आरती

महाकाली जी की आरती – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ महाकाली माता की आरती (Mahakali Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। जब भी महाकाली माँ का नाम आता है तो हम सभी भयभीत हो जाते हैं लेकिन उनसे भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है। दरअसल माँ का यह रूप तो दुष्टों का नाश करने के उद्देश्य से प्रकट किया गया है। ऐसे में जो माँ महाकाली दुष्टों, पापियों, अधर्मियों का नाश करने में दिनरात लगी हुई हैं, उनसे तो हमें भयभीत होने की बजाए, उनका धन्यवाद करना चाहिए।

माँ महाकाली के महत्व को महाकाली आरती के माध्यम से अच्छे से जाना जा सकता है। यहीं कारण है कि आज के इस लेख में हम महाकाली जी की आरती (Mahakali Ji Ki Aarti) अर्थ सहित भी साझा करेंगे। लेख के अंत में महाकाली आरती के फायदे और उसके महत्व को भी बताया जाएगा। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं महाकाली माता की आरती हिंदी में।

Mahakali Mata Ki Aarti | महाकाली माता की आरती

जय काली माता, माँ जय महा काली माँ।
रक्बीतज वध कारिणी माता।
सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ

दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ, शुम्भ निशुम्भ हरलि।
मधु और कैटभ नासिनी माता।
महेशासुर मारदिनी, माँ जय महा काली माँ

हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि।
काल विनासिनी काली माता।
सुरंजना सुखदात्री हे माता

अननधम वस्तराँ दायनी माता आदि शक्ति अंबे।
कनकाना कना निवासिनी माता।
भगवती जगदंबे, माँ जय महा काली माँ

दक्षिणाकाली आध्याकाली, काली नामा रूपा।
तीनो लोक विचारिती माता धर्मा मोक्ष रूपा।
जय काली माता, माँ जय महा काली माँ

Mahakali Ji Ki Aarti | महाकाली जी की आरती – अर्थ सहित

जय काली माता, माँ जय महा काली माँ।
रक्बीतज वध कारिणी माता।
सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥

हे काली माता!! आपकी जय हो। हे महाकाली माता!! आपकी जय हो। आपने ही रक्तबीज राक्षस का संहार किया था। सभी देवता, मनुष्य व ऋषि-मुनि आपका ही ध्यान करते हैं और आपकी जय-जयकार करते हैं।

दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ, शुम्भ निशुम्भ हरलि।
मधु और कैटभ नासिनी माता।
महेशासुर मारदिनी, माँ जय महा काली माँ॥

आपने ही माँ सती के रूप में राजा दक्ष के यज्ञ का विध्वंस कर दिया था। आपने ही शुम्भ-निशुम्भ राक्षसों का वध किया था। आपने ही मधु व कैटभ राक्षसों का वध किया था। आप ही महिषासुर को मारकर महिषासुर मर्दिनी कहलायी थी। हे माँ महाकाली माँ!! आपकी जय हो।

हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि।
काल विनासिनी काली माता।
सुरंजना सुखदात्री हे माता॥

हे पर्वत पुत्री माँ पार्वती!! हे माँ नंदिनी, हे प्रकृति की रचना करने वाली माँ!! हे काल का भी नाश कर देने वाली काली माँ!! आपकी जय हो। आप ही हमें आनंद व सुख प्रदान करने वाली हो।

अननधम वस्तराँ दायनी माता आदि शक्ति अंबे।
कनकाना कना निवासिनी माता।
भगवती जगदंबे, माँ जय महा काली माँ॥

आप अनंत धाम में वास करती हो। आप ही आदि शक्ति व अम्बा हो। आप इस सृष्टि के हरेक कण में निवास करती हो। आप ही भगवती व जगदंबा हो। हे महाकाली माँ!! आपकी जय हो।

दक्षिणाकाली आध्याकाली, काली नामा रूपा।
तीनो लोक विचारिती माता धर्मा मोक्ष रूपा।
जय काली माता, माँ जय महा काली माँ॥

आप ही दक्षिणाकाली व आध्याकाली हो। आपका एक नाम काली भी है। आप ही तीनों लोकों में घूम-घूमकर धर्म की स्थापना करती हो और अधर्मियों का नाश करती हो। आप ही हमें मोक्ष प्रदान करती हो। हे काली माता!! आपकी जय हो। हे महाकाली माता!! आपकी जय हो।

महाकाली माता की आरती का महत्व

माँ दुर्गा ने अपने गुणों के अनुसार कई तरह के रूप लिए हैं और उसी के अनुसार ही उनकी पूजा करने का विधान रहा है। अब मातारानी के कुछ रूप बहुत ही मनोहर, मन को शांति देने वाले तथा सौम्य रंग रूप वाले होते हैं लेकिन इन सभी रूपों के विपरीत माँ महाकाली वाला रूप मन को भयभीत कर देने वाला, काले रंग का व गले में राक्षसों के कंकाल लिए हुए होता है। इस रूप में मातारानी रक्त से सनी हुई, क्रोधित व लाल आँखों वाली होती हैं।

महाकाली की आरती के माध्यम से हमें ना केवल माँ महाकाली के रूप का वर्णन मिलता है अपितु उन्होंने किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जन्म लिया था, इसके बारे में भी पता चलता है। ऐसे में धर्म का कार्य करने वाले लोगों को तो माँ महाकाली से भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि जिस तरह से माँ महाकाली सज्जन मनुष्यों की अधर्मी लोगों से रक्षा कर पाने में समर्थ होती हैं, उतना तो मातारानी का कोई भी अन्य रूप नहीं कर सकता है।

इस तरह से माँ महाकाली के महत्व को इस महाकाली आरती के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है। इससे हमें यह ज्ञात होता है कि माँ महाकाली भी उतनी ही आवश्यक हैं जितनी की मातारानी के अन्य रूप। अब यदि पाप बहुत अधिक बढ़ जाता है और वह धर्म के ऊपर हावी होने लगता है तो उस समय माँ महाकाली ही हमारी व धर्म की रक्षा कर सकती हैं और अधर्म का नाश करने में समर्थ होती हैं। यही माँ महाकाली की आरती का महत्व होता है।

महाकाली आरती के फायदे

अब यदि आप प्रतिदिन सच्चे मन के साथ महाकाली आरती का पाठ करते हैं और माँ महाकाली का ध्यान करते हैं तो अवश्य ही माँ आपकी हरेक इच्छा को पूरी करती हैं। यदि आपको कोई परेशान कर रहा है या आपके शत्रु हमेशा आपका नुकसान करने की ताक में रहते हैं या आपके जीवन में कई तरह के संकट आये हुए हैं और उनका हल नहीं निकल पा रहा है या फिर आपको किसी अन्य बात को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो निश्चित तौर पर आपको महाकाली माता की आरती का पाठ करना चाहिए।

माँ महाकाली के द्वारा अपने भक्तों की हरसंभव सहायता की जाती है। जो भी भक्तगण सच्चे मन से माँ महाकाली आरती का पाठ करता है तो माँ महाकाली उसके हर तरह के संकटों का नाश कर देती हैं और उसे आगे का मार्ग दिखाती हैं। ऐसे में आपको अपने हर तरह के कष्ट, पीड़ा, दुःख, दर्द, संकट, परेशानियाँ, नकारात्मक भावनाएं इत्यादि को दूर करने के लिए नित्य रूप से महाकाली माता की आरती का पाठ करना चाहिए।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने महाकाली माता की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Mahakali Mata Ki Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने महाकाली आरती के फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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कृष्णा

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