अधिक

लक्ष्मी जी की स्तुति हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

इस लेख के माध्यम से आपको लक्ष्मी स्तुति हिंदी में (Laxmi Stuti In Hindi) अर्थ सहित पढ़ने को मिलेगी ताकि आप उसका संपूर्ण अर्थ व महत्व जान सकें। यदि लक्ष्मी स्तुति को पढ़ने के साथ-साथ उसका हिंदी अर्थ भी जान लिया जाए तो यह आपके लिए अत्यधिक हितकारी सिद्ध होगा।

लक्ष्मी जी की स्तुति (Lakshmi Stuti In Hindi) में माता लक्ष्मी के गुणों, शक्तियों, महिमा, पूजा विधि, महत्व इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया है। फिर हम आपको लक्ष्मी स्तुति पढ़ने के फायदे और उसके महत्व बताएँगे। इससे आप जान पाएंगे कि लक्ष्मी माता की आराधना करने से क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं।

लक्ष्मी जी की जिस किसी पर भी कृपा हो जाती है, फिर उसके जीवन से सभी संकट एक पल में ही दूर हो जाते हैं। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं श्री लक्ष्मी स्तुति हिंदी में।

Laxmi Stuti In Hindi | लक्ष्मी स्तुति हिंदी में

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

हे माँ आदिशक्ति!! हे माँ लक्ष्मी!! आपको हमारा नमन है। आप ही परम ब्रह्म का रूप हो। आप ही हमें यश, धन, वैभव प्रदान करती हो और हमारे सभी कामों को पूरा करती हो।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

आप ही हम सभी की माता हो और आपके द्वारा ही हमें संतान, पौत्र इत्यादि की प्राप्ति होती है। आपकी कृपा से ही हमें पुत्र की प्राप्ति होती है और हमारा परिवार आर्थिक रूप से संपन्न बनता है।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

हे विद्या की देवी माँ लक्ष्मी, आपको हमारा नमन है। आप ही साक्षात ब्रह्म विद्या अर्थात माँ सरस्वती का रूप हो। आपके द्वारा ही हमें विद्या मिलती है, हमारे अंदर विभिन्न कलाओं का निर्माण होता है और आप ही हमारे सभी कार्य पूर्ण करती हो।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

आप ही धन की देवी अर्थात महालक्ष्मी का रूप हो और हम सभी की दरिद्रता को दूर करती हो। आप ही हमें धन, संपत्ति, यश, वैभव इत्यादि प्रदान कर हमारे काम बना देती हो।

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

आप ही माँ अन्नपूर्णा हो जिसके कारण हम सभी का पेट भरता है। आपके द्वारा ही हमें सभी प्रकार का अन्न मिलता है जिससे हम भोजन कर पाते हैं और अपना कर्म करने की शक्ति प्राप्त करते हैं।

मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

आप ही मेधा लक्ष्मी हो और सभी कलाओं में निपुण हो, आप पापों का नाश करने में सक्षम हो। आपके द्वारा ही हमें मेधा शक्ति मिलती है जिससे हमारे दिमाग का विकास होता है और हम अच्छे-बुरे में भेद कर पाते हैं तथा साथ ही चतुराई से निर्णय ले पाते हैं।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

आप ही गज लक्ष्मी के रूप में नमन करने योग्य हैं जो सभी देवताओं व देवियों का रूप लिए हुए हो। आप ही अपने अंश के रूप में हमारे कुल को बढ़ाने का कार्य करती हैं और हमारे काम बना देती हो।

धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

आप धीर लक्ष्मी के रूप में नमन करने योग्य हैं जिसके पास अत्यधिक शक्ति है। आप हमारे शरीर में वीर्य के रूप में शक्ति प्रदान करती हैं जिससे हमारे सभी काम बन जाते हैं।

जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

जय लक्ष्मी के रूप में भी आपको हमारा नमन है जो कि सभी कार्यों को बना देने वाला है। इस रूप में आप हमें विजय दिलवाती हैं व हमारे सभी कार्यों को सफल बनाती हैं।

भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

भाग्य लक्ष्मी के रूप में आपको हमारा नमन है जो हमारा मंगल करने के लिए ही है। इस रूप में आप हमारे भाग्य को संवारती हैं और हमारे सम्मान को बढ़ाने का कार्य करती हो।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

कीर्ति लक्ष्मी के रूप में आप भगवान विष्णु के वक्ष में निवास करती हो जिनको हमारा नमन है। इस रूप में आप हमें कीर्ति व यश प्रदान करती हो और हमारा कल्याण करती हो।

आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

आरोग्य लक्ष्मी के रूप में आप सभी रोगों का निवारण कर अर्थात उनका उपचार करती हो। आप ही आयुर्वेद की जननी हो जिसमें हर रोग का उपचार लिखा हुआ है जिससे हम स्वस्थ रह पाते हैं।

सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

सिद्ध लक्ष्मी के रूप में आप सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने वाली हो। इसलिए आपको हमारा नमन है। इस रूप में आप हमें भिन्न-भिन्न प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान कर हमारा कल्याण करती हो।

सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

सौंदर्य लक्ष्मी के रूप में आप सभी प्रकार के श्रृंगार से सुशोभित हो। इस रूप में आप हमें सुन्दर रूप व काया प्रदान कर हमारा उद्धार करती हो।

साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥

साम्राज्य लक्ष्मी के रूप में आप भक्ति व मुक्ति प्रदान करने वाली हो। इस रूप में आप हमें मोक्ष प्रदान कर हमारा उद्धार कर देती हो।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा॥

आप हम सभी का मंगल करने वाली हो, आप मंगल का ही रूप हो और उसे ही धारण किये हुए हो। आप विश्व का मंगल करने वाली हो। आपका अर्थ ही मंगल है और आप सदैव हम सभी का मंगल करती हो।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते॥

हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आप हम सभी का मंगल करें और शिव भगवान हम सभी का भला करें। हे नारायणी, हे माँ दुर्गा, हे माँ लक्ष्मी!! हम सभी आपकी शरण में आये हैं और आपको नमन करते हैं।

ऊपर आपने लक्ष्मी जी की स्तुति (Lakshmi Stuti In Hindi) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ ली है। अब बारी आती है लक्ष्मी स्तुति पढ़ने के फायदे और उसके महत्व को जानने की। तो चलिए वह भी जान लेते हैं।

लक्ष्मी जी की स्तुति का महत्व

ऊपर आपने माँ लक्ष्मी की स्तुति पढ़ी और साथ ही उसका अर्थ भी जाना। इससे आपको लक्ष्मी माता के महत्व का ज्ञान हो गया होगा तथा साथ ही यह भी पता चल गया होगा कि धन के साथ-साथ मनुष्य के लिए विद्या व बुद्धि की कितनी आवश्यकता होती है। यही कारण है कि माता लक्ष्मी की पूजा कभी भी अकेले नहीं की जाती है अन्यथा वह पूजा संपन्न नहीं मानी जाती है।

आप जब भी देखेंगे तो पाएंगे कि माँ लक्ष्मी की पूजा भगवान गणेश व माँ सरस्वती के साथ ही की जाती है। दीपावली के पावन अवसर पर भी तीनों की एक साथ ही पूजा की जाती है ताकि धन का सदुपयोग हो सके। माँ लक्ष्मी ने स्वयं कहा है कि जहाँ भी उनकी पूजा होगी और यदि उस जगह भगवान गणेश की पूजा नहीं होगी तो मेरी पूजा का कोई लाभ नहीं मिलेगा। इस कथन का तात्पर्य यह हुआ कि मनुष्य के पास यदि धन है लेकिन बुद्धि का अभाव है तो धन ज्यादा समय तक उसके पास नहीं रह सकेगा।

तो ऐसे ही कुछ भावों को इस लक्ष्मी स्तुति के माध्यम से प्रकट किया गया है। इसी के साथ ही माँ लक्ष्मी ने भगवान विष्णु का कितना सहयोग किया है और इस सृष्टि के कल्याण के कार्य किये हैं, उन्हें भी श्री लक्ष्मी स्तुति के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है। यही लक्ष्मी माता की स्तुति का महत्व होता है।

लक्ष्मी स्तुति के फायदे

अब यदि आप निरंतर रूप से लक्ष्मी जी की स्तुति का पाठ अपने घर पर या मंदिर में करते हैं और माँ लक्ष्मी का सच्चे मन से ध्यान करते हैं तो अवश्य ही माँ लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बरसती है। यदि आपके जीवन में किसी भी तरह का आर्थिक संकट है या वैभव की कमी है तो वह दूर हो जाती है। कई बार यह देखने में आता है कि बहुत प्रयास करने के पश्चात भी आपका काम सही से नहीं चल पा रहा होता है और उसमें कई तरह की दिक्कतें आती हैं।

ऐसी स्थिति में यदि आप सच्चे मन से लक्ष्मी माता की स्तुति का सुबह जल्दी उठकर तथा नहा-धोकर पाठ करने लगेंगे तो उसका प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा। इससे ना केवल आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी बल्कि समाज में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। हालाँकि इसी के साथ ही आपको उस प्राप्त धन का सदुपयोग करना होगा और धर्म व समाज सेवा के कार्य भी करते रहने होंगे। तभी वह धन आपके पास टिक पायेगा अन्यथा वह कुछ ही दिनों में पुनः चला जाएगा।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने लक्ष्मी स्तुति हिंदी में (Laxmi Stuti In Hindi) अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही आपने लक्ष्मी जी की स्तुति पढ़ने के फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

Recent Posts

संतोषी मां चालीसा हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज के इस लेख में आपको संतोषी चालीसा (Santoshi Chalisa) पढ़ने को मिलेगी। सनातन धर्म…

2 hours ago

वैष्णो देवी आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ वैष्णो देवी की आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) का पाठ करेंगे।…

2 hours ago

तुलसी जी की आरती हिंदी में अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज के इस लेख में आपको तुलसी आरती (Tulsi Aarti) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ने…

4 hours ago

तुलसी चालीसा अर्थ सहित – महत्व व लाभ भी

आज हम तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे…

5 hours ago

महाकाली जी की आरती – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

आज हम आपके साथ महाकाली माता की आरती (Mahakali Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। जब…

2 days ago

महाकाली चालीसा इन हिंदी PDF फाइल व इमेज सहित डाउनलोड करें

आज हम आपके साथ श्री महाकाली चालीसा (Mahakali Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। जब भी…

2 days ago

This website uses cookies.