शिवजी को समर्पित सोमवार आरती हिंदी में – महत्व व लाभ सहित

सोमवार आरती (Somwar Aarti)

आज हम आपके सामने सोमवार की आरती (Somwar Ki Aarti) रखने जा रहे हैं। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन बहुत सी महिलाएं शिवजी के नाम का व्रत रखती हैं। सावन के महीने में आने वाले सोमवार का महत्व तो हर किसी को पता ही है लेकिन इसके अलावा भी हर सोमवार के दिन का जुड़ाव भगवान शिव से ही होता है। अब जो महिलाएं सोमवार के दिन व्रत रखती हैं, उनके द्वारा सोमवार व्रत की कथा को सुनकर आरती भी की जाती है।

ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ सोमवार आरती (Somwar Aarti) ही साझा करने जा रहे हैं। यहाँ आपको केवल सोमवार की आरती ही पढ़ने को नहीं मिलेगी अपितु उसका महत्व व लाभ भी जानने को मिलेगा। इससे आप सोमवार आरती का संपूर्ण लाभ उठा पाएंगे। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं भगवान शिव को समर्पित सोमवार की आरती हिंदी में।

Somwar Ki Aarti | सोमवार की आरती

शीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुर सुखरासी॥

शीतल मन्द सुगंध पवन बह, बैठे हैं शिव अविनाशी।
करत गान गंधर्व सप्त स्वर, राग रागिनी मधुरासी॥

यक्ष रक्ष भैरव जहँ डोलत, बोलत हैं वनके वासी।
कोयल शब्द सुनावत सुंदर, भ्रमर करत हैं गुंजा सी॥

कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु, लाग रहे हैं लक्षासी।
कामधेनु कोटिन जहँ डोलत, करत दुग्धकी वर्षा सी॥

सूर्यकांत सम पर्वत शोभित, चंद्रकांत सम हिमराशी।
नित्य छहों ऋतु रहत सुशोभित, सेवत सदा प्रकृति दासी॥

ऋषि मुनि देव दनुज नित सेवत, गान करत श्रुति गुणराशी।
ब्रह्मा विष्णु निहारत निसिदिन, कछु शिव हमकूं फरमासी॥

ऋद्धि सिद्धि के दाता शंकर, नित सत चित्त आनंदराशी।
जिन के सुमिरत ही कट जाती, कठिन काल यमकी फांसी॥

त्रिशूल धरजी का नाम निरंतर, प्रेम सहित जो नर गासी।
दूर होय विपदा उस नर की, जन्म-जन्म शिवपद पासी॥

कैलासी काशी के वासी, अविनाशी मेरी सुध लीजो।
सेवक जान सदा चरनन को, अपनो जान कृपा कीजो॥

तुम तो प्रभुजी सदा दयामय, अवगुण मेरे सब ढकियो।
सब अपराध क्षमाकर शंकर, किंकर की विनती सुनियो॥

तो यह थी सोमवार आरती (Somwar Aarti)। शिव जी तो भोलेनाथ है। इस कारण वे अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न भी हो जाते हैं। ऐसे में सोमवार की आरती करने से भोलेनाथ बहुत खुश होते हैं और अपना आशीर्वाद भक्तों को देते हैं।

सोमवार की आरती का महत्व

सोमवार आरती का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इसके माध्यम से ना केवल शिव के रूप का वर्णन किया गया है बल्कि यह भी बताया गया है कि उनका कोई रूप नहीं है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि शिव का रूप है भी और नहीं भी। साथ ही वे हर किसी के लिए हैं, फिर चाहे वह मनुष्य हो, देवता हो या असुर हो। वे ही सभी का निर्माण करते हैं और विनाश भी वही करते हैं।

ऐसे में शिव जी के गुणों का वर्णन करने हेतु ही सोमवार आरती की रचना की गयी है। सोमवार की आरती के माध्यम से हम भगवान शिव का ध्यान कर उनकी उपासना कर सकते हैं। यदि कोई भक्त सोमवार के दिन व्रत नहीं भी कर पाता है या असमर्थ होता है तो केवल सोमवार आरती के माध्यम से ही उससे भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।

सोमवार आरती के लाभ

यदि आप सच्चे मन के साथ भगवान शिव का ध्यान कर और सोमवार के दिन व्रत रखकर सोमवार की आरती का पाठ करते हैं तो अवश्य ही आप पर और आपके परिवार पर शिव जी की कृपा दृष्टि होती है। जिस भी मनुष्य से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं, वह कभी भी अकाल मृत्यु को प्राप्त नहीं होता है। साथ ही इस विश्व का कोई भी भय उसे नहीं सताता है तथा वह भय मुक्त बनता है।

सोमवार आरती करने से सुहागिन महिलाओं के सुहाग की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं और उनके पति के जीवन में आ रहे हरेक संकट को दूर कर देते हैं। वहीं जो कन्याएं विवाह के लिए योग्य वर की तलाश में हैं, उन्हें भी भगवान शिव की कृपा से जल्द ही योग्य वर की प्राप्ति होती है और उनका जीवन सुखमय बनता है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने सोमवार की आरती (Somwar Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने सोमवार आरती के लाभ व महत्व भी जान लिए हैं। जो लोग हर सोमवार के दिन भगवान शिव का ध्यान कर उनकी आरती करते हैं, उनके जीवन से हर तरह के संकट एक पल में ही दूर हो जाते हैं। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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