संकटा माता की चालीसा हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

संकटा चालीसा (Sankata Chalisa)

Portal Berita 24Medan Portal 24

Nusantara News

Koran Malam Indonesia

Portal Rakyat Indonesia

kerajaan yumetoto kembali dengan seribu kekuatan untuk maxwin di slot olympus

trik pola maxwin memberika kemenangan dari bocoranmantan admin slot

pria kaya ini membeli iphone 16 promax dari hasil jp di mahjong ways

gagal dalam kehidupan bukan berarti gagal dalam dunia game slot mahjong

pria ini maxwin di slot langsung traktir teman teman nya

jika kamu bisa maka aku juga bisa begitulah cara pria ini berpikir untuk terus berusaha jackpot di slot

rahasia maxwin menggunakan scatter hitam di yang dikembangkan oleh mantan admin slot

pola scatter hitam yang membawa berkah dan kekayaan dalam sekejap mata

kerja bagai kuda untuk bisa menghasilkan maxwin berturut di slot aztec gems

maxwin bersama slot delapan delapan memberikan kemenangan pasti

tebak angka bersama peramal untuk mengeluarkan angka bocoran toto hk

agen toto terbaik di indonesia ini berhasil membocorkan rahasia angka keluaran hk

situs toto togel terbaik yang mampu membayar semua member yang berhasil jackpot

rahasia maxwin terbaik menggunakan teknik ramalan shio ternama

perbaiki kehidupan dengan cara bermain slot menggunakan teknik dari mantan admin ini

cara jitu main slot mahjong agar banjir scatter merah dan hitam secara bersmaan

pola terbaik yan berhasil diungkap oleh admin slot khusus slot olympus

cara maxwin menggunakan teknik 2332 dari admin pascol

menjual kesenangan untuk bisa maximalkan kemenangan di slot mahjong

rahasia terbaik untuk jackpot menggunakan teknik bocoran scatter hitam

आज हम आपके साथ संकटा चालीसा (Sankata Chalisa) का पाठ करेंगे। कश्मीर में संकटा देवी का मंदिर है जो अपने आप में अद्भुत है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ स्थित संकटा माता की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रंग रूप बदलती है। सुबह के समय मातारानी कन्या रूप में, दोपहर में यौवन अवस्था में तो शाम को प्रौढ़ावस्‍था का रूप लिए होती हैं। संकटा माता को कश्मीरी पंडितों की कुलदेवी माना जाता है।

आज के इस लेख में आपको ना केवल संकटा माता की चालीसा (Sankata Mata Ki Chalisa) पढ़ने को मिलेगी बल्कि उसी के साथ ही संकटा चालीसा हिंदी अर्थ सहित भी जानने को मिलेगी। लेख के अंत में हम आपके साथ संकटा माता चालीसा का महत्व व लाभ भी साझा करेंगे। तो आइए सबसे पहले करते हैं श्री संकटा माता की चालीसा।

Sankata Chalisa | संकटा चालीसा

॥ दोहा ॥

जगत जननि जगदम्बिके, अरज सुनहु अब मोर।
बंदौ पद-युग नाइ सिर, विनय करों कर जोर॥

॥ चौपाई ॥

जय जय जय संकटा भवानी, कृपा करहु मो पर महारानी।
हाथ खड्ग भृकुटि विकराला, अरुण नयन गल में मुण्डमाला॥

कानन कुण्डल की छवि भारी, हिय हुलसे मन होत सुखारी।
केहरि वाहन है तव माता, कष्ट निवारो जन जन त्राता॥

आयऊं शरण तिहारी अम्बे, अभय करहु मोको जगदम्बे।
शरण आई जो तुमहिं पुकारा, बिन बिलम्ब तुम ताहि उबारा॥

भीर पड़ी भक्तन पर जब-जब, किया सहाय मात तुम तब-तब।
रक्तबीज दानव तुम मारे, शुंभ-निशुंभ के उदर विदारे॥

महिसासुर नृप अति बलबीरा, मारे मरे न अति रणधीरा।
करि संग्राम सकल सुर हारे, अस्तुति करी तुम तुमहिं पुकारे॥

प्रगटेउ काली रूप में माता, सेन सहित तुम ताहि निपाता।
तेहि के बध सब देव हरषे, नभ दुंदुभी सुमन बहु बरसे॥

रक्षा करहु दीन जन जानी, जय जय जगदंब भवानी।
सब जीवों की हो प्रतिपालक, जय जग जननी दनुज कुल घालक॥

सकल सुमन की जीवन दाता, संकट हरो हमारी माता।
संकट नाशक नाम तुम्हारा, सुयश तुम्हार सकल संसारा॥

सुर नर नाग असुर मुनि जेते, गावत गुण गान निश दिन तेते।
योगी निशिवासर तब ध्यावहिं, तदपि तुम्हार अंत न पावहिं॥

अतुल तेज मुख पर छवि सोहै, निरखि सकल सुर नर मुनि मोहै।
चरण कमल मैं शीश झुकाऊं, पाहि पाहि कहि नितहि मनाऊं॥

नेति-नेति कहा वेद बखाना, शक्ति स्वरुप तुम्हार न जाना।
मैं मूरख किमि कहौं बखानी, नाम तुम्हारा अनेक भवानी॥

सुमिरत नाम कटै दुःख भारी, सत्य वात यह वेद उचारी।
नाम तुम्हार लेत जो कोई, ताकौ भय संकट नहीं होई॥

संकट आय परै जो कबहिं, नाम लेत बिनसत हैं तबहिं।
प्रेम सहित जो जपे हमेशा, ताके तन नहि रहे कलेशा॥

शरणागत होई जो जन आवैं, मनवांछित फल तुरतहि पावै।
रणचंडी वन असुर संहारा, बंधन काटि कियौ छुटकारा॥

नाम सकल कलि कलुष नसावन, सुमिरत सिद्ध होय नर पावन।
षोड्श पूजन करे जो कोई, इच्छित फल पावै नर सोई॥

जो नारी सिंदूर चढ़ावे, तासु सोहाग अचल हो जावै।
पुत्र हेतु जो पूजा करहिं, सन्तति-सुख निश्चय सो लहहिं॥

और कामना करे जो कोई, ताके घर सुख संपत्ति होई।
निर्धन नर जो शरण में आवै, सो निश्चय धनवान कहावै॥

रोगी रोग मुक्त होइ जावै, तब चरणन को ध्यान लगावै।
सब सुख खानि तुमारि पूजा, एहि सम और उपाय न दूजा॥

पार करे संकटा चालीसा, तेहि पर कृपा करहिं गौरीसा।
पाठ करें अरु सुनै सुनावै, वाकौ सब संकट मिटि जावे॥

कहां तक महिमा कहौं तुम्हारी, हरहू बेगि मोहि संकट भारी।
मम कारज सब पूरन किजे, दीन जनि मोहिं अभय कर दीजे॥

तोहि विनय करूं मैं बारम्बारा, छमहूँ सकल अपराध हमारा।

॥ दोहा ॥

मातु संकटा नाम तव, संकट हरहुँ हमार।
होय प्रसन्न निज दास पर लिजै मोहिं उबार॥

Sankata Mata Ki Chalisa | संकटा माता की चालीसा – अर्थ सहित

॥ दोहा ॥

जगत जननि जगदम्बिके, अरज सुनहु अब मोर।
बंदौ पद-युग नाइ सिर, विनय करों कर जोर॥

हे जगत की जननी जगदंबिका माता!! मेरी प्रार्थना को अब सुन लीजिये। मैं आपके चरणों में अपना शीश झुकाता हूँ और आपके सामने हाथ जोड़कर विनती करता हूँ।

॥ चौपाई ॥

जय जय जय संकटा भवानी, कृपा करहु मो पर महारानी।
हाथ खड्ग भृकुटि विकराला, अरुण नयन गल में मुण्डमाला॥

कानन कुण्डल की छवि भारी, हिय हुलसे मन होत सुखारी।
केहरि वाहन है तव माता, कष्ट निवारो जन जन त्राता॥

हे संकटा भवानी माता!! आपकी जय हो, जय हो। हे मातारानी!! मुझ पर अपनी कृपा कीजिये। आपके हाथ में खड्ग तो भृकुटी बहुत ही विशाल है। आँखों में दया तो गले में राक्षसों के कटे सिर की माला है। आपके कानो में कुंडल बहुत ही सुन्दर लग रहे हैं जिसे देखकर हमारे मन को सुख मिलता है। आपका वाहन केहरी है और आप इस जगत के प्राणियों के कष्ट दूर करती हैं।

आयऊं शरण तिहारी अम्बे, अभय करहु मोको जगदम्बे।
शरण आई जो तुमहिं पुकारा, बिन बिलम्ब तुम ताहि उबारा॥

भीर पड़ी भक्तन पर जब-जब, किया सहाय मात तुम तब-तब।
रक्तबीज दानव तुम मारे, शुंभ-निशुंभ के उदर विदारे॥

मैं आपकी शरण में आया हूँ और अब आप मुझे अभय प्रदान कीजिये। जो कोई भी आपकी शरण में आकर आपको पुकारता है, आप बिना देरी किये उसका उद्धार कर देती हैं। जब कभी भी आपके भक्तों पर संकट आया है, आपने उसका समाधान किया है। आपने ही रक्तबीज व शुम्भ-निशुंभ दानवों का संहार किया था।

महिसासुर नृप अति बलबीरा, मारे मरे न अति रणधीरा।
करि संग्राम सकल सुर हारे, अस्तुति करी तुम तुमहिं पुकारे॥

प्रगटेउ काली रूप में माता, सेन सहित तुम ताहि निपाता।
तेहि के बध सब देव हरषे, नभ दुंदुभी सुमन बहु बरसे॥

एक समय पहले जब महिषासुर नाम का अति शक्तिशाली राक्षस हुआ था जिसे युद्ध में हराना लगभग असंभव था। उसने सभी देवताओं को युद्ध में पराजित कर दिया था तब देवताओं ने आपके नाम की स्तुति की थी। तब आप काली रूप में प्रकट हुई थी और युद्ध भूमि में कूद पड़ी थी। आपने महिषासुर का अंत कर देवताओं को आनंद प्रदान किया और आपके नाम का जय-जयकार आकाश में पुष्प वर्षा के रूप में होने लगा।

रक्षा करहु दीन जन जानी, जय जय जगदंब भवानी।
सब जीवों की हो प्रतिपालक, जय जग जननी दनुज कुल घालक॥

सकल सुमन की जीवन दाता, संकट हरो हमारी माता।
संकट नाशक नाम तुम्हारा, सुयश तुम्हार सकल संसारा॥

हे माँ जगदंबा!! आप अपने इस सेवक की रक्षा कीजिये। आपकी जय हो, जय हो। आप ही सभी जीवों की रक्षा करती हैं और दुष्टों का नाश करती हैं।आप ही हम सभी को जीवन प्रदान करती हैं और हमारे संकट दूर करती हैं। आपका नाम संकट नाशक है और आपका यश इस विश्व में हर कोई जानता है।

सुर नर नाग असुर मुनि जेते, गावत गुण गान निश दिन तेते।
योगी निशिवासर तब ध्यावहिं, तदपि तुम्हार अंत न पावहिं॥

अतुल तेज मुख पर छवि सोहै, निरखि सकल सुर नर मुनि मोहै।
चरण कमल मैं शीश झुकाऊं, पाहि पाहि कहि नितहि मनाऊं॥

सभी देवता, मनुष्य, नाग, असुर व ऋषि-मुनि आपके नाम का ही ध्यान व गुणगान दिनरात करते हैं। योगी दिनरात आपका ध्यान करते हैं, फिर भी उन्हें आपकी महिमा का संपूर्ण वर्णन नहीं मिल पाता है। आपके मुख पर दिव्य तेज छाया हुआ है जो हम सभी का मन मोह लेता है। मैं आपके चरणों में अपना शीश झुकाकर आपको मनाता हूँ।

नेति-नेति कहा वेद बखाना, शक्ति स्वरुप तुम्हार न जाना।
मैं मूरख किमि कहौं बखानी, नाम तुम्हारा अनेक भवानी॥

सुमिरत नाम कटै दुःख भारी, सत्य वात यह वेद उचारी।
नाम तुम्हार लेत जो कोई, ताकौ भय संकट नहीं होई॥

आपकी महिमा का वर्णन तो वेदों में भी किया गया है और आपको शक्ति का स्वरुप बताया है। मैं तो मूर्ख प्राणी हूँ और आपके अनेक नाम हैं जो विभिन्न गुणों के परिचायक हैं। वेदों में भी यह कहा गया है कि आपके नाम का सुमिरन करने से हमारे दुःख मिट जाते हैं। जो कोई भी आपका नाम लेता है, उसके सभी भय व संकट समाप्त हो जाते हैं।

संकट आय परै जो कबहिं, नाम लेत बिनसत हैं तबहिं।
प्रेम सहित जो जपे हमेशा, ताके तन नहि रहे कलेशा॥

शरणागत होई जो जन आवैं, मनवांछित फल तुरतहि पावै।
रणचंडी वन असुर संहारा, बंधन काटि कियौ छुटकारा॥

जब कभी भी हम पर संकट आता है तो आपका नाम लेने मात्र से ही वह दूर हो जाता है। जो कोई भी प्रेम सहित आपके नाम का जाप करता है, उसके शरीर के सभी रोग मिट जाते हैं। जो कोई भी संकटा माता की शरण में जाता है, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आप ही रणचंडी के रूप में असुरों का संहार कर देती हैं और भक्तों के बंधन काट देती हैं।

नाम सकल कलि कलुष नसावन, सुमिरत सिद्ध होय नर पावन।
षोड्श पूजन करे जो कोई, इच्छित फल पावै नर सोई॥

जो नारी सिंदूर चढ़ावे, तासु सोहाग अचल हो जावै।
पुत्र हेतु जो पूजा करहिं, सन्तति-सुख निश्चय सो लहहिं॥

कलियुग में आपके नाम का सुमिरन करने से सभी तरह के कलेश दूर होते हैं। आपके नाम का जाप करने से मनुष्य का मन पवित्र हो जाता है। जो भी षोडशी माता के नाम की पूजा करता है, इसे अपनी इच्छा अनुसार फल की प्राप्ति होती है। जो नारी आपको सिंदूर चढ़ाती है, वह हमेशा सुहागिन बनी रहती है। जो कोई भी संतान प्राप्ति के लिए आपकी पूजा करता है, उसे जल्द ही संतान का सुख प्राप्त होता है।

और कामना करे जो कोई, ताके घर सुख संपत्ति होई।
निर्धन नर जो शरण में आवै, सो निश्चय धनवान कहावै॥

रोगी रोग मुक्त होइ जावै, तब चरणन को ध्यान लगावै।
सब सुख खानि तुमारि पूजा, एहि सम और उपाय न दूजा॥

जो कोई भी आपके सामने याचना करता है, उसके घर में सुख-संपत्ति का वास होता है। जो निर्धन व्यक्ति आपकी शरण में आता है, उसे आप बहुत सा धन देती हैं। रोग से पीड़ित व्यक्ति आपके चरणों का ध्यान कर स्वस्थ काया को प्राप्त करता है। आप ही सभी सुखों की खान हैं जो आपकी पूजा के माध्यम से प्राप्त होते हैं। इसके बिना सुखों को प्राप्त करने का कोई दूसरा उपाय नहीं है।

पार करे संकटा चालीसा, तेहि पर कृपा करहिं गौरीसा।
पाठ करें अरु सुनै सुनावै, वाकौ सब संकट मिटि जावे॥

कहां तक महिमा कहौं तुम्हारी, हरहू बेगि मोहि संकट भारी।
मम कारज सब पूरन किजे, दीन जनि मोहिं अभय कर दीजे॥

तोहि विनय करूं मैं बारम्बारा, छमहूँ सकल अपराध हमारा।

जो कोई भी संकटा चालीसा का पाठ करता है, उसे माँ गौरी की कृपा से मोक्ष मिलता है। जो कोई भी इस संकटा माता चालीसा को सुनता या सुनाता है, उसके सभी संकट मिट जाते हैं। अब मैं आपकी महिमा का कहाँ तक वर्णन करूँ क्योंकि यह तो अपरंपार है।

हे संकटा माता!! अब आप मेरे सभी बिगड़े हुए काम बना दीजिये और इस सेवक को अभय का वरदान दीजिये। मैं आपके सामने हाथ जोड़कर बार-बार यही विनती कर रहा हूँ कि आप मेरे सभी अपराधों को क्षमा कर मेरा उद्धार कर दीजिये।

॥ दोहा ॥

मातु संकटा नाम तव, संकट हरहुँ हमार।
होय प्रसन्न निज दास पर लिजै मोहिं उबार॥

हे मातारानी!! आपका नाम ही संकटा माता है और आप हमारे सभी संकटों को हर लेती हैं अर्थात उन्हें दूर कर देती हैं। जिस किसी पर भी आप प्रसन्न हो जाती हैं तो आप उसका उद्धार कर उसे मोक्ष प्रदान करती हैं।

संकटा माता चालीसा का महत्व

संकटा माता केवल कश्मीरी लोगों की ही कुलदेवी नहीं है बल्कि इनके मंदिर देश में कई जगह बने हुए हैं जहाँ लाखों लोगों के द्वारा इनकी पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में संकटा माता के दरबार में इतनी भीड़ इसलिए जुटती है क्योंकि उनके द्वारा अपने भक्तों के हर संकट का निवारण कर दिया जाता है और उनके जीवन में खुशियाँ भर दी जाती है।

ऐसे में संकटा माता चालीसा (Sankata Mata Chalisa) के माध्यम से माता संकटा के गुणों, शक्तियों व उपासना के महत्व को दर्शाया गया है। इसके माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि संकटा माता हम सभी का किस तरह से उद्धार करती हैं और किन गुणों के कारण उनकी पूजा की जाती है। यही संकटा चालीसा का महत्व होता है।

संकटा चालीसा के लाभ

अब यदि आप प्रतिदिन सच्चे मन के साथ संकटा माता का ध्यान करके संकटा चालीसा का पाठ करते हैं तो अवश्य ही संकटा माता की कृपा आप पर और आपके परिवार पर बरसती है। यदि किसी व्यक्ति की भक्ति से संकटा माता प्रसन्न हो जाती हैं तो उसके ऊपर आया हर संकट टल जाता है और उसके जीवन में आ रही सभी तरह की बाधाएं अपने आप ही दूर होने लगती हैं।

एक तरह से संकटा माता चालीसा के माध्यम से हमारा जीवन सुगम बनता है और हमें हर तरह की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने की शक्ति मिलती है। आगे का मार्ग प्रशस्त बनता है और हम बिना किसी चिंता के उस पर बढ़ते चले जाते हैं। इस तरह से अपने भक्तों के जीवन को सुगम बनाना ही संकटा माता की चालीसा का मुख्य लाभ होता है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने संकटा चालीसा हिंदी में अर्थ सहित (Sankata Chalisa) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने संकटा माता की चालीसा के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

Recommended For You

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।