रामायण के 10 मायावी राक्षस

Ravan Ke Mayavi Rakshas

रामायण में कई ऐसे मायावी राक्षसों का उल्लेख किया गया हैं (Ravan Ke Mayavi Rakshas) जिनका वध भगवान श्रीराम, लक्ष्मण या हनुमान के हाथों हुआ था (Ramayan Ke Mayavi Rakshas)। ये मायावी राक्षस अपनी मायावी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध थे। आज हम आपको रामायण के दस प्रमुख मायावी राक्षसों, उनकी शक्तियों तथा उनके वध के बारे में बताएँगे।

रामायण के 10 मायावी राक्षस (Ramayan Ke 10 Mayavi Rakshas)

#1. ताड़का राक्षसी (Tadka Rakshasi)

ताड़का सुकेतु नाम के एक यक्ष की पुत्री थी जिसमे एक हज़ार हाथियों का बल था। पहले वह एक सुंदर स्त्री थी लेकिन अगस्त्य मुनि के श्राप से वह एक भयानक नर पिशाचिनी बन गयी थी। उसके आंतक से ऋषि विश्वामित्र बहुत क्रुद्ध थे इसलिये उन्होंने भगवान श्रीराम की सहायता ली थी। भगवान श्रीराम ने उसका वध करके उसका उद्धार किया था।

#2. मारीच राक्षस (Mareech Rakshas)

मारीच ताड़का का पुत्र था जिसे भगवान श्रीराम ने ऋषि विश्वामित्र के आश्रम की रक्षा करते समय दूर समुंद्र में गिरा दिया था। बाद में इसी मारीच ने माता सीता के अपहरण करवाने में रावण की सहायता की थी। इसके लिए उसने एक सुन्दर स्वर्ण मृग का रूप रचा था जिसका भगवान श्रीराम ने अपने धनुष बाण से हत्या कर दी थी।

#3. कालनेमि राक्षस (Kalnemi Rakshas)

कालनेमि मारीच का पुत्र था जो इच्छानुसार रूप बदलने में गुणी था। जब हनुमान लक्ष्मण की प्राणों की रक्षा करने के लिए लंका से हिमालय पर्वत संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे तब बीच में उनका मार्ग रोकने के उद्देश्य से उसने एक साधु का भेष धरा था किंतु हनुमान ने उसे पहचान लिया तथा उसका वध कर दिया।

#4. सिहिंका राक्षसी (Sinhinka Rakshasi)

सिहिंका एक मायावी राक्षसी थी जिसमे आकाश में उड़ते पंछियों इत्यादि की परछाई को पकड़ लेने की शक्ति थी। जब हनुमान माता सीता का पता लगाने लंका जा रहे थे तब सिहिंका ने उनकी परछाई को पकड़ लिया था। इसके बाद हनुमान उसका सिर फाड़ते हुए निकल गए थे तथा उसका वध कर डाला था।

#5. कबंध राक्षस (Kabandh Rakshas)

कबंध पूर्व जन्म में एक गंधर्व था जो ऋषि स्थूलशिरा के श्राप के कारण एक राक्षस में बदल गया था। जब भगवान श्रीराम माता सीता की खोज में थे तब उन्हें कबंध राक्षस ने अपनी विशाल भुजाओं से पकड़ लिया था। इसके बाद श्रीराम ने लक्ष्मण की सहायता से उसे श्राप से मुक्ति दिलवाने के लिए उसका दाह संस्कार किया तथा उसे इस शरीर से मुक्ति दिलायी।

#6. शूर्पनखा राक्षसी (Shurpnakha Rakshasi)

शूर्पनखा राक्षस राजा रावण की बहन थी जिसका मन श्रीराम पर आ गया था। उसने स्वयं से विवाह के लिए पहले श्रीराम फिर लक्ष्मण के सामने प्रस्ताव रखा लेकिन दोनों के द्वारा उसका प्रस्ताव ठुकराने के बाद उसने माता सीता पर आक्रमण कर दिया जिसके फलस्वरुप लक्ष्मण ने उसकी नाक व एक कान काट दिया। इसके पश्चात ही सीता हरण तथा श्रीराम-रावण का भीषण युद्ध हुआ था।

#7. अहिरावण राक्षस (Ahiravan Rakshas)

अहिरावण रावण का भाई तथा मित्र था जिसने भगवान श्रीराम तथा लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था और दोनों को पाताल लोक ले गया था। वहां वह दोनों की बलि चढ़ाने वाला था लेकिन हनुमान ने समय पर पहुंचकर उसका वध कर डाला।

#8. विराध राक्षस (Viradh Rakshas)

जब भगवान श्रीराम अपने वनवास काल में दंडकारण्य के वन में थे तब उस समय विराध राक्षस ने माता सीता का अपहरण कर लिया था। उसे भगवान ब्रह्मा का वरदान था कि वह किसी भी अस्त्र-शस्त्र से नही मर सकता था। इसलिये भगवान श्रीराम ने उसकी भुजाएं काट दी तथा लक्ष्मण की सहायता से उसे भूमि में गड्डा खोदकर दबा दिया।

#9. सुबाहु राक्षस (Subahu Rakshas)

सुबाहु ताड़का का पुत्र तथा मारीच का भाई था। भगवान श्रीराम ने सबसे पहले इसी मायावी राक्षस का वध किया था। जब ऋषि विश्वामित्र अपने यज्ञ की रक्षा करने के लिए श्रीराम को आपने साथ ले गए थे तब सुबाहु अपने भाई मारीच के साथ उनके यज्ञ में बाधा पहुँचाने आया था। इसके बाद श्रीराम ने उसका वध कर दिया था।

#10. रावण परिवार के राक्षस (Ravan Ke Mayavi Rakshas)

इसके अलावा जो रामायण में सबसे प्रमुख तथा सबसे मायावी राक्षस थे वे थे स्वयं रावण उसका भाई कुंभकरण, खर-दूषण तथा उसका पुत्र मेघनाथ। इसमें सभी का वध श्रीराम ने किया था केवल मेघनाथ का वध लक्ष्मण ने किया था।

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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