आज हम आपके सामने लक्ष्मण सीता की कहानी (Lakshman Sita Ki Kahani) रखने जा रहे हैं। लक्ष्मण श्रीराम के छोटे भाई तथा शेषनाग के अवतार थे। लक्ष्मण श्रीराम व माता सीता को अपने माता-पिता तुल्य मानते थे किंतु एक क्षण उनके जीवन में ऐसा आया जब उन्होंने स्वयं को एक दम निःसहाय महसूस किया था।
यह वह क्षण था जब माता सीता ने उनके सामने सीता रेखा (Sita Rekha) खींच दी थी तथा उन्हें सीमाओं में बांध दिया था। आज हम आपको उसी घटना के बारे में बताएँगे।
श्रीराम का राज्याभिषेक होने के कुछ दिनों के पश्चात अयोध्या की प्रजा द्वारा माता सीता की पवित्रता पर प्रश्न उठाए जाने लगे। इस बात का पता जब माता सीता को चला तो उन्होंने स्वयं ही श्रीराम के द्वारा अपना त्याग करने तथा वन में जाने का निर्णय लिया। श्रीराम ने उन्हें रोकने का बहुत प्रयास किया लेकिन माता सीता उन्हें अपने वचनों में बांधकर वन की ओर प्रस्थान कर गई। इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई थी, केवल लक्ष्मण को माता सीता को वन में छोड़ आने का आदेश मिला था।
जब माता सीता लक्ष्मण के साथ रथ में बैठकर वन में पहुँच गई तब उन्होंने लक्ष्मण को रथ रोकने तथा वहाँ से वापस लौट जाने को कहा। इस पर लक्ष्मण विलाप करने लगे तथा वापस जाने से मना कर दिया। उन्होंने माता सीता को कहा कि वे अकेले उन्हें वन में नहीं जाने देंगे तथा वे भी उनके साथ चलेंगे तथा एक पुत्र की भाँति उनकी सेवा करेंगे।
माता सीता ने लक्ष्मण को समझाने का बहुत प्रयास किया तथा वापस लौटकर प्रभु श्रीराम की सेवा करने को कहा लेकिन लक्ष्मण भावना में बहकर वहाँ से जाने को तैयार नहीं थे। वे लगातार हठ कर रहे थे कि वे यहाँ से नहीं जाएंगे तथा माता सीता की सेवा करेंगे।
जब माता सीता ने देखा कि लक्ष्मण ऐसे नहीं मानेंगे तब उन्होंने लक्ष्मण के सामने एक पेड़ की डाली रखी तथा कहा कि जिस प्रकार एक दिन उसने माता सीता के लिए रेखा खींची थी तथा उसे पार करने से मना किया था। उसी प्रकार आज वह लक्ष्मण के सामने रेखा खींच रही है तथा एक माँ के नाते उन्हें आदेश तथा अपनी शपथ दे रही है कि वे इसे लांघकर उनके पीछे नही आएंगे। इतना कहकर माता सीता उस डाली को पार करके वन की ओर चली गई।
लक्ष्मण को अपनी माँ समान सीता से आदेश मिला था जिस कारण वे बिलकुल असहाय थे। यह विवशता ऐसी थी कि वे चाहकर भी उस रेखा को पार नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्हें विवश होकर पुनः अयोध्या लौटना पड़ा।
सीता रेखा से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: सीता को वन में कौन छोड़ने गया?
उत्तर: सीता को वन में छोड़ने लक्ष्मण जी गए थे। श्रीराम ने लक्ष्मण को आदेश दिया था कि सीता वन भ्रमण करना चाहती हैं, इसलिए उन्हें वन में छोड़ आएं।
प्रश्न: सीता को जंगल में कौन छोड़ता है?
उत्तर: सीता को जंगल में लक्ष्मण जी छोड़कर आते हैं। ऐसा वे श्रीराम के कहने पर करते हैं।
प्रश्न: राम सीता और लक्ष्मण को वन क्यों जाना पड़ा?
उत्तर: राम सीता और लक्ष्मण को वन कैकई के हठ और महाराज दशरथ के वचनों के कारण जाना पड़ा था। हालाँकि माता सीता और लक्ष्मण श्रीराम का साथ देने के उद्देश्य से वन में गए थे।
प्रश्न: राम लक्ष्मण और सीता को वनवास के लिए ले जाने वाले सेनापति का क्या नाम था?
उत्तर: राम लक्ष्मण और सीता को वनवास के लिए ले जाने वाले सेनापति नहीं बल्कि महाराज दशरथ के मुख्य मंत्री थे। उनका नाम आर्य सुमंत था।
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