होता हैं लेकिन वाराणसी की इस रामलीला का मंचन पूरे 31 दिन तक चलता हैं। यही इस रामलीला को सबसे भव्य व मुख्य बना देता है।
यहाँ की रामलीला को मुख्य रूप से सन 1830 ईसवीं में काशी के महाराज उदित नारायण सिंह के नेतृत्व में शुरू किया गया था। इसके मंचन का उत्तरदायित्व पंडित लक्ष्मी नारायण पाण्डेय तथा उनके परिवार पर होता हैं। रामलीला के रंगमंच के लिए विभिन्न सेट लगाए जाते हैं जिन्हें अलग-अलग नाम दिए जाते हैं।
लवकुश रामलीला मंडली के द्वारा आयोजित होने वाली यह रामलीला पूरी दिल्ली में प्रसिद्ध हैं जिसे देखने हजारो की संख्या में लोग आते हैं। इस रामलीला मंडली की स्थापना वर्ष 1979 में की गयी थी। यहाँ पर हर वर्ष हिंदी सिनेमा के चर्चित अभिनेता/ अभिनेत्रियों को बुलाया जाता हैं। इसके साथ ही राजनीति के बड़े चेहरे भी इस रामलीला में सम्मिलित होते हैं। इस रामलीला में स्पेशल इफेक्ट्स व स्टंट्स की सहायता ली जाती हैं जैसे कि उड़ते हुए हनुमान, श्रीराम व रावण का भीषण युद्ध इत्यादि।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने वाली रामलीला का मंचन भी बहुत प्रसिद्ध हैं जहाँ का दौरा भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी कर चुके हैं। यहाँ रामलीला का मंचन ऐशबाग में आयोजित किया जाता हैं जिसे मुग़ल आक्रांता असफ उद दौला के द्वारा निर्मित करवाया गया था। वैसे यहाँ रामलीला करने की शुरुआत अवध के राजाओं ने की थी।
इन सबके अलावा दो और जगहों की रामलीला तथा दशहरा बहुत प्रसिद्ध हैं। वह हैं हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का व कर्नाटक राज्य के मैसूर जिले का। इन दोनों ही स्थलों पर भव्य रामलीला तथा दशहरा का आयोजन हर वर्ष किया जाता हैं जिसे देखने लाखों की संख्या में लोग आते हैं।
इस तरह से देशभर में अयोध्या की रामलीला (Ayodhya Ki Ramleela) सहित यह कुछ रामलीलाएं प्रसिद्ध है। यदि आपने इनमे से किसी एक को भी नहीं देखा है तो हम आपको सलाह देंगे कि आप इस बार किसी एक को अवश्य देखे। अयोध्या रामलीला का प्रसारण तो अब टीवी पर भी होने लगा है जो आप अपने घर बैठे देख सकते हैं।
अयोध्या रामलीला से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: अयोध्या की रामलीला कौन से चैनल पर आ रही है?
उत्तर: अयोध्या की रामलीला दूरदर्शन चैनल और यूट्यूब पर आधिकारिक रूप से शाम 7 से 10 बजे तक दिखाई जाती है।
प्रश्न: अयोध्या की रामलीला कब से है?
उत्तर: अयोध्या की रामलीला दशहरा से एक सप्ताह पहले शुरू हो जाती है। इसका प्रसारण आप दूरदर्शन चैनल पर देख सकते हैं।
प्रश्न: राम लीला किसने शुरू की थी?
उत्तर: राम लीला की शुरुआत तो बहुत समय से होती आ रही है लेकिन वह वाल्मीकि रचित रामायण से जुड़ी हुई थी। उसके बाद 1625 ईसवीं में मेघा भगत ने तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस पर पहली बार भव्य रामलीला का आयोजन किया था।
प्रश्न: रामलीला कितने दिन की है?
उत्तर: रामलीला सामान्य तौर पर 10 दिनों तक चलती है। कभी-कभी यह इससे कुछ कम या ज्यादा दिनों तक भी मनाई जा सकती है।
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