आज हम आपको करवा चौथ की विधि (Karva Chauth Ki Vidhi) बताएँगे जो व्रत करते समय की जाती है। हर वर्ष सुहागिन महिलाओं के द्वारा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत किया जाता हैं। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी व स्वस्थ आयु की कामना करने के लिए व्रत रखती हैं व भगवान से उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं।
विभिन्न समाज में करवा चौथ को मनाने की विभिन्न परंपराएँ देखने को मिलती हैं व किसी को भी गलत नही ठहराया जा सकता हैं। एक महिला को अपने समाज व कुल की परंपरा के अनुसार ही करवा चौथ पूजन विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi) का पालन करना चाहिए तभी उसे पूरा फल मिलता हैं। आज हम आपको करवा चौथ करने की विधि के बारे में बताएँगे।
इसे हम चरणबद्ध तरीके से आपके सामने प्रस्तुत करेंगे। आइए जानते हैं:
इस प्रकार एक सुहागिन स्त्री का पर्व करवा चौथ का व्रत समाप्त हो जाता हैं। इस पर्व से पति-पत्नी के बीच प्रेम की भी बढ़ोत्तरी होती हैं। इसे ही करवा चौथ की विधि (Karva Chauth Ki Vidhi) कहा जाता है जिसका पालन व्रत रखने वाली महिलाएं करती है।
अब जैसा कि हमने ऊपर ही बताया कि आपके कुल की परंपरा के अनुसार इस विधि में थोड़ा बहुत बदलाव देखने को मिल सकता है। ऐसे में आपको अपने कुल की परंपरा का पालन करना चाहिए और उसके अनुसार ही करवा चौथ पूजन विधि अपनानी चाहिए।
करवा चौथ की विधि से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: करवा चौथ की पूजा विधि क्या है?
उत्तर: करवा चौथ की पूजा विधि के अनुसार एक महिला को सूर्योदय से पहले सरगी लेनी चाहिए। उसके बाद पूरे दिन कुछ भी नहीं खाना-पीना चाहिए। उसके बाद शाम में चंद्रमा के दर्शन होने के बाद ही अन्न ग्रहण करना चाहिए।
प्रश्न: करवा चौथ के दिन चांद की पूजा कैसे करते हैं?
उत्तर: करवा चौथ के दिन चांद की पूजा करने के लिए उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद अर्घ्य दिए गए जल की परिक्रमा की जाती है और उस जल को अपने माथे पर लगाया जाता है।
प्रश्न: करवा चौथ के पति की पूजा कैसे करते हैं?
उत्तर: करवा चौथ के दिन पति की आरती उतारी जाती है और उनके दीर्घायु होने की प्रार्थना चौथ माता से की जाती है। इसके बाद ही अन्न-जल ग्रहण किया जाता है।
प्रश्न: करवा चौथ चंद्रमा पूजा कैसे करें?
उत्तर: करवा चौथ चंद्रमा पूजा करने के लिए पहले उन्हें अर्घ्य दे। साथ ही उन्हें प्रणाम भी करे अब अर्घ्य दिए गए जल की परिक्रमा करके उसे अपने माथे से लगाए।
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