बाबोसा भगवान की आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

बाबोसा आरती (Babosa Aarti)

आज हम आपके साथ बाबोसा आरती (Babosa Aarti) का पाठ करेंगे। भारत देश में समय-समय पर कई महापुरुषों, योद्धाओं व महान ऋषि-मुनियों ने जन्म लिया है। इनमे से कुछ ने अपने जीवन में ऐसे कार्य किये जिस कारण इन्हें ईश्वर तुल्य मान लिया गया और उन्हें उस क्षेत्र या प्रदेश में लोकदेवता के रूप में पूजा जाने लगा। ऐसे ही एक लोकदेवता बाबोसा महाराज हैं जिन्हें मुख्य तौर पर राजस्थान प्रदेश में बालाजी महाराज के रूप में पूजनीय माना जाता है।

अब यदि बाबोसा भगवान की आरती (Babosa Bhagwan Ki Aarti) को करने के साथ साथ उसका अर्थ भी जान लिया जाए तो यह बहुत ही उत्तम बात कही जाएगी। ऐसे में हम आपके साथ बाबोसा की आरती अर्थ सहित भी साझा करेंगे। अंत में बाबोसा जी की आरती का महत्व व लाभ भी आपके साथ सांझा किया जाएगा। तो आइये सबसे पहले पढ़ते हैं बाबोसा महाराज की आरती।

Babosa Aarti | बाबोसा आरती

देवा बाबोसा चूरू वाले,
भक्तो के है रखवाले,
रिम झिम उतारे तेरी आरती,
बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

सिर पे मुकुट कान में कुंडल,
हाथ में सोटा साजे,
जग मग जग मग रूप निराला,
जग मग जग मग रूप निराला,
भूत प्रेत सब भागे,
जय हो माता छगनी के लाले,
कोठारी कुल के तारे,
रिम झिम उतारे तेरी आरती,
बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

बालाजी ने राज तिलक से,
अपनी गोद बिठाया,
नीमसर पांचू भरे है मेला,
नीमसर पांचू भरे है मेला,
भक्तो के मन है भाया,
सबके मन को हरषाने वाले,
विपदा मिटाने वाले,
रिम झिम उतारे तेरी आरती,
बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

भक्ति भाव से करे आरती,
तेरे सारे पुजारी,
मन दर्पण में बसों बाबोसा,
मन दर्पण में बसों बाबोसा,
कलयुग के अवतारी,
तेरा मंजूदेवी गुण गाये,
गोपाला शीश नवाये,
रिम झिम उतारे तेरी आरती,
बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

देवा बाबोसा चूरू वाले,
भक्तो के है रखवाले,
रिम झिम उतारे तेरी आरती,
बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

Babosa Bhagwan Ki Aarti | बाबोसा भगवान की आरती – अर्थ सहित

देवा बाबोसा चूरू वाले, भक्तो के है रखवाले,
रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

हे चुरू में निवास करने वाले देव बाबोसा!! आप अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। हम सभी भक्तगण पूरे भक्ति भाव के साथ आपके नाम की आरती करते हैं।

सिर पे मुकुट कान में कुंडल, हाथ में सोटा साजे,
जग मग जग मग रूप निराला (2), भूत प्रेत सब भागे,
जय हो माता छगनी के लाले, कोठारी कुल के तारे,
रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

आपने सिर पर मुकुट पहना हुआ है तो वहीं कानो में कुंडल है। हाथ में सोटा पकड़ा हुआ है। आपका यह रूप बहुत ही निराला है जिस पर संपूर्ण जगत का मन मोहित हो जाता है। आपके इस रूप से भूत, प्रेत इत्यादि सभी दुष्ट आत्माएं डरकर भाग जाती है। हे छगनी माता के लाल और कोठारी कुल के तारे, आपकी जय हो। हम सभी श्रद्धा भाव के साथ बाबोसा आरती करते हैं।

बालाजी ने राज तिलक से, अपनी गोद बिठाया,
नीमसर पांचू भरे है मेला (2), भक्तो के मन है भाया,
सबके मन को हरषाने वाले, विपदा मिटाने वाले,
रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

बालाजी महाराज ने ही आपका राजतिलक किया था और उसके बाद आपको अपनी गोद में बिठाया था। नीमसर पंचम के दिन आपके द्वार पर भक्तों का मेला लगता है और आपके नाम का गुणगान होता है। आप हम सभी के मन को आनंद देने वाले और सभी तरह की विपदाओं को मिटाने वाले हैं। हम सभी आनंद के साथ बाबोसा की आरती करते हैं।

भक्ति भाव से करे आरती, तेरे सारे पुजारी,
मन दर्पण में बसों बाबोसा (2), कलयुग के अवतारी,
तेरा मंजूदेवी गुण गाये, गोपाला शीश नवाये,
रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती॥

हम सभी भक्तिभाव के साथ बाबोसा महाराज की आरती करते हैं और उनके नाम का जाप करते हैं। हे कलयुग के अवतारी बाबोसा महाराज!! आप हमारे मन में निवास कर उसे शुद्ध कर दें। मंजू देवी आपके नाम का ही गुण गाती हैं और गोपाल आपके सामने अपना शीश झुकाते हैं। हम सभी बहुत ही हर्ष व आनंद के साथ बाबोसा महाराज की आरती करते हैं।

बाबोसा महाराज की आरती का महत्व

एक समय पहले राजस्थान प्रदेश के चुरू क्षेत्र में छगनी देवी हनुमान जी की बहुत बड़ी भक्त थी। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिए थे और वरदान स्वरुप उनकी कोख से जन्म लेने का आशीर्वाद दिया था। इसके नौ माह पश्चात छगनी देवी को एक पुत्री की प्राप्ति हुई जिसका नाम पन्ना रखा गया था। जैसा कि हनुमान जी ने कहा था, उसी के अनुरूप ही पन्ना देवी ने बचपन से ही दिव्य शक्तियां दिखानी शुरू कर दी।

इसके बाद 18 वर्ष की आयु में ही वे पृथ्वी लोक को छोड़कर स्वर्ग लोक को चली गयी। वहां हनुमान जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि कलियुग में तुम्हें मेरा ही अवतार माना जाएगा और तुम्हें बालाजी के एक रूप बाबोसा महाराज के रूप में पूजनीय माना जाएगा। ऐसे में बाबोसा महाराज के महत्व को प्रदर्शित करने और उनकी आराधना करने को ही बाबोसा आरती की रचना की गयी है।

बाबोसा जी की आरती के लाभ

यदि आप सच्चे मन के साथ बालाजी बाबोसा महाराज की आरती का पाठ करते हैं और उनका ध्यान करते हैं तो इससे बाबोसा महाराज की कृपा आपके ऊपर और आपके पूरे परिवार के ऊपर बरसती है। हनुमान जी का ही रूप होने के कारण बाबोसा जी को संकटमोचन कहा जाता है। यही कारण है कि जिस किसी पर भी बाबोसा महाराज की कृपा हो जाती है, उसके जीवन से सभी संकट समाप्त हो जाते हैं और बाधाएं दूर हो जाती हैं।

ऐसे में बाबोसा जी के भक्त यदि प्रतिदिन बाबोसा आरती का पाठ कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं तो उनके जीवन में कोई भी संकट, बाधा, समस्या, चुनौती शेष नहीं रह जाती है और शेष जीवन सुखमय बनता है। यही बाबोसा की आरती के मुख्य लाभ होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने बाबोसा आरती हिंदी में अर्थ सहित (Babosa Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने बाबोसा भगवान की आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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