माता सीता लंका में कितने दिन रही थी

Sita Ji Lanka Mein Kitne Din Rahi Thi

माता सीता रावण की नगरी लंका में कितने दिनों तक रही थी (Sita Ji Lanka Mein Kitne Din Rahi Thi) इसको लेकर अलग-अलह जगह अलग-अलग समयकाल लिखा हुआ हैं। कुछ के अनुसार माता सीता लंका में 12 माह अर्थात एक वर्ष तक रही थी (Mata Sita Lanka Mein Kitne Dino Tak Rahi) जबकि कुछ का मानना हैं कि माता सीता एक वर्ष से कम समय के लिए वहां रही थी। आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएँगे।

माता सीता लंका में कितने दिन रही (Sita Mata Lanka Mein Kitne Din Rahi Thi)

माता सीता का अपहरण

भगवान श्रीराम को कुल 14 वर्षों का वनवास मिला था तथा जब उनके वनवास काल के 13 वर्ष समाप्त हो चुके थे तथा केवल एक वर्ष का समय शेष रह गया था तब रावण के द्वारा माता सीता का अपहरण किया गया था। इसके पश्चात माता सीता की खोज आरंभ हुई थी फिर रावण के साथ युद्ध करके श्रीराम अयोध्या लौट आये थे।

सीता के अपहरण के पश्चात श्रीराम की खोज (Sita Mata Lanka Me Kitne Din Thi)

माता सीता के अपहरण के पश्चात भगवान श्रीराम जटायु से मिले, उसके पश्चात उनकी भेंट कबंध राक्षस से हुई जिन्होंने शबरी का पता दिया। फिर शबरी से भगवान राम सुग्रीव से मिले तथा उसे अपना खोया हुआ राज्य किष्किन्धा लौटाया। किष्किन्धा का राज्य सुग्रीव को दिलाने के पश्चात जब उन्होंने माता सीता को खोजने का प्रस्ताव रखा तब श्रीराम ने इसके लिए चार मास बाद का समय उचित समझा क्योंकि तब तक वर्षा ऋतु शुरू हो चुकी थी।

वर्षा ऋतु के समय नदी नाले उफान पर होते हैं तथा ऐसी दुर्गम परिस्थिति में वानर सेना के द्वारा माता सीता की खोज करना बहुत मुश्किल होता। इसलिये उन्होंने वर्षा ऋतु के समाप्त होने के पश्चात माता सीता की खोज शुरू करना सही समझा।

माता सीता की खोज (Sita Ji Lanka Me Kitne Din Rahi)

चार मास बीत जाने के पश्चात माता सीता की खोज शुरू हुई तथा दक्षिण में भेजे गए वानर दल में से हनुमान ने माता सीता का पता लगा लिया। इसके पश्चात भगवान श्रीराम सुग्रीव की सारी वानर सेना के साथ रामेश्वरम की धनुषकोड़ी नामक स्थल पर पहुंचे तथा वहां से सौ योजन का सेतु बनाया गया जिसको पार करके पूरी वानर सेना लंका पहुंची।

राम रावण युद्ध (Ram Ravan Ka Yudh Kitne Din Chala)

समुंद्र पार करने के पश्चात भगवान श्रीराम की सेना का रावण की राक्षसी सेना से भयंकर युद्ध हुआ तथा अंत में रावण मारा गया। इसके पश्चात भगवान श्रीराम ने लंका का नया राजा विभीषण को नियुक्त किया तथा माता सीता को अशोक वाटिका से मुक्त करवाया (Shri Ram Lanka Me Kitne Din Rahe)। माता सीता को मुक्त करवाते ही भगवान श्रीराम सभी के साथ पुष्पक विमान में बैठकर अयोध्या लौट आये अर्थात उनके 14 वर्षों का वनवास काल समाप्त हो गया। इसके अनुसार माता सीता लंका में 12 महीने या उससे कम समय के लिए ही रही थी।

पद्म पुराण में बतायी गयी हैं निश्चित समयावधि (Sita Mata Lanka Me Kitne Din Rahi)

हालाँकि पद्म पुराण में माता सीता के लंका में रहने की एक निश्चित समयावधि बतायी गयी है जिसके अनुसार माता सीता लंका में कुल 11 माह 14 दिन के लिए रही थी।

लेखक के बारें में: कृष्णा

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