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माँ सरस्वती की वंदना (Maa Saraswati Ki Vandana) | सरस्वती वंदना इन हिंदी (Saraswati Vandana In Hindi)

माँ सरस्वती को संगीत व विद्या की देवी माना गया है। यदि मनुष्य के पास शिक्षा या बुद्धि का ही अभाव होगा तो वह कभी भी प्रगति नहीं कर सकता है। यही कारण है कि विद्यालय में हर छात्र के द्वारा माँ सरस्वती की पूजा की जानी अनिवार्य होती है। यहाँ तक कि हम शिक्षा से जुड़ी हरेक वस्तु को माँ सरस्वती का ही रूप मानते हैं। ऐसे में यदि हम प्रतिदिन सरस्वती वंदना (Saraswati Vandana) का पाठ कर लेंगे तो यह बहुत ही शुभकारी सिद्ध होगा।

आज के इस लेख में हम आपके साथ सरस्वती माँ की वंदना का पाठ ही करने जा रहे हैं। इसके साथ ही आपको सरस्वती वंदना इन हिंदी (Saraswati Vandana In Hindi) में भी पढ़ने को मिलेगी ताकि आप उसका महत्व अच्छे से जान सकें। यदि माँ सरस्वती की वंदना (Maa Saraswati Ki Vandana) को पढ़ने के साथ-साथ उसका अर्थ भी जान लिए जाए तो यह आपके लिए और भी उत्तम बात होगी। अंत में आपको सरस्वती वंदना लिरिक्स पढ़ने के फायदे भी जानने को मिलेंगे। तो आइये पढ़ें सरस्वती माता की वंदना।

सरस्वती वंदना (Saraswati Vandana)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।


शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।

हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌,

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌।।

सरस्वती वंदना इन हिंदी (Saraswati Vandana In Hindi)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

माँ सरस्वती ने कुंदन के फूल लिए हुए हैं, उनका स्वभाव चन्द्रमा के जैसा शीतल है, उनका वर्ण हिम के समान श्वेत है, उन्होंने गले में मोतियों का हार पहना हुआ है, साथ ही उन्होंने सफेद रंग के ही वस्त्र पहने हुए हैं। उन्होंने अपने हाथों में वीणादंड को पकड़ा हुआ है और यह उन पर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने कमल के पुष्प पर अपना आसन बनाया हुआ है और उस पर वे पद्मासन मुद्रा में हैं।

जो माँ सरस्वती त्रिदेव अर्थात भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश के द्वारा भी वंदना करने योग्य है, वे माँ सरस्वती मेरी रक्षा करें। वे ही मेरे जीवन से अंधकार को दूर कर प्रकाश को फैला सकती हैं और मेरा उद्धार कर सकती हैं।

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,

वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।

हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌,

वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌।।

शुक्ल पक्ष वाली और ब्रह्म विचार को धारण किये हुए माँ सरस्वती इस संपूर्ण जगत में हर जगह फैली हुई हैं। वे ही सभी का सार हैं और जननी हैं और उनकी आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है। उन्होंने अपने हाथों में वीणा व पुस्तक ली हुई है तथा वे हमें अभय प्रदान करती हैं। उनके द्वारा ही हमारे जीवन से अंधकार का नाश किया जाता है।

उन्होंने अपने हाथों में स्फटिक की माला ली हुई है और वे पद्मासन मुद्रा में बैठी हुई हैं। ऐसी भगवती माँ और हम सभी को बुद्धि प्रदान करने वाली माँ सरस्वती की मैं वंदना करता हूँ।

माँ सरस्वती की वंदना- महत्व (Maa Saraswati Ki Vandana – Mahatva)

अभी तक आपने माँ सरस्वती की वंदना को पढ़ने के साथ-साथ उसका अर्थ भी जान लिया है। तो इसे पढ़ कर आपको माँ सरस्वती की महत्ता तथा गुणों का ज्ञान हो गया होगा। इसी के साथ ही आपको यह भी पता चल गया होगा कि इस सृष्टि में माँ सरस्वती की आवश्यकता क्यों है और क्यों उनके बिना सब कुछ अधूरा रहेगा।

तो कुछ ऐसी बातों को प्रकट करने, माँ सरस्वती का महत्व बताने, उनके गुणों का वर्णन करने तथा उनकी उपयोगिता सिद्ध करने के उद्देश्य से ही सरस्वती वंदना को लिखा गया है। यही सरस्वती माँ की वंदना का महत्व होता है जो हम सभी ने जाना है। यदि हम इस विश्व में धर्म को बनाये रखना चाहते हैं और मानव कल्याण के कार्य करना चाहते हैं तो उसे करने की शक्ति व बुद्धि हमें माँ सरस्वती के द्वारा ही प्रदान की जाएगी।

सरस्वती वंदना लिरिक्स पढ़ने के फायदे (Saraswati Vandana Lyrics Benefits In Hindi)

विद्यार्थी जीवन में माँ सरस्वती का महत्व बहुत होता है। इसी कारण हर विद्यालय में माँ सरस्वती की मूर्ति या चित्र लगाया जाता है जिनके सामने सभी शिक्षक, गुरु व विद्यार्थी नमन करते हैं। घर पर भी जो बच्चे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या जिनका व्यापार या कार्य शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, वे भी सरस्वती माता की पूजा करते हैं। तो इसके पीछे का विज्ञान यह है कि हमें शिक्षा को माँ के समान ही दर्जा देना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए।

यदि आप नित्य रूप से सरस्वती माता की वंदना करते हैं और मातारानी का ध्यान करते हैं तो अवश्य ही आपकी बुद्धि का विकास होता है और आप चीज़ों को नए व रचनात्मक तरीकों से सोच पाते हैं। यदि आपके जीवन में कोई कठिनाई है और उसका हल नहीं निकल पा रहा है तो वह भी सरस्वती माता की कृपा से निकल जाता है। कुल मिलाकर सरस्वती वंदना श्लोक के पाठ से आपके दिमाग का विकास होता है और आप चीज़ों को जल्दी याद करने और उन्हें पूर्ण करने में सक्षम हो जाते हैं।

सरस्वती वंदना से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: सरस्वती वंदना कैसे लिखते हैं?

उत्तर: इस लेख के माध्यम से हमने आपको ना केवल सरस्वती वंदना को शुद्ध रूप में लिख कर दिया है बल्कि साथ के साथ उसका हिंदी अर्थ भी बताया है ताकि आप उसका संपूर्ण ज्ञान ले सकें।

प्रश्न: सरस्वती वंदना में कितने श्लोक हैं?

उत्तर: सरस्वती वंदना में कुल दो श्लोक हैं जिनका उच्चारण हर किसी को करना चाहिए।

प्रश्न: विद्या का मूल मंत्र क्या है?

उत्तर: विद्या का मूल मंत्र “समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु” है।

प्रश्न: शिक्षा के लिए कौन सा मंत्र शक्तिशाली है?

उत्तर: शिक्षा के लिए “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः” मंत्र शक्तिशाली होता है।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

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कृष्णा

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