भृगु ऋषि का भगवान विष्णु को श्राप व राम-सिया का वियोग

Bhrigu Rishi Ka Shraap

क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु को ऋषि भृगु का श्राप (Bhrigu Rishi Ne Bhagwan Vishnu Ko Shrap Diya) मिला था। इसी श्राप के फलस्वरुप भगवान श्रीराम तथा माता सीता का वियोग हुआ था व बहुत वर्षों तक उन दोनों को एक दूसरे से अलग रहना पड़ा था। लेकिन आखिर वह क्या घटना घटी जिस कारण ऋषि भृगु ने स्वयं भगवान विष्णु को श्राप (Bhrigu Rishi Ka Shraap) दे दिया था। आज हम आपको उसी घटना के बारे में जानकारी देंगे।

भृगु ऋषि का भगवान विष्णु को श्राप (Bhrigu Rishi Ka Shraap)

देवासुर संग्राम तथा ऋषि भृगु की पत्नी के द्वारा राक्षसों को शरण देना (Bhrigu Rishi Wife In Hindi)

एक बार सभी देवताओं तथा राक्षसों के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। उस युद्ध में राक्षसों की भयंकर पराजय हुई थी तथा देवता विजयी हुए थे। युद्ध में कई राक्षस या तो मारे जा चुके थे या अपना जीवन बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। अंत में उन्होंने ऋषि भृगु के आश्रम में जाकर उनकी पत्नी से शरण मांगी। ऋषि भृगु की पत्नी के द्वारा सभी राक्षसों को छुपा लिया गया।

भृगु ऋषि की पत्नी का वध (Bhrigu Rishi Ne Bhagwan Vishnu Ko Shrap Kyon Diya)

जब देवताओं को इस बात का ज्ञान हुआ तो वे अचंभित हो गए तथा यह बात जाकर भगवान विष्णु को बता दी। भगवान विष्णु को इस बात का पता चला तो वे अत्यंत क्रोधित हो गए। इसी क्रोध में उन्होंने अपना सुदर्शन चक्र चला दिया जिससे भृगु पत्नी का मस्तक कटकर अलग हो गया (Bhrigu Rishi Ki Patni Ka Vadh) तथा उनकी मृत्यु हो गयी।

ऋषि भृगु का भगवान विष्णु को श्राप (Bhrigu Rishi Ne Bhagwan Vishnu Ko Kya Shrap Diya)

जब भृगु ऋषि को इस घटना का पता चला तो वे अत्यंत क्रुद्ध हो गए तथा भगवान विष्णु को श्राप दिया कि उनकी पत्नी इस अपराध के लिए इतने बड़े दंड की भागी नही थी। इसलिये जिस प्रकार उन्हें कुछ समय काल के लिए अपनी पत्नी का वियोग सहना पड़ेगा उसी प्रकार जब वे मृत्यु लोक में जन्म लेंगे तब उन्हें भी कुछ समयावधि के लिए अपनी पत्नी का वियोग सहना पड़ेगा।

ऋषि भृगु के द्वारा मिले इसी श्राप के कारण जब भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्रीराम ने धरती पर अवतार लिया तब उन्हें अपने राज्याभिषेक के बाद माता सीता का वियोग सहना पड़ा था।

लेखक के बारें में: कृष्णा

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