आज हम तुलसी विवाह विधि (Tulsi Vivah Vidhi) के बारे में जानेंगे। हर वर्ष देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन पड़ता है। इस दिन माता वृंदा के रूप माता तुलसी व भगवान श्रीहरी के रूप शालिग्राम पत्थर का विवाह बड़ी ही धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है।
मान्यता हैं कि इस दिन जो भक्तगण तुलसी विवाह करवाते है उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। अब आप में से बहुत लोग यह जानना चाहते होंगे कि घर में तुलसी विवाह कैसे किया जाता है (Tulsi Vivah Kaise Kiya Jata Hai) और इसकी पूजा विधि क्या है। आइए जानते हैं तुलसी विवाह करने की संपूर्ण विधि के बारे में।
भगवान विष्णु ने वृंदा माता के सतीत्व से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया था कि भविष्य में उनके तुलसी रूप को पूजनीय माना जाएगा। श्रीहरी की कोई भी पूजा बिना तुलसी के पूरी नहीं मानी जाएगी। इसी के साथ ही हर वर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी का उनके पत्थर रूप शालिग्राम या आठवें अवतार श्रीकृष्ण के साथ विवाह करवाया जाएगा।
अब यदि आप भी अपने घर पर तुलसी विवाह का आयोजन करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं तुलसी विवाह पूजा विधि (Tulsi Vivah Puja Vidhi) के बारे में विस्तार से।
तो यह थी तुलसी विवाह विधि (Tulsi Vivah Vidhi) जिसके माध्यम से तुलसी विवाह संपन्न माना जाएगा। ध्यान रखे तुलसी विवाह उसी प्रकार किया जाता हैं जिस प्रकार हिंदू रीति-रिवाज में एक सामान्य विवाह संपन्न करवाया जाता है।
इसके लिए आप घर में खीर-पूड़ी, हलवा, मिठाई इत्यादि बना सकते है। जब दोनों का विवाह संपन्न हो जाए तब आप इसे प्रसाद रूप में अपने घरवालो व आस-पड़ोस के लोगो में वितरित कर सकते है। घर की महिलाएं इस दिन व्रत भी रखती हैं। तुलसी विवाह के बाद व्रत खोल दिया जाता है।
जब भगवान श्रीहरी ने माता वृंदा को वरदान दिया था तब यह कहा था कि जो भी इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ तुलसी व शालिग्राम का विवाह संपन्न करवाएगा उसके विवाह के योग बनेंगे। साथ ही जिनका विवाह हो चुका हैं उनका दांपत्य जीवन सुखी रहेगा व दोनों के बीच प्रेम में बढ़ोत्तरी होगी। विस्तार से पढ़ें…
तुलसी विवाह विधि से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: तुलसी विवाह कैसे करें?
उत्तर: तुलसी विवाह पूजा विधि को हमने विस्तार से इस लेख में दिया है। सामान्य तौर पर तुलसी माता का शालिग्राम के साथ विवाह उसी तरह करवाया जाता है जिस तरह से हम स्त्री-पुरुष का विवाह करवाते हैं।
प्रश्न: तुलसी विवाह कैसे करते हैं?
उत्तर: तुलसी विवाह करने के लिए आपको तुलसी माता का शालिग्राम के साथ विवाह करवाना होता है। तुलसी विवाह की विधि के बारे में हमने इस लेख में विस्तार से जानकारी दी है।
प्रश्न: तुलसी विवाह कैसे करना चाहिए?
उत्तर: तुलसी विवाह करवाने के लिए आपको पहले पूजा की सभी सामग्री को ले लेना चाहिए। उसके बाद इस लेख में बताई गई विधि के अनुसार तुलसी विवाह संपन्न करवाना चाहिए।
प्रश्न: घर में तुलसी विवाह कैसे किया जाता है?
उत्तर: घर पर भी तुलसी विवाह को बहुत आसानी के साथ किया जा सकता है। इस लेख में हमने घर पर तुलसी विवाह करने की संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बताया है।
नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:
अन्य संबंधित लेख:
आज के इस लेख में आपको संतोषी चालीसा (Santoshi Chalisa) पढ़ने को मिलेगी। सनातन धर्म…
आज हम आपके साथ वैष्णो देवी की आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) का पाठ करेंगे।…
आज के इस लेख में आपको तुलसी आरती (Tulsi Aarti) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ने…
आज हम तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे…
आज हम आपके साथ महाकाली माता की आरती (Mahakali Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। जब…
आज हम आपके साथ श्री महाकाली चालीसा (Mahakali Chalisa Lyrics) का पाठ करेंगे। जब भी…
This website uses cookies.