शनि चालीसा PDF फाइल, फोटो, महत्व व लाभ सहित

Shani Chalisa In Hindi

आज हम आपके साथ शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करेंगे। क्या आप जानते हैं कि शनि देव की एक या दो नहीं बल्कि कुल तीन चालीसा है। हालाँकि इसमें से उनकी एक मुख्य चालीसा है जिसे हम आज के इस लेख में देने जा रहे हैं। शनि देव की चालीसा को पढ़ने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और हमारे सभी दोषों का अंत कर देते हैं।

आज के इस लेख में आपको शनि चालीसा PDF (Shani Chalisa PDF) फाइल और फोटो भी मिलेगी। इसे आप आगे कभी पढ़ने के लिए अपने मोबाइल में सेव करके रख सकते हैं। अंत में हम आपको शनि चालीसा के लाभ और महत्व के बारे में भी बताएँगे। आइए सबसे पहले करते हैं शनि चालीसा का पाठ।

Shani Chalisa | शनि चालीसा

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल करण कृपाल।
दीनन को दुःख दूर करि,
कीजै नाथ निहाल॥

जय-जय श्री शनिदेव प्रभु,
सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय,
राखहु जन की लाज॥

॥ चौपाई ॥

जयति-जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा तन श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छवि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमकै।
हिय माल मुक्तन मणि दमकै॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल विच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल कृष्णो छायानन्दन।
यम कोणस्थ रौद्र दुःखभंजन॥

सौरि मन्द शनी दशानामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जापर प्रभु प्रसन्न हवैं जाहीं।
रंकहु राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हा।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हा॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी गई चुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करि डारा।
मचिगई दल में हाहाकारा॥

रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग वीर की डंका॥

नृप विक्रम पर जब पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महं कीन्हों।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हों॥

हरिश्चन्द्रहुं नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी मीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।
पारवती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उघारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।
लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देव लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना।
गज दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहिं चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सुख मंगल भारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

॥ दोहा ॥

प्रतिमा श्री शनिदेव की लौह धातु बनवाए।
प्रेम सहित पूजन करै सकल कटि जाय॥

चालीसा नितनेम यह कहहिं सुनहिं धरि ध्यान।
निश्चय शनि ग्रह सुखद ह्यें पावहि नर सम्मान॥

शनि चालीसा फोटो

यह रही शनि चालीसा की फोटो:

शनि चालीसा (Shani Chalisa)
शनि चालीसा (Shani Chalisa)

यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।

शनि चालीसा PDF | Shani Chalisa PDF

अब हम शनि चालीसा की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: शनि चालीसा PDF

ऊपर आपको लाल रंग में शनि चालीसा PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

शनि चालीसा का महत्व

नव ग्रहों में केवल शनि ग्रह ही ऐसे है, जिनसे हर कोई भय खाता है। हालाँकि दो और ग्रह है जिनसे लोग भय खाते हैं। उन्हें राहु और केतु के नाम से जाना जाता है लेकिन ये दोनों ग्रह पाप ग्रह की श्रेणी में आते हैं। शनि ग्रह ही ऐसा है जो देवता है लेकिन वे मनुष्यों को दंड भी देते हैं। हालाँकि यह केवल मनुष्य के बुरे कर्म के लिए ही उसे दण्डित करते हैं।

ऐसे में शनि चालीसा के माध्यम से यह बताया गया है कि शनि देव किन-किन चीज़ों से प्रसन्न होते हैं। साथ ही उनकी महिमा, गुणों और शक्तियों का भी वर्णन किया गया है। शनि चालीसा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा हम पर बरसाते हैं। यहीं शनि चालीसा का महत्व होता है।

शनि चालीसा के लाभ

शनि चालीसा पढ़ने से एक या दो नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। सबसे पहला लाभ तो यहीं होता है कि आप पर शनि देव की टेढ़ी नज़र हटती है। वही यदि आपकी कुंडली में किसी तरह का शनि दोष है तो वह भी दूर होता है। शनि देव की कृपा से समाज में आपकी प्रतिष्ठा और सम्मान में वृद्धि देखने को मिलती है।

जो लोग प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करते हैं, उनके घर में आर्थिक संपन्नता भी आती है। व्यवसाय या नौकरी में किसी तरह की समस्या आ रही थी तो वह दूर हो जाती है। करियर या शिक्षा संबंधित हर तरह की बाधाएं स्वतः ही दूर होने लगती है। इसलिए हर किसी को कम से कम शनिवार के दिन तो शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। यहीं शनि चालीसा के लाभ होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने शनि चालीसा (Shani Chalisa) पढ़ ली है। साथ ही आपने शनि चालीसा पाठ से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आपको शनि चालीसा PDF फाइल या फोटो डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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