हर वर्ष कार्तिक मास की देवशयनी एकादशी के दिन तुलसी जी का विवाह शालिग्राम के साथ (Tulsi Vivah Ka Mahatva) करवाया जाता है। इस दिन का बहुत महत्व हैं जिसकी महत्ता स्वयं भगवान विष्णु ने अपने श्रीमुख से कही है। जब श्रीहरी ने माता वृंदा को वरदान दिया था तब उन्होंने तुलसी विवाह की महत्ता को बताया था। आज हम आपके साथ तुलसी विवाह की महत्ता (Tulsi Vivah Ka Mahatva Bataye) को ही साँझा करेंगे।
तुलसी विवाह का महत्व व लाभ (Tulsi Vivah Ka Mahatva In Hindi)
तुलसी विवाह के मुख्यतया तीन लाभ मिलते हैं जिनका मनुष्य की आयु या यूँ कहे कि उनके जीवन की स्थिति से संबंध (Tulsi Vivah Importance In Hindi) हैं। पहला लाभ जिनका विवाह नही हुआ हैं उन्हें होता हैं, दूसरा जिनका विवाह हुए कुछ समय हुआ हैं उन्हें होता है व तीसरा लाभ जिन्हें संतान प्राप्ति हो चुकी हैं, उन्हें मिलता हैं। आइए एक-एक करके जानते हैं।
#1. तुलसी विवाह से सौभाग्य लाभ
इसका सबसे बड़ा लाभ उन्हें होता हैं जिनका विवाह नही हुआ है और वे अपने लिए एक सुयोग्य पुरुष या स्त्री की प्रतीक्षा में हैं। यदि आपकी विवाह की आयु हो चुकी हैं और आप चाहते हैं कि आपका जीवनसाथी ऐसा हो जिसके साथ आप अपना जीवन सुखमय रूप में बिता सके तो आपको तुलसी विवाह अवश्य करवाना चाहिए।
भगवान विष्णु ने तुलसी विवाह की महत्ता को समझाते हुए कहा था कि जो भी देव उठनी एकादशी के दिन माता तुलसी का विवाह शालिग्राम के साथ सच्चे मन से करवाएगा उसे जल्द ही एक उचित वर की प्राप्ति होगी। इसलिये विवाह की प्रतीक्षा कर रहे लोगो को तुलसी विवाह करवाना चाहिए।
इसी के साथ जिनकी कही रिश्ते की बात चल रही है लेकिन उसमे कोई अड़चन आ रही हैं तो वह भी समाप्त हो जाती हैं व निर्विघन रूप से उनका विवाह संपन्न होता हैं।
#2. तुलसी विवाह का दांपत्य जीवन में लाभ
जिनका विवाह हो चुका हैं उन्हें भी इसका भरपूर लाभ मिलता हैं। जिनके वैवाहिक जीवन में कुछ अनबन चल रही है या पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं, वह तुलसी विवाह के कारण पूर्णतया ठीक हो जाते हैं। वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है तथा सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं।
जिनके वैवाहिक जीवन में कोई समस्या नही भी हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलता हैं। पति-पत्नी के बीच के रिश्तो में मधुरता आती हैं व आपसी प्रेम में बढ़ोत्तरी होती हैं। दोनों के बीच आपसी समझ बढ़ती है व परिवार में आए संकट टल जाते हैं।
#3. तुलसी विवाह से कन्यादान लाभ
जिनका विवाह हुए समय हो चुका हैं तथा संतान प्राप्ति भी हो चुकी हैं उन्हें भी तुलसी विवाह से लाभ मिलता हैं। दरअसल इसमें परिवार के लोगों के द्वारा माता तुलसी का शालिग्राम से विवाह करवाया जाता हैं जिसमे घर के सदस्य मुख्यतया तुलसी माता के परिवार से भूमिका निभाते हैं।
इसी के फलस्वरूप परिवार वालों को कन्यादान जैसे अतिपवित्र दान का लाभ मिलता हैं। जिनकी कोई कन्या नही भी हैं उन्हें भी इस दान का लाभ मिलता हैं।
इसलिये आपका चाहे विवाह हो चुका हो या नही, आपकी संतान हो चुकी हो या नही, आपकी कोई कन्या हो या नही किंतु आपको तुलसी माता का विवाह अवश्य करवाना चाहिए क्योंकि इसे करने के आपको लाभ ही लाभ (Tulsi Vivah Ka Mahatva) मिलेंगे व भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलेगा वो अलग।