शाकंभरी माता की आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

Shakumbhari Mata Ki Aarti

आज के इस लेख में हम आपके साथ शाकंभरी माता की आरती (Shakumbhari Mata Ki Aarti) का पाठ ही करने जा रहे हैं। सनातन धर्म में माँ आदिशक्ति के कई रूप हैं जो उनके भिन्न-भिन्न गुणों का वर्णन करते हैं। भक्त लोग भी माँ के इन्हीं गुणों के अनुसार ही उनकी पूजा करते हैं। ऐसे में माँ आदिशक्ति का एक सौम्य रूप माँ शाकंभरी देवी है जो भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

शाकंभरी देवी आरती (Shakumbhari Devi Aarti) सभी भक्तों के लिए अत्यंत शुभ फल देने वाली होती है जो इसके अर्थ से पता चलता है। ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से आप शाकंभरी माता आरती हिंदी अर्थ सहित भी पढ़ पाएंगे और उसका संपूर्ण भावार्थ समझ पाएंगे। इससे आपको शाकंभरी देवी की आरती का संपूर्ण ज्ञान हो जाएगा। अंत में आपको शाकंभरी आरती के लाभ व महत्व भी जानने को मिलेंगे।

Shakumbhari Mata Ki Aarti | शाकंभरी माता की आरती

हरि ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो।

ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,

शताक्षी दयालु की आरती कीजो।

तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,

सब घट तुम आप बखानी माँ।

शाकुम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।

तुम्हीं हो शाकुम्भर तुम ही हो सताक्षी माँ

शिवमूर्ति माया तुम ही हो प्रकाशी माँ,

श्री शाकुम्भर…

नित जो नर-नारी अम्बे आरती गावे माँ

इच्छा पूरण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे माँ

श्री शाकुम्भर…

जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ

जो नर आरती सुने सुनावे माँ

बस बैकुण्ठ शाकुम्भर दर्शन पावे,

श्री शाकुम्भर…

Shakumbhari Devi Aarti | शाकंभरी देवी आरती – अर्थ सहित

हरि ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो।

ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,

शताक्षी दयालु की आरती कीजो।

मैं हरि व का नाम लेकर, शाकंभरी देवी जी की आरती करता हूँ। शाकम्भरी ही देवी अम्बा का एक रूप हैं। उनका यह अनुपम रूप हमारे हृदय में बसा हुआ है। वे ही शताक्षी माता के रूप में बहुत दयावान हैं और हम सभी उनकी आरती करते हैं।

तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,

सब घट तुम आप बखानी माँ।

शाकंभरी माता अपने आप में परिपूर्ण हैं अर्थात सभी गुणों को समाहित किये हुई हैं। इस जगत के प्रत्येक कोने में हम सभी माता शाकंभरी के गुणों का वर्णन करते हैं।

शाकुम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।

तुम्हीं हो शाकुम्भर तुम ही हो सताक्षी माँ,

शिवमूर्ति माया तुम ही हो प्रकाशी माँ।

हम सभी अम्बा माता के रूप शाकुम्भरी माता की आरती करते हैं। आप ही शाकुम्भरी माता हैं और आप ही सताक्षी माता भी हैं। आप ही शिव हैं और आप ही मोहमाया हैं। आप ही इस जगत में प्रकाश फैलाने का कार्य करती हैं।

नित जो नर-नारी अम्बे आरती गावे माँ,

इच्छा पूरण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे माँ।

जो पुरुष या महिला प्रतिदिन माँ अम्बा की आरती गाता है, उसे शाकुम्भरी माता के दर्शन होते हैं और उसकी हरेक मनोकामना पूरी हो जाती है।

जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ,

जो नर आरती सुने सुनावे माँ,

बस बैकुण्ठ शाकुम्भर दर्शन पावे।

जो कोई भी भक्तगण माँ शाकंभरी देवी की आरती को पढ़ता है या पढ़वाता है, या फिर उसे सुनता है या सुनाता है तो उसे बैकुण्ठ लोक में स्थान मिलता है और शाकुम्भरी माता के दर्शन होते हैं।

शाकंभरी माता की आरती का महत्व

शाकंभरी आरती (Shakambhari Aarti) के माध्यम से माता शाकंभरी की भक्ति की गयी है। ऊपर का लेख पढ़कर आपने जाना कि शाकंभरी माता की क्या कुछ शक्तियां हैं, उनका क्या औचित्य है, वे किन गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं, इस रूप में उनकी मान्यता क्यों है तथा उनका माँ आदिशक्ति के द्वारा प्रकटन किस उद्देश्य के तहत किया गया था।

तो यही सब बातें आम जन को बताने और माता शाकम्भरी का महत्व बताने के लिए ही यह शाकंभरी देवी की आरती लिखी गयी है। इसे नित्य रूप से पढ़कर हमें शाकम्भरी माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे हमारा जीवन सुखमय बन जाता है। यही शाकंभरी माता आरती का महत्व होता है।

शाकंभरी आरती के फायदे

जो व्यक्ति नित्य रूप से शाकंभरी आरती को पढ़ता है या सुनता है, उसके सभी काम बन जाते हैं। मां शाकंभरी उससे बहुत प्रसन्न होती हैं और उसकी हर मनोकामना को पूरा कर देती हैं। शाकंभरी आरती के प्रतिदिन पाठ से ना केवल एक व्यक्ति अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता है बल्कि उसका करियर भी बन जाता है। यदि वह नौकरी कर रहा है तो वहां उसका प्रोमोशन होता है तो वहीं व्यवसाय में उन्नति देखने को मिलती है।

इसी के साथ ही उस व्यक्ति के जीवन में कई तरह के ऐसे अवसर आते हैं जो उसे तेज गति से आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं। घर में भी सुख-शांति का वास होता है तथा सभी काम आसानी से बन जाते हैं। व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है तथा उसके यश में वृद्धि देखने को मिलती है। यही शाकंभरी आरती को पढ़ने के मुख्य लाभ होते हैं। ऐसे में हर किसी को प्रतिदिन शाकंभरी माता आरती का पाठ करना चाहिए।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने शाकंभरी माता की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Shakumbhari Mata Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने शाकंभरी देवी आरती के फायदे और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

शाकंभरी माता की आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: शाकंभरी माता का जन्म कब हुआ था?

उत्तर: शाकंभरी माता का जन्म पौष माह की पूर्णिमा के दिन हुआ था और हर वर्ष इसी दिन शाकंभरी जयंती मनाई जाती है।

प्रश्न: देवी शाकंबारी कौन है?

उत्तर: देवी शाकंबारी माँ आदिशक्ति का ही एक सौम्य रूप हैं जिन्हें पोषण की देवी माना जाता है।

प्रश्न: शाकुंभरी देवी क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर: मान्यता है कि शाकुंभरी देवी के दर्शन से व्यक्ति के मन को संतोष प्राप्त होता है। इसी के साथ ही शाकंभरी माता की कृपा से उसका और उसके परिवार का भरण-पोषण होता है।

प्रश्न: सहारनपुर से शाकंभरी देवी कितनी दूर है?

उत्तर: सहारनपुर से शाकंभरी देवी माता का मंदिर या शक्तिपीठ लगभग 40 किलोमीटर की दूर पर स्थित है।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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