आज हम आपके साथ चंद्र देव की आरती (Chandra Dev Ki Aarti) का पाठ करेंगे। सनातन धर्म में कई तरह के देवी-देवता हैं जो भिन्न-भिन्न चीज़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी में एक मुख्य देवता हैं जिन्हें हम चंद्र देव के नाम से जानते हैं। चंद्र देव हमें शीतलता प्रदान करते हैं और अंधकार में भी रोशनी फैलाने का काम करते हैं। हमारी राशि में भी चंद्र देव की स्थिति बहुत महत्व रखती है।
यहाँ आपको केवल चन्द्र देव आरती (Chandra Dev Aarti) ही पढ़ने को नहीं मिलेगी बल्कि साथ ही उसका हिंदी अर्थ भी जानने को मिलेगा ताकि आप चंद्र आरती का भावार्थ भी समझ सकें। अंत में हम आपके साथ चंद्रदेव की आरती का महत्व व लाभ भी सांझा करेंगे। तो आइये सबसे पहले करते हैं चन्द्र देव जी की आरती।
Chandra Dev Ki Aarti | चंद्र देव की आरती
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी।
दीन दयाल दयानिधि, भव बंधन हारी।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, संत करें सेवा।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी।
धन संपत्ति और वैभव, सहजे सो पावे।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
Chandra Dev Aarti | चंद्र देव आरती – अर्थ सहित
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी।
सोम देवता की जय हो जो चंद्र देव का ही एक नाम है। हम सभी के स्वामी सोम देवता की जय हो। चंद्र देव हमारे दुखों को हर कर हमें सुख प्रदान करते हैं। उन्हीं के द्वारा ही हमें आनंद की अनुभूति होती है।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी।
दीन दयाल दयानिधि, भव बंधन हारी।
चंद्र देवता राजत अर्थात चांदी के बने हुए सिंहासन पर विराजमान हैं और उनकी ज्योति सबसे अद्भुत है। वे हम सभी पर दया बरसाने वाले और इस विश्व के बंधनों को तोड़ देने वाले हैं अर्थात चंद्र देव की कृपा से हम सभी बंधनों को तोड़ने में सक्षम हो पाते हैं।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि।
जो कोई भी प्रेम सहित चंद्र देव की आरती का पाठ करता है, उसके सभी तरह के मनोरथ पूरे हो जाते हैं। उसकी राशि में कोई दोष है तो वह भी दूर होता है। इस तरह से व्यक्ति चंद्र आरती के माध्यम से अपनी हरेक इच्छा को पूरा कर सकता है।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, संत करें सेवा।
सभी तरह के योगी व तपस्वी अपने मन में चंद्र देव का ही ध्यान करते हैं। भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव व सभी संतजन भी उनकी सेवा करते हैं। यहाँ पर पृथ्वीवासियों के लिए चन्द्र देव को प्रमुख देवताओं में से एक माना गया है।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी।
चंद्र देव की महिमा का वर्णन तो वेदों और पुराणों में भी मिलता है जहाँ उन्हें भय का नाश करने वाला बताया गया है। इस जगत के सभी प्राणी प्रेम भाव के साथ चंद्रदेव की आरती कर उनकी पूजा करते हैं।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी।
धन संपत्ति और वैभव, सहजे सो पावे।
जो कोई भी चंद्र देव की शरण में जाता है, वे उसकी रक्षा करते हैं। चंद्र देव सदैव ही अपने भक्तों के हितों की रक्षा करते हैं। उनके सभी भक्तों को धन, संपत्ति व वैभव की कभी कमी नहीं रहती है अर्थात यह सभी हमें चन्द्र देव की कृपा से ही मिलता है।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें।
चंद्र देव ही इस विश्व के सभी चर व अचर प्राणियों के पालनहार हैं और उनका विनाश नहीं किया जा सकता है। इस जगत के सभी नर व नारी पूरे विधि-विधान के साथ चंद्र देव की पूजा करते हैं।
ऊपर आपने चंद्र आरती (Chandra Aarti) अर्थ सहित पढ़ ली है। अब हम आपको चंद्र देव की आरती करने से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व के बारे में भी बता देते हैं।
चंद्र देव की आरती का महत्व
हरेक देवता का अपना अलग महत्व होता है और उसी में चंद्र देव बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। एक तो वे 9 ग्रहों में से एक हैं और उनका प्रभाव 12 राशियों पर पड़ता है। इसी के साथ ही चंद्र देव पृथ्वी के सबसे अधिक नजदीक हैं और सभी नौ ग्रहों में उनका महत्व इसी कारण बहुत बढ़ जाता है। चंद्र देव के द्वारा जो भी स्थिति बनायी जा रही है, उसका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव पृथ्वीवासियों पर पड़ता ही है।
चन्द्र देव आरती के माध्यम से चंद्र देवता के गुणों, शक्तियों व महत्व के ऊपर ही प्रकाश डाला गया है। चंद्र देवता का हमारे दैनिक जीवन में क्या कुछ महत्व है और क्यों उन्हें पूजनीय माना गया है, इसी के बारे में बताने के लिए ही चंद्र देव की आरती की रचना की गयी है। चंद्र आरती के माध्यम से हम उनकी आराधना भी कर लेते हैं और उनके महत्व के बारे में भी पता लगा लेते हैं। यही चंद्रदेव की आरती का महत्व होता है।
चंद्र देव आरती के लाभ
यदि आप प्रतिदिन और मुख्य रूप से सोमवार के दिन चंद्र देव की आरती का सच्चे मन के साथ पाठ करते हैं तो इसका सकारात्मक प्रभाव केवल आप पर ही नहीं अपितु आपके पूरे परिवार पर देखने को मिलता है। दरअसल यदि चंद्र देव की स्थिति आपकी राशि में सही नहीं होती है या वे आपसे रुष्ट होते हैं तो आपकी माता व पत्नी का स्वास्थ्य ख़राब रहने लगता है और वे आपसे नाराज़ रहती हैं।
ऐसे में यदि आप चंद्र देव आरती का सच्चे मन के साथ पाठ करते हैं तो इससे ना केवल आपकी माँ और पत्नी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है बल्कि वे दोनों आपसे प्रसन्न भी रहती हैं। यदि उन दोनों की आपस में नहीं भी बनती है तो वह समस्या भी सुलझ जाती है। इसी के साथ ही परिवार का माहौल शांत रहता है और तनाव दूर होता है। यही चन्द्र देव की आरती के मुख्य लाभ होते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने चंद्र देव की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Chandra Dev Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने चंद्र देव आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
चंद्र देव की आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: चंद्र देव का मंत्र क्या है?
उत्तर: चंद्र देव का मंत्र “ॐ सों सोमाय नमः” है जिसका जाप आप किसी भी समय कर सकते हैं। इसके अलावा चंद्र देव के बीज मंत्र “ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:” व “ॐ श्राम श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः” भी हैं।
प्रश्न: चंद्र देव की सवारी क्या है?
उत्तर: चंद्र देव की सवारी रथ होती है जिसे मृग अर्थात हिरण खींचते हैं। हालाँकि कई बार इसमें 10 घोड़े भी दिखाई देते हैं जो श्वेत रंग के होते हैं।
प्रश्न: चंद्र देव के पुत्र कौन थे?
उत्तर: मुख्य रूप से चंद्र देव के पुत्र वर्चस माने जाते हैं। इनके अलावा इनके दो पुत्र और हैं जिनके नाम बुध व अभिमन्यु हैं। अभिमन्यु ने महाभारत के युद्ध में पांडवों की ओर से भाग लिया था जो अर्जुन व सुभद्रा के पुत्र माने जाते हैं।
प्रश्न: चंद्र देव को खुश कैसे करें?
उत्तर: यदि आप चंद्र देव को खुश करना चाहते हैं तो आपको सोमवार के दिन चंद्र देव की आरती का सच्चे मन के साथ पाठ करना चाहिए और उनका ध्यान करना चाहिए।
नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:
अन्य संबंधित लेख: