मिट्टी के घड़े (मटके) से जल पीने के 10 मुख्य लाभ

Mitti ke ghade ka pani

पहले हम मिट्टी के घड़ों से ही पानी पिया करते थे जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता था (Matka pani)। आजकल भी बहुत घरों में मिट्टी के घड़े से ही पानी पिया जाता हैं लेकिन बढ़ती सुविधाओं व आधुनिक जीवन शैली के कारण लोगों को ज्यादा ठंडे पानी की आदत पड़ गयी हैं जो अच्छी बात नही हैं (Benefits of clay water pot in summer in Hindi)। जब से हमारे घरों में फ्रिज आयें हैं तब से हम उसमे बचे हुए भोजन के साथ-साथ पानी भी रखने लगे हैं (Matke ka pani pine ke fayde in Hindi)।

फ्रिज का पानी आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही होता हैं (Health benefits of drinking matka earthen pot in Hindi)। इसका पता आपको अचानक से नही चलता है क्योंकि यह सब आदतें आपके स्वास्थ्य पर धीरे-धीरे प्रभाव डालती हैं। आप पहले का समय देखिये जब लोग अधिक उम्र तक जीते थे व हमेशा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते थे (Mitti ghade earthen pot water benefits in Hindi)। उस समय उन्हें गंभीर बीमारियाँ तो क्या अन्य छोटी-मोटी बीमारियाँ भी नही होती थी (Clay pot water benefits in Hindi)।

इसलिये आज हम आपके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के घड़े या मटके से जल पीने से मिलने वालें विभिन्न फायदों के बारे में बताएँगे ताकि आप अब से गर्मियों में पानी पिए तो केवल मटके से ही पियें (Matka ka pani benefits)।

मटके का पानी पीने के 10 लाभ (Matke ka pani pine ke fayde in Hindi)

#1. अशुद्धियाँ होती हैं दूर

आजकल पानी साफ नही आता हैं व हम उसे फिल्टर करके पीते हैं किंतु घड़े में रखा पानी मिट्टी के गुणों के कारण अपने आप शुद्ध हो जाता हैं। हालाँकि यह फिल्टर जितना शुद्ध नही होगा लेकिन फिल्टर किया हुआ पानी यदि आप घड़े में भरके रखेंगे तो उसमे मिट्टी के गुण भी मिल जायेंगे जो पानी को पहले से ज्यादा शुद्ध बनाते हैं। इसलिये घड़े में रखा पानी फिल्टर किये हुए पानी को पहले से भी ज्यादा गुणकारी बना देता हैं।

#2. शरीर को ठंडक देना

आप सोचेंगे कि फ्रिज का पानी ज्यादा ठंडा होता हैं तो घड़े का पानी कैसे उससे ज्यादा ठंडक पहुंचाएगा। दरअसल फ्रिज का कृत्रिम रूप से ठंडा किया हुआ होता हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही होता हैं जबकि घड़े का पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता हैं जो हमारे गले को ठंडा करता है व प्यास को बुझाता हैं। फ्रिज के पानी की तार गर्म होती हैं जो हमारे गले को पहले से भी ज्यादा शुष्क बनाती हैं जबकि मटके का पानी हमारी सही मायनों में प्यास बुझाता है।

#3. पाचन क्रिया को बेहतर बनाना

घड़े का पानी हमारे पेट संबंधी रोगों को दूर करने में लाभदायक होता हैं व हमारी पाचन क्रिया के सुचारू रूप से काम करने में सहायक होता है। इसको प्रतिदिन पीने से हमें गैस, कब्ज, अपच इत्यादि की समस्याएं होने की संभावना कम हो जाती हैं।

#4. गला साफ करता हैं

यदि आप फ्रिज का पानी पीते हैं या ज्यादा ठंडा पानी पी लेते हैं तो इससे आपका गला खराब हो सकता हैं या खिचखिच की समस्या हो सकती हैं जबकि मटके के पानी से कभी भी आपको यह समस्या नही होगी अपितु घड़े का पानी आपके गले को साफ करता हैं। यदि आपका गला पहले से खराब है या दर्द कर रहा है तो फ्रिज का पानी उस दर्द को और बढ़ा देगा जबकि घड़े के पानी से आपको आराम मिलेगा।

#5. सर्दी जुखाम नही होने देता

यदि आप खेल कर आये हैं या व्यायाम सैर इत्यादि कर के आये हैं जिसके कारण आपकी साँस फूली हुई हैं या पसीना आ रहा हैं तो एक दम से फ्रिज का पानी पीने से आपको सर्दी जुकाम या बलगम की समस्या भी हो सकती हैं जिसे हम सामान्य भाषा में सर्द गर्म भी कह देते हैं। घड़े का पानी पीने से आपको सर्दी जुकाम नही लगेगा।

#6. पीएच लेवल संतुलित करना

मिट्टी में क्षारीय गुण पाए जाते हैं जो पानी के अम्लता के गुणों के साथ क्रिया करके हमारे शरीर के पीएच का लेवल संतुलित रखते हैं। पीएच का लेवल कम या ज्यादा होने से आपकी त्वचा खराब होती हैं इसलिये ज्यादातर सौंदर्य उत्पादों में पीएच लेवल के बारे में भी लिखा होता हैं। घड़े का पानी आपकी त्वचा में पीएच का लेवल संतुलित रखने में सहायता करता है।

#7. विषैले पदार्थों को सोखना

मिट्टी अपने गुणों के कारण पानी में विद्यमान विषैले पदार्थों को अपने अंदर सोख लेती हैं व पानी को शुद्ध बनाती हैं। इस कारण भी मिट्टी के घड़े में पानी रखने को कहा जाता हैं।

#8. सूर्य की तेज किरणों से बचाना

अक्सर हमें तेज गर्मी में बाहर निकलने या काम करने के कारण चक्कर आने, मन घबराने इत्यादि की समस्या होती हैं जिसे हम सनस्ट्रोक के नाम से भी जानते हैं। घड़े का पानी हमे इससे भी बचाता हैं। यह हमें अंदर से शीतलता प्रदान करता हैं जिससे हमारी इम्युनिटी मजबूत बनती हैं व हम गर्मी को पहले की अपेक्षा ज्यादा सहन कर पाते हैं।

#9. स्वादिष्ट

घड़े में रखा पानी अपने साथ प्राकृतिक मिठास भी लेकर आता हैं। मिट्टी के अंदर रखे रहने व वाष्पीकरण की प्रक्रिया से गुजरने के बाद घड़े के पानी में हल्का मीठापन आ जाता हैं जो इसे स्वादिष्ट बनाता हैं।

#10. खून की कमी दूर करना

मटके के पानी में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जिससे हमारे शरीर में रक्त की कमी दूर होती हैं। यह हमारे खून को साफ करने का कार्य भी करता है।

मटके का पानी पीना कुछ लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता हैं, जैसे कि:

  • गर्भवती महिलाएं
  • दमा के रोगी
  • जिनको भूख कम लगती हो
  • लकवा के रोगी
  • एनीमिया रोगी

मटके में पानी कैसे ठंडा रहता हैं? (Ghade ka pani thanda kyu rahta hai)

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर मिट्टी के घड़े में रखा पानी अपने आप कैसे ठंडा हो जाता हैं तो आज हम आपको वह भी बताएँगे (Matke ka pani thanda kyu rahta hai)। दरअसल मिट्टी में कई प्रकार के गुण पाए जाते हैं। यदि आप पानी से भरे मिट्टी के घड़े को बाहर से हाथ लगायेंगे तो वह आपको ठंडा व गीला महसूस होगा ऐसा क्यों (Matke ka pani thanda kaise kare)?

ऐसा इसलिये होता हैं क्योंकि मिट्टी के अंदर अति-सूक्ष्म छिद्र होते हैं जो हमें नंगी आँखों से दिखाई नही देंगे। इन छिद्रों से घड़े का पानी वाष्प बनकर उड़ता रहता है। यह प्रक्रिया बहुत धीमे-धीमे होती हैं जिससे हमें इसका पता नही चलता लेकिन इसके कारण घड़े के अंदर का तापमान कम हो जाता हैं व बाहर का बढ़ जाता हैं जो घड़े के अंदर रखें पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा बना देता हैं (Matke ka pani thanda kaise hota hai)।

फ्रिज में रखे पानी की तुलना में घड़े का पानी ना केवल ठंडा होता हैं बल्कि शीतल भी होता हैं जो इस भीषण गर्मी में हमारे शरीर को सही रूप में शीतलता प्रदान करता हैं। इसलिये आगे से आप घड़े का पानी पीने की ही आदत डालें चाहे कितनी भी गर्मी क्यों ना पड़ रही हो। हम जानते हैं कि आपको फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने की आदत पड़ गयी होगी लेकिन यदि आप घड़े का पानी पीना शुरू कर देंगे व एक सप्ताह तक भी इसको पियेंगे तो आपको इसकी आदत पड़ जाएगी व फिर आपको यही पानी ठंडा व अच्छा लगने लगेगा।

पहली बार कैसे करे मटके का इस्तेमाल? (Matke ka pani thanda kaise kare)

आप जब पहली बार मटका खरीदकर लाये तो उसमे सीधा ही पानी भरके ना रखे क्योंकि पहले इसका अच्छे से साफ करना आवश्यक है। यदि आप इसका पूरा लाभ उठाना चाहते हैं तो नए मटके के साथ नीचे दी गयी प्रक्रिया अवश्य करें।

  • नए मटके को किसी ईंट या पत्थर से अच्छे से रगड़ के साफ कर ले। आप चाहे तो किसी ब्रश से भी उसे साफ कर सकते हैं लेकिन वह किसी धातु का ना हो। अच्छे से रगड़ने के बाद उसे गर्म पानी से धो ले। इससे उसकी अनावश्यक मिट्टी निकल जाएगी व सभी रोम छिद्र खुल जायेंगे जिससे पानी जल्दी ठंडा होगा।
  • शुरू-शुरू में घड़े के पानी से मिट्टी की तेज सुगंध आती हैं जो सभी को पसंद नही आएगी। यदि आपको भी यह नही पसंद तो आप शुरू के 2-3 दिन उसमे रात भर सामान्य पानी भर के रखे व सुबह उस पानी को पौधों में डाल दे या उससे नहा ले। ऐसा 2 से 3 दिन तक करे फिर उसके बाद तेज सुंगंध आनी बंद हो जाएगी। अब आप उसमे पीने का पानी डाल सकते है।

मिट्टी का घड़ा कब तक इस्तेमाल करें?

सामान्यतया पुराना घड़ा नए घड़े की अपेक्षा धीरे-धीरे पानी को ठंडा करता हैं। ऐसा इसलिये होता हैं क्योंकि पुराने घड़े के रोम छिद्र समय के साथ-साथ बंद हो जाते हैं जिससे वाष्पीकरण की प्रक्रिया भी धीमे होती हैं। इस कारण एक घड़ा मुख्यतया एक ही गर्मी के मौसम तक अच्छे से चल पाता हैं। इसलिये आप अगली बार के लिए नया घड़ा खरीद कर लायेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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