आज हम आपको बताएँगे कि गणेश चतुर्थी पर चांद क्यों नहीं देखना चाहिए। आपने यह तो सुना होगा कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी अर्थात गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है लेकिन ऐसा क्यों, यह बहुत कम लोग ही जानते हैं। इसे चौथ का चंद्रमा (Ganesh Chaturthi Chandra Darshan) भी कहते हैं।
इस दिन चंद्रमा को देखने से मिथ्या कलंक लगता है। इससे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी नहीं बच पाए थे तथा उन पर स्यमंतक मणि की चोरी का मिथ्या आरोप लगा था। अब आप पूछेंगे कि यदि गलती से चंद्रमा दिख भी जाए तो क्या करें। इसलिए आज हम आपको गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन कलंक निवारण के उपाय भी बताएँगे। हालाँकि सबसे पहले जानते हैं कि चौथ का चंद्रमा क्यों नहीं देखना चाहिए।
गणेश चतुर्थी पर चांद क्यों नहीं देखना चाहिए?
भगवान गणेश का जन्म सामान्य दिखने वाले एक शिशु के रूप में ही हुआ था जिसका निर्माण स्वयं माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से किया था। उसके बाद एक घटना पर भगवान शिव ने क्रोधित होकर अनजाने में अपने पुत्र गणेश का मस्तक काटकर अलग कर दिया था। पुत्र की मृत्यु का समाचार सुनकर माता पार्वती विलाप करने लगी थी तब भगवान शिव के आदेश पर गणेश के मृत शरीर के ऊपर एक हाथी का मस्तक काटकर लगाया गया था। तब से उनके बड़े-बड़े कान, सूंड व दो बड़े दांत थे।
एक दिन गणेश जी यूँ ही बैठे विश्राम कर रहे थे। तब चंद्रमा को उनके गजमुख को देखकर हंसी आ गई। यह देखकर भगवान गणेश को अपना अपमान महसूस हुआ। उन्होंने उसी समय चंद्रमा को श्राप दिया कि आज से उसका प्रभाव क्षीण होता जाएगा तथा जो भी उसके दर्शन करेगा उस पर मिथ्या कलंक लगेगा। भगवान गणेश से श्राप को पाकर चंद्रमा अत्यधिक भयभीत हो गए तथा देवताओं से सहायता मांगने गए।
चौथ का चंद्रमा क्यों नहीं देखना चाहिए?
तब सभी देवताओं ने गणेश जी से श्राप को वापस लेने की विनती की। चंद्रमा को अपनी गलती का अहसास होने तथा गणेश जी से क्षमा मांगने पर उन्हें उस पर दया आ गई। गणेश जी ने कहा कि उनका श्राप तो मिथ्या नहीं हो सकता इसलिए यह पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होगा। अतः जो केवल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करेगा तो उस पर मिथ्या कलंक लगेगा। इसी के साथ चंद्रमा का प्रभाव पंद्रह दिनों तक घटने के पश्चात फिर पंद्रह दिनों तक बढ़ेगा।
तब से लेकर आज तक किसी भी प्राणी को गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करने की पूर्णतया मनाही होती है अन्यथा उस पर मिथ्या कलंक लगने की संभावना प्रबल होती है। बस इसी कारण गणेश चतुर्थी पर चांद या चौथ के चंद्रमा (Ganesh Chaturthi Chandra Darshan) को नहीं देखना चाहिए।
श्रीकृष्ण ने देखा गणेश चतुर्थी का चांद
द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन कर लिए थे। इसके फलस्वरूप उन पर स्यमंतक मणि की चोरी का मिथ्या आरोप लगा था। तब उन्होंने जाम्बवंत जी के साथ युद्ध करके उस मणि को प्राप्त किया था तथा स्वयं पर लगे कलंक को समाप्त किया था। इसलिए कहा जाता है कि जब चौथ का चंद्रमा देखने से स्वयं भगवान अपने ऊपर कलंक लगने से नहीं बचा पाए थे, तो हम क्या ही कर लेंगे।
हालाँकि आज हम आपको यह भी बताएँगे कि यदि आपको गलती से गणेश चतुर्थी का चांद दिख जाए तो आप क्या कर सकते हैं। आइए जाने गणेश चतुर्थी पर चांद देखने पर क्या करें।
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन कलंक निवारण के उपाय
यदि गलती से उस दिन चंद्रमा के दर्शन हो भी जाएं तो आप नीचे दिए गए मंत्र का जाप कर उसका निवारण कर सकते हैं। इस मंत्र का 108 बार अवश्य जाप करें।
सिहः प्रसेनम् अवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्वमन्तकः॥
यह मंत्र स्यमंतक मणि की चोरी होने तथा उसके मिलने की कथा से ही जुड़ा हुआ है जिससे श्रीकृष्ण दोष मुक्त हुए थे। इसलिए इस मंत्र का जाप करने से भक्त चंद्र दर्शन के दोष से मुक्त (Ganesh Chaturthi Chandra Darshan) हो जाते हैं।
गणेश चतुर्थी के चांद से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: चंद्र दर्शन कब नहीं करना चाहिए?
उत्तर: गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन चंद्रमा को श्राप है कि यदि कोई उसके दर्शन कर लेगा तो उस पर मिथ्या कलंक लगेगा ।
प्रश्न: गणेश चतुर्थी पर चांद देखने पर क्या करे?
उत्तर: गणेश चतुर्थी पर चांद देखने पर आप “सिहः प्रसेनम् अवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः, सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्वमन्तकः” का जाप कर सकते हैं। इससे आपके ऊपर मिथ्या कलंक नहीं लगेगा या कम हानि होगी।
प्रश्न: गणेश चतुर्थी के दिन चांद दिख जाए तो क्या करें?
उत्तर: गणेश चतुर्थी के दिन चांद दिख जाए तो आप “सिहः प्रसेनम् अवधीत्, सिंहो जाम्बवता हतः, सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्वमन्तकः” का बार-बार जाप करें। इससे आप झूठे अपराध से बच जाएंगे।
प्रश्न: गणेश चतुर्थी पर किसी को चंद्रमा दिखे तो क्या होगा?
उत्तर: यदि किसी को गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा दिखता है या वह गलती से इसे देख लेता है तो उस पर मिथ्या कलंक लगता है। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के ऊपर भी यह कलंक लग चुका है।
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