तुलसी विवाह कैसे किया जाता हैं? जाने तुलसी विवाह की संपूर्ण पूजा विधि

Tulsi Vivah Puja Vidhi In Hindi

हर वर्ष देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन (Tulsi Vivah Kaise Hota Hai) किया जाता है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन पड़ता है। इस दिन माता वृंदा के रूप माता तुलसी व भगवान श्रीहरी के रूप शालिग्राम पत्थर का विवाह (Tulsi Vivah Vidhi) बड़ी ही धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है। मान्यता हैं कि इस दिन जो भक्तगण तुलसी विवाह करवाते है उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। आइए जानते हैं तुलसी विवाह करने की संपूर्ण विधि के बारे में।

तुलसी विवाह की संपूर्ण पूजा विधि (Tulsi Vivah Puja Vidhi In Hindi)

  • सबसे पहले अपने घर के तुलसी के पौधे को एक खुले स्थान पर रखे। खुले स्थान से हमारा आश्रय उसके आसपास बंद जगह ना हो जैसे कि घर का आँगन या चबूतरा।
  • अब श्रीहरी के रूप शालिग्राम को माता तुलसी के बायी ओर रखे। आप चाहे तो शालिग्राम को माता तुलसी के बायी ओर एक अलग चौकी पर भी रख सकते हैं या फिर तुलसी के गमले में भी रख सकते हैं।
  • घर के सभी सदस्य तैयार हो जाए व नए वस्त्रों को (How To Do Tulsi Vivah At Home In Hindi) धारण करे। आप इस विवाह में अपने रिश्तेदारों व मित्रों को भी आमंत्रित कर सकते हैं।
  • माता तुलसी को लाल चुनरी पहनाएं। चुनरी नयी हो व एक दम साफ हो।
  • हो सके तो तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप बनाए।
  • जिस चौकी पर शालिग्राम रखे हैं उस चौकी पर अष्टदल कमल बनाए और एक कलश को जल से भरकर रख दे।
  • कलश के ऊपर स्वस्तिक का चिन्ह बनाए और उसके मुख पर पांच आम के पत्ते (Tulsi Vivah Puja Vidhi At Home In Hindi) गोलाकार रूप में रख दे।
  • कलश के मुख पर आम के पत्तो के बीच एक नारियल रखे। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर ही रखे।
  • शालिग्राम पर चावल नही चढ़ाये जाते हैं।
  • माता तुलसी और शालिग्राम पर दूध में भीगी हल्दी चढ़ाएं और गन्ने के पत्तो पर भी इसे लगा दे।
  • तुलसी के गमले में गेरू लगायें और पास में रंगोली भी बनायी जा सकती है।
  • तुलसी के पौधे में एक घी का दीया जलाकर रखे।
  • शालिग्राम को पंचामृत से स्नान करवाए और पूरे विधि-विधान के साथ दोनों का विवाह (Tulasi Vivah Pooja Vidhi) शुरू करवाएं।
  • इसके लिए मंगलाष्टक का पाठ आवश्यक रूप से करे और माता तुलसी की कथा सुने।
  • माता तुलसी को विवाह की सभी सामग्री अर्पित करे जैसे कि चुनरी, साड़ी, बिंदी, सिंदूर इत्यादि।
  • घर का कोई पुरुष सदस्य शालिग्राम को अपने हाथ में लेकर माता तुलसी के चारो ओर सात बार परिक्रमा करे।

इस प्रकार तुलसी माता का विवाह संपन्न हो जाएगा। ध्यान रखे तुलसी विवाह उसी प्रकार किया जाता हैं जिस प्रकार हिंदू रीति-रिवाज में एक सामान्य विवाह संपन्न (Tulsi Vivah Me Kya Karna Chahiye) करवाया जाता है।

तुलसी विवाह में क्या प्रसाद बनाए (Tulsi Vivah Ka Prasad)

इसके लिए आप घर में खीर-पूड़ी, हलवा, मिठाई इत्यादि बना सकते है। जब दोनों का विवाह संपन्न हो जाए तब आप इसे प्रसाद रूप में अपने घरवालो व आस-पड़ोस के लोगो में वितरित कर सकते है। घर की महिलाएं इस दिन व्रत भी रखती हैं। तुलसी विवाह के बाद व्रत खोल दिया जाता है।

तुलसी विवाह का महत्व (Tulasi Pooja Ka Mahatva)

जब भगवान श्रीहरी ने माता वृंदा को वरदान दिया था तब यह कहा था कि जो भी इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ तुलसी व शालिग्राम का विवाह संपन्न करवाएगा उसके विवाह के योग बनेंगे। साथ ही जिनका विवाह हो चुका हैं उनका दांपत्य जीवन सुखी रहेगा व दोनों के बीच प्रेम में बढ़ोत्तरी होगी। विस्तार से पढ़ें…

लेखक के बारें में: कृष्णा

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