आज हम आपके साथ रामानंद सागर सीरियल (Ramanand Sagar Serial List) के बारे में बात करने वाले हैं। रामानंद सागर टीवी की दुनिया में एक ऐसा नाम है जो कभी नहीं भुलाया जा सकता है। पहले वे एक कवि, लेखक, फिल्म डायरेक्टर के रूप में काम कर चुके थे किंतु जब से उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस सागर आर्ट्स को टीवी सिनेमा की दुनिया में उतारा तब से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रामानंद सागर की रामायण (Ramanand Sagar Ramayan Serial) ने केवल उन्हीं का जीवन ही नहीं बदला था बल्कि पूरे भारतवर्ष में टीवी की दुनिया में एक क्रांति ला दी थी। उनके प्रोडक्शन हाउस के द्वारा केवल रामायण ही नहीं बल्कि और भी सीरियल बनाए गए थे। आइए जानते हैं सागर आर्ट्स के अन्य सीरियल के बारे में।
रामानंद सागर जी ने रामायण के अलावा, भारतीय इतिहास व संस्कृति पर आधारित अन्य टीवी सीरियल का निर्माण भी किया। उनके बनाए गए हर सीरियल ने अपनी सादगी, तथ्य व एक्टिंग के कारण दर्शकों का दिल जीत लिया था। हालाँकि इनमें से कुछ सीरियल का निर्माण उन्होंने स्वयं नहीं किया था क्योंकि समय के साथ-साथ उनका स्वास्थ्य गिरता चला गया था।
ऐसे में जो सीरियल वर्ष 2000 के बाद आए थे, उनका निर्माण कार्य उनके बेटों ने देखा था। आज हम सागर हाउस प्रोडक्शन के बैनर तले बने 10 ऐसे सीरियल के बारे में आपको बताएँगे जिन्होंने सबसे ज्यादा प्रसिद्धि पाई।
यह रामानंद सागर जी का पहला सीरियल था जो सन 1985 में प्रसारित हुआ था। यह दूरदर्शन पर हर रविवार शाम 4:30 बजे प्रसारित किया जाता था। इसका हर एपिसोड लगभग आधे घंटे का होता था। इस सीरियल में कुल 26 कड़ियाँ थी जो “बेताल पचीसी” नामक पुस्तक पर आधारित थी।
कथा: इस सीरियल की पटकथा भारत के महान राजा विक्रमादित्य व पिशाच बेताल से जुड़ी हुई है। इसमें राजा विक्रम को बेताल 25 अलग-अलग कहानियां सुनाता है व अंत में उनसे प्रश्न पूछता है जिसका उत्तर राजा को देना होता है। इसकी कहानियां केवल हमारा मनोरंजन ही नहीं करती बल्कि क्या सही है व क्या गलत तथा एक राजा को क्या निर्णय लेना चाहिए, इसके बारे में शिक्षा देती है।
इस सीरियल को शुरू करने के पीछे एक रोचक प्रसंग भी जुड़ा हुआ है। दरअसल रामानंद सागर जी का यह पहला टीवी सीरियल था जिसे उन्होंने रामायण सीरियल के लिए फंड जुटाने के उद्देश्य से शुरू किया था। इस सीरियल से हुई कमाई के कारण ही रामानंद सागर जी रामायण जैसा ऐतिहासिक धारावाहिक का निर्माण कर पाए थे।
इस धारावाहिक के बारे में शायद ही किसी को बताना पड़े क्योंकि जब यह धारावाहिक आता था तब पूरा भारत मानों थम सा जाता था, सड़कें सुनसान हो जाया करती थी, दुकान घर ऑफिस इत्यादि सब जगह काम रुक सा जाता था, सभी लोग उस समय बस टीवी से चिपक जाते थे। इस धारावाहिक के कारण टीवी के सिनेमा में क्रांति आ गई थी, लोग टीवी की पूजा करने लगे थे।
इसमें भगवान श्रीराम व माता सीता की भूमिका निभाने वाले दोनों कलाकार आज भी सभी भारतवासियों के लिए पूजनीय हैं। यह दूरदर्शन पर सन 1987 में रविवार सुबह 9 बजे आया करता था जो लगभग एक घंटे का हुआ करता था। इसका पहला एपिसोड 25 जनवरी 1987 को प्रसारित हुआ था। इसमें कुल 78 एपिसोड थे जिसका आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 1988 को प्रसारित हुआ था।
दर्शकों की भारी मांग पर इसे सन 2000 में स्टार प्लस व स्टार उत्सव पर फिर से प्रकाशित किया गया था। उसके बाद कोरोना वायरस के कारण भारत में लगे लॉकडाउन के दौरान इसे फिर से प्रसारित किया गया।
कथा: इसकी कथा वाल्मीकि रचित रामायण, तुलसीदास रचित रामचरितमानस व तमिल तेलुगु बांग्ला की रामायणों पर आधारित है। इसकी कथा भगवान श्रीराम के जन्म से लेकर 14 वर्षों का वनवास, माता सीता का अपहरण, रावण का अंत, अयोध्या वापसी व भगवान राम के अयोध्या नरेश बनने तक है।
यह दूरदर्शन पर सन 1988 में रिलीज़ हुआ था जिसमें कुल 44 एपिसोड थे। एक एपिसोड लगभग आधे घंटे का हुआ करता था। यह रामायण धारावाहिक का ही अगला भाग था व साथ ही इसमें सभी पुराने कलाकार ही थे।
कथा: यह रामायण के आखिरी भाग उत्तर कांड से जुड़ी हुई है जिसमें भगवान श्रीराम व माता सीता के दो जुड़वा पुत्रों लव व कुश की कथा है। इसमें माता सीता को अकेले वनवास मिलने के बाद लव कुश का जन्म, उनका शुरूआती जीवन व शिक्षा, अश्वमेघ घोड़े को रोकना, अयोध्या में राम कथा सुनाना, अपने पिता से मिलना, माता सीता का भूमि में समाना, भगवान राम का समाधि लेना, लव कुश का राज्य संभालना इत्यादि देखने को मिलेगा।
रामायण के बाद रामानंद सागर जी का श्री कृष्ण सीरियल भी बहुत प्रसिद्द हुआ था व इसे देखना भी लोग बहुत पसंद करते थे। इसमें कुल 221 एपिसोड थे व एक एपिसोड लगभग 1 घंटे का होता था। इसे पहले दूरदर्शन पर फिर बाकी के बचे कुछ एपिसोड जी टीवी पर दिखाए गए। इसके बाद सोनी चैनल पर इसे फिर से पूरा प्रसारित किया गया था।
कथा: यह धारावाहिक भागवत पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, हरिवंसा, विष्णु पुराण, पद्म पुराण, गर्ग संहिता, भागवत गीता व महाभारत आदि पुस्तकों पर आधारित है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर उनका प्रेम जीवन, कंस व अनेक राक्षसों का वध, द्वारकाधीश बनना, महाभारत युद्ध व अन्य प्रसंग दिखाए गए हैं।
इसे स्टार प्लस पर सन 2006 में प्रसारित किया गया था जिसमें कुल 383 एपिसोड थे। एक एपिसोड लगभग आधे घंटे का होता था जो सोमवार से शुक्रवार आता था। पहला एपिसोड 12 मई 2006 व अंतिम एपिसोड 15 मार्च 2009 को प्रसारित किया गया था।
कथा: इसकी कथा पृथ्वीराज रासो नामक पुस्तक पर आधारित है जिसे उनके कवि चंदबरदाई ने लिखा था। यह भारत के आखिरी हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान के जन्म से लेकर, उनकी शिक्षा, प्रेम, शौर्य, पराक्रम, सेवा, अफगानों से उनका संघर्ष, युद्ध, पराजय व अंत में उनकी मृत्यु को दिखाती है। अफगान शासक मोहम्मद गौरी के हाथों पृथ्वीराज चौहान की पराजय के बाद भारत देश पहली बार विदेशी आक्रांताओं के हाथों में चला गया था।
यह सीरियल इमेजिन टीवी पर सन 2008 को प्रसारित हुआ था जिसमें कुल 224 एपिसोड थे। पहला एपिसोड 26 जुलाई 2008 को आया था। यह हर शनिवार रात 8 बजे आता था।
कथा: इसकी कथा भगवान शनि देव से जुडे भ्रम, डर, मिथ्या कथाओं इत्यादि को तोड़ती है व उनकी असली छवि को लोगों के सामने रखती है। यदि आप शनि देव के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं तो आपको यह धारावाहिक अवश्य देखना चाहिए।
यह सीरियल स्टार वन नामक चैनल पर सन 2009 को प्रसारित हुआ था जिसमें कुल 104 एपिसोड थे। इसका पहला एपिसोड 2 फरवरी 2009 को व आखिरी एपिसोड 6 जुलाई 2009 को आया था। एक एपिसोड लगभग आधे घंटे का होता था।
कथा: इसकी कथा महाभारत व कालिदास के अभिज्ञानशाकुंतलम से ली गई है जिसमें शकुंतला के जन्म से लेकर सम्राट दुष्यंत के साथ प्रेम कहानी, उनसे भरत नामक पुत्र का जन्म इत्यादि पर आधारित है।
यह सीरियल इमेजिन टीवी पर सन 2009 को प्रसारित किया गया था। इसमें कुल 134 एपिसोड थे जो लगभग आधे घंटे के हुआ करते थे। पहला एपिसोड 27 जुलाई 2009 को व आखिरी एपिसोड 29 जनवरी 2010 को आया था।
कथा: यह राजस्थान की माटी में जन्मी मीरा बाई की कहानी है जो भगवान श्री कृष्ण के प्रेम में दीवानी थी। यह सीरियल उनके जन्म से लेकर भगवान श्री कृष्ण के गुड्डे से शादी होना, उसके बाद उनका जीवन, कृष्ण के प्रेम में गाए भजन व कविताएं व अंत में मोक्ष प्राप्त कर लेना को दर्शाती है।
यह इमेजिन टीवी पर सन 2011 को प्रसारित किया गया था जो आचार्य चाणक्य व चन्द्रगुप्त मौर्य पर आधारित था। इसका पहला एपिसोड 11 मार्च 2011 को आया था व दुर्भाग्यवश यह बीच में ही बंद हो गया था।
इसके कुल 105 एपिसोड ही आ पाए थे जिसमें 105वां एपिसोड 7 अप्रैल 2012 को आया था। उसके बाद इमेजिन टीवी चैनल ही बंद हो गया व साथ ही इस सीरियल के मुख्य कलाकार (चन्द्रगुप्त) ने भी सीरियल को छोड़ दिया था, जिसके कारण यह 105वें एपिसोड के बाद से आज तक नहीं आ पाया।
कथा: यह इतिहास के महान आचार्य व कुटनीतिज्ञ चाणक्य के द्वारा मगध व भारत के सबसे शक्तिशाली सम्राट धनानंद को अपदस्थ करने से लेकर उस पर चन्द्रगुप्त मौर्य को बिठाने पर आधारित है।
यह सीरियल सहारा वन पर सन 2011 को प्रसारित हुआ था। इसमें कुल 1500 एपिसोड हैं व एक एपिसोड लगभग आधे घंटे का है। पहला एपिसोड 6 जून 2011 व आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 2015 को प्रसारित हुआ था।
कथा: यह भगवान हनुमान के जन्म से लेकर, उनके पराक्रम, विभिन्न कथाओं, रामायण, सन्यास इत्यादि के प्रसंगों को दिखाता है।
इस तरह से आज आपने रामानंद सागर सीरियल (Ramanand Sagar Serial List) के बारे में जानकारी ले ली है जिसमें से रामानंद सागर की रामायण (Ramanand Sagar Ramayan Serial) सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुई थी। इसके अलावा यदि आपने सागर आर्ट्स के बाकी सीरियल नहीं देखे हैं तो उन्हें भी देखें।
रामानंद सागर सीरियल से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: रामानंद सागर ने कौन कौन से सीरियल बनाए हैं?
उत्तर: रामानंद सागर जी ने रामायण, लव कुश, श्रीकृष्ण, विक्रम बेताल इत्यादि कई सीरियल का निर्माण कार्य किया है।
प्रश्न: रामायण सीरियल कितने साल पुराना है?
उत्तर: रामानंद सागर जी के द्वारा बनाया गया रामायण सीरियल वर्ष 1987 में बनाया गया था। यह दूरदर्शन पर वर्ष 1987 से 88 के बीच में प्रकाशित हुआ था।
प्रश्न: रामायण सीरियल के डायलॉग राइटर कौन है?
उत्तर: रामायण सीरियल के डायलॉग राइटर राही मासूम रजा हैं।
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स्वर्गीय श्री "रामानन्द सागर" जी द्वारा निर्मित सीरियल। "श्री ब्रह्मा विष्णु महेश" के कलाकार व अन्य जानकारी देने की कृपा करें