रामायण में विराध राक्षस कौन था? श्रीराम ने उसका वध क्यों किया था। यदि आपने रामायण देखी हो तो अवश्य ही आपको वह सीन याद होगा जब श्रीराम व लक्ष्मण को एक लंबे हाथों वाला राक्षस जकड़ लेता है। उस राक्षस का नाम विराध (Viradh Rakshas) था। तब लक्ष्मण उसके हाथों को काट देते हैं लेकिन वह मरता नहीं है।
तब भगवान श्रीराम लक्ष्मण को एक बड़ा सा गड्ढा खोदकर उसे वहीं दफनाने को कहते हैं। तब जाकर विराध राक्षस का वध (Virat Rakshas Ka Vadh) संभव हो पाता है। ऐसे में आइए आज हम आपको रामायण में विराध वध के बारे में संपूर्ण जानकारी दे देते हैं।
विशाल दंडकारण्य वन में विराध नाम का एक राक्षस रहता था जिसके पास भगवान ब्रह्मा का वरदान था कि वह किसी अस्त्र शस्त्र से नहीं मर सकता। जब भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों के वनवास में थे तब उन पर विराध ने आक्रमण कर दिया था।
भगवान राम महर्षि अत्री के आश्रम से महर्षि शरभंग के आश्रम में जा रहे थे व उसी मार्ग के बीच में राक्षस विराध रहता था। जब उसने माता सीता को देखा तो उसने अपने विशाल शरीर के साथ उन पर आक्रमण कर दिया। उसने माता सीता का अपहरण कर लिया व श्रीराम व लक्ष्मण यह देखकर उस पर तीरों की बौछार करने लगे किंतु भगवान ब्रह्मा से मिले वरदान के कारण उसका कुछ नहीं बिगड़ा।
यह देखकर श्रीराम व लक्ष्मण ने अपने दैवीय अस्त्रों से विराध के दोनों हाथ काट डाले। अपने दोनों हाथ कटने के कारण वह धरती पर गिर पड़ा। तब भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण को कहा कि यह ऐसे नहीं मर सकता इसलिए इसको भूमि में दबा देना उचित रहेगा।
जब श्रीराम व लक्ष्मण उसको भूमि में दबाने के लिए गड्ढा खोदने लगे तब विराध ने उनसे क्षमा मांगी व अपना उद्धार करने के लिए दोनों का धन्यवाद किया। उसने भगवान श्रीराम को बताया कि अपने पिछले जन्म में वह एक गंधर्व था जिसका नाम तुम्बुरु था। रावण के बड़े भाई कुबेर के श्राप के कारण उसने एक राक्षस योनि में जन्म लिया था।
उसका उद्धार तभी संभव था जब उसे एक विशाल गड्ढा खोदकर उसके अंदर दबा दिया जाए या उसके शरीर का अग्नि में दहन कर दिया जाए। यह सुनकर भगवान श्रीराम ने विराध को गड्ढा खोदकर उसमें डाला व उसके ऊपर मिट्टी डालकर वहाँ से चले गए। इस प्रकार उस राक्षस का उद्धार संभव हो सका।
इस तरह से आपके प्रश्न विराध राक्षस कौन था, का सही उत्तर एक गंधर्व है जिसे इस जन्म में अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ रहा था। श्रीराम ने अपने जीवनकाल में कई लोगों का उद्धार किया था जिसमें से एक Viradh Rakshas भी था।
विराध राक्षस से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: विराट राक्षस कौन था?
उत्तर: विराट राक्षस पूर्व जन्म में एक गंधर्व था जिसे इस जन्म में राक्षस योनि में जन्म लेने का श्राप मिला था।
प्रश्न: श्रीराम ने गुरुजी के आश्रम में राक्षसों का वध क्यों किया?
उत्तर: श्रीराम ने गुरुजी के आश्रम में राक्षसों का वध इसलिए किया क्योंकि वे ऋषि-मुनियों के यज्ञ में बाधा उत्पन्न कर रहे थे।
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