वैदिक ज्ञान

संजीवनी बूटी के बारे में 10 रोचक तथ्य व इससे जुड़े फायदे

संजीवी बूटी (Sanjeevani Booti In Hindi) के बारे में तो आप सभी जानते होंगे। इसी संजीवनी बूटी के पहाड़ को वीर हनुमान हिमालय पर्वत से उठाकर लंका ले गए थे तथा उसी के द्वारा लक्ष्मण के प्राण बच पाए थे। इसके पश्चात यह पर्वत हनुमान पुनः उसी स्थल पर छोड़ आए थे। आज हम आपको संजीवनी बूटी के बारे में दस ऐसे रोचक तथ्य (Sanjivani Buti Ke Fayde) बताएँगे जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित रह जायेंगे।

संजीवनी बूटी के बारे में 10 रोचक तथ्य (Sanjivani Buti Ka Rahasya)

#1. यह बूटी हिमालय पर्वत के एक पहाड़ पर पायी जाती थी जो कैलाश पर्वत तथा ऋषभ पर्वत के बीच में स्थित था। वर्तमान में इसका स्थान उत्तराखंड राज्य के चमोली गाँव में द्रोणागिरी गाँव माना जाता है। कुछ लोगों के अनुसार इसका स्थान उड़ीसा के गंधमर्धन पर्वत भी हैं।

#2. इस बूटी के साथ तीन अन्य बूटियाँ भी थी जिनके नाम हैं विशल्यकारिणी, स्वर्णकारिणी तथा संधानी। यह तीन बूटियाँ भी अत्यंत चमत्कारी थी जिनमे से पहली घावों को भर देती थी, दूसरी कटे हुए अंगों को जोड़ देती थी तथा तीसरी विकलांग या विकृत शरीर को सही कर देती हैं।

#3. इनमें से चौथी थी मृत संजीवनी (Mrit Sanjivani Buti) जो लगभग मृत हो चुके व्यक्ति को जीवित कर सकती थी (Sanjeevani Booti Benefits In Hindi) अर्थात मृत संजीवनी बूटी में इतनी ज्यादा शक्ति थी कि यदि कोई व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गया हो या उसके प्राण निकलने ही वाले हो और उस समय उसे यह बूटी मिल जाए तो उसके प्राण बचाए जा सकते थे। इसी कारण लक्ष्मण के प्राण इतने शक्तिशाली अस्त्र के प्रहार के बाद भी बच गए थे।

#4. यह बूटियाँ देवताओं तथा दानवों के द्वारा समुंद्र मंथन के समय निकली थी। इसके प्रभावो (Sanjivani Buti Ke Fayde) को देखते हुए देवताओं ने इसे गलत हाथों में पड़ने से बचाने के लिए हिमालय में छुपा दिया था।

#5. यह बूटी इतनी ज्यादा चमत्कारी थी कि किसी के वहां आते ही यह अपने आप लुप्त हो जाती थी तथा किसी को नही दिखती थी। जब उन्हें यह आभास होता था कि इसका कार्य धर्म हेतु किया जा रहा हैं तभी यह प्राप्त हो सकती थी।

#6. इस बूटी में से हमेशा एक दिव्य प्रकाश निकलता रहता था जो इसकी मुख्य पहचान था। इसी के द्वारा हनुमान ने इस पहाड़ को पहचाना था।

#7. त्रेतायुग में जब भगवान हनुमान लंका से संजीवनी पर्वत को वापस हिमालय रखने जा रहे थे (Sanjivani Buti Ramayan) तब उस पहाड़ के कुछ टुकड़े वहां गिर गए थे व साथ ही कुछ बूटियाँ भी गिर गयी थी। इस कारण श्रीलंका में उस स्थान पर आज भी औषधियां उगती हैं जो वहां की वनस्पति, मिट्टी, पेड़-पौधों इत्यादि से एक दम भिन्न हैं।

#8. कहते हैं कि संजीवनी विद्या का ज्ञान दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य ने भगवान शिव से सीख लिया था जिससे उन्होंने कई मृत दैत्यों को जीवित कर दिया था।

#9. भारतीय तथा विदेश के कई वैज्ञानिकों ने संजीवनी बूटी के रहस्य को जानने के लिए कई प्रकार की खोज की तथा इसके बारे में कई तथ्यों को उजागर किया। वैज्ञानिक दृष्टि से इसे कई प्रकार के भिन्न-भिन्न नाम दिए गए हैं।

#10. यह बूटी इतनी ज्यादा चमत्कारी थी कि (Sanjeevani Booti Uses In Hindi) इससे व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते थे तथा शरीर से सभी अशुद्धियाँ निकल जाती थी। इस बूटी का प्रयोग व्यक्ति की आयु तथा लंबाई बढ़ाने के उद्देश्य से भी किया जाता था।

कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

Recent Posts

Maha Shivaratri Story In Hindi: जानिए महाशिवरात्रि की कहानी

क्या आपने कभी सोचा है कि महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है (Mahashivratri Story In Hindi)!!…

5 दिन ago

Mahashivratri Vrat Katha: महाशिवरात्रि व्रत कथा व शिकारी को मोक्ष मिलना

आज हम आपको महाशिवरात्रि की कथा (Mahashivratri Vrat Katha) विस्तार से बताएँगे। महाशिवरात्रि का पर्व…

7 दिन ago

राधा की शादी किससे हुई थी? (Radha Ki Shadi Kisse Hui Thi)

क्या आप इस लेख में राधा की शादी किससे हुई (Radha Ki Shadi Kisse Hui),…

2 सप्ताह ago

आज का राशिफल 30 जून 2024 | Today Rashifal 30 June 2024

प्रातःकाल उठते ही सभी के मन में यह आशा होती हैं कि आज का दिन…

3 सप्ताह ago

आज का राशिफल 29 जून 2024 | Today Rashifal 29 June 2024

प्रातःकाल उठते ही सभी के मन में यह आशा होती हैं कि आज का दिन…

3 सप्ताह ago

आज का राशिफल 28 जून 2024 | Today Rashifal 28 June 2024

प्रातःकाल उठते ही सभी के मन में यह आशा होती हैं कि आज का दिन…

3 सप्ताह ago

This website uses cookies.