बांके बिहारी की आरती इन हिंदी PDF Download करें

बांके बिहारी की आरती (Banke Bihari Ki Aarti)

बांके बिहारी आरती को हम सभी बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं (Banke Bihari Teri Aarti Gaun) के नाम से जानते हैं जो बहुत लोगों को याद भी होगी। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपके साथ बांके बिहारी आरती का हिंदी अर्थ साझा करेंगे ताकि आप उसका भावार्थ समझ सकें।

इतना ही नहीं, आज के इस लेख में आपको बांके बिहारी की आरती इन हिंदी PDF Download करने को मिलेगी। इसके साथ ही हम श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं की फोटो (Banke Bihari Teri Aarti Gaon) भी देंगे। इन्हें आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सेव करके रख सकते हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं हिंदी अर्थ सहित।

Banke Bihari Teri Aarti Gaun | बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं – अर्थ सहित

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,
हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

मैं बांके बिहारी जी की आरती करता हूँ। मैं गिरिधर भगवान की आरती गाता हूँ। मैं बांके बिहारी की आरती करके उन्हें रिझाता हूँ अर्थात उन्हें मनाता हूँ। मैं श्याम सुन्दर जी की आरती गाता हूँ।

मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे,
प्यारी बंसी मेरो मन मोहे।
देख छवि बलिहारी मैं जाऊं,
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

बांके बिहारी जी ने अपने मस्तक पर मोर पंख से सजा हुआ मुकुट पहन रखा है। उन्होंने अपने हाथों में जो बांसुरी पकड़ रखी है, उसे देखकर मेरा मन मोहित हो जाता है। उनका यह अद्भुत व प्यारा रूप देखकर मैं उन पर आसक्त होता जा रहा हूँ। इसी धुन में मैं बांके बिहारी आरती करता हूँ।

चरणों से निकली गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारी।
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं,
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

बांके बिहारी जी के चरणों से ही गंगा माता निकलती है। वही गंगा माता हम लोगों का उद्धार करती हैं और मोक्ष प्रदान करती हैं। मुझे बांके बिहारी जी के उन पावन चरणों के दर्शन मिले, इसी आशा में मैं बांके बिहारी की आरती करता हूँ।

दास अनाथ के नाथ आप हो,
दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो।
हरी चरणों में शीश झुकाऊं,
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

इस संसार में जो भी अनाथ है और बांके बिहारी जी का सेवक है, उसका मार्गदर्शन तो स्वयं वही कर देते हैं अर्थात वे ही हमें आगे का मार्ग दिखाते हैं। हमारे सभी दुःख व सुख में बांके बिहारी जी हमारे साथ होते हैं। मैं उन हरि चरणों में अपना शीश झुकाता हूँ और बांके बिहारी की आरती करता हूँ।

श्री हरीदास के प्यारे तुम हो,
मेरे मोहन जीवन धन हो।
देख युगल छवि बलि बलि जाऊं,
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

श्री हरीदास के मन को बांके बिहारी जी बहुत लुभाते हैं। उनके जीवन को धन्य बनाने वाले भी स्वयं बांके बिहारी जी ही हैं। उनके युगल रूप को देखकर तो हम सभी का मन उन पर न्यौछावर हो जाता है। हम सभी बांके बिहारी जी की आरती करते हैं।

इस तरह से आज आपने बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं को अर्थ सहित (Banke Bihari Teri Aarti Gaon) समझ लिया है। भगवान श्रीकृष्ण जी के बांके बिहारी रूप को समर्पित यह श्री बांके बिहारी आरती भक्तों का मन मोह लेती है। चलिए अब आपको हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं PDF फाइल और फोटो भी दे देते हैं।

बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं फोटो

यह रही बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं की फोटो:

Banke Bihari Teri Aarti Gaun
Banke Bihari Teri Aarti Gaun

यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर राईट क्लिक करें। इससे आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।

बांके बिहारी की आरती इन हिंदी PDF Download

अब हम हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: बांके बिहारी की आरती इन हिंदी PDF Download

ऊपर आपको लाल रंग में बांके बिहारी आरती की पीडीएफ का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

निष्कर्ष

आज आपने बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं हिंदी अर्थ सहित (Banke Bihari Teri Aarti Gaun) पढ़ ली है। भगवान श्रीकृष्ण की कई आरतियाँ प्रसिद्ध है। उनकी हरेक आरती उनके भिन्न-भिन्न रूपों को समर्पित है। श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन में उनका प्रमुख मंदिर बांके बिहारी जी का है। इस कारण उनकी यह बांके बिहारी आरती सर्वप्रसिद्ध है।

यदि आपको बांके बिहारी आरती की PDF फाइल या फोटो डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आपका इस आरती से संबंधित कोई प्रश्न है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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