गायत्री मंत्र जाप के फायदे जो बदल सकते है आपका जीवन

Gayatri Mantra Ke Fayde

आज हम गायत्री मंत्र के फायदे (Gayatri Mantra Ke Fayde) जानेंगे। गायत्री मंत्र सनातन धर्म का सबसे प्रमुख मंत्र है जो गायत्री माता को समर्पित है। गायत्री माता भगवान ब्रह्मा की पत्नी है जिनके द्वारा इस सृष्टि की रचना की गयी है। गायत्री मंत्र के महत्व को आप इसी से ही जान सकते हैं कि यह चारों वेदों का मूल मंत्र है और इसके कारण ही वेदों की उत्पत्ति संभव हो पायी थी।

यहीं कारण है कि गायत्री मंत्र जाप के फायदे (Gayatri Mantra Benefits In Hindi) भी एक नहीं अनेक है। दरअसल जब भगवान ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई थी तब उनके ऊपर गायत्री मंत्र भी उत्पन्न हुआ था। इसके पश्चात भगवान ब्रह्मा ने अपने चारों मुख से इस गायत्री मंत्र के महत्व को बताया था जिसके फलस्वरूप चार वेद प्रचलन में आए थे।

इसी कारण चारों वेदों को पढ़ने से जितना पुण्य प्राप्त होता है, वह केवल एक गायत्री मंत्र को पढ़ने से मिल सकता है। इसलिए गायत्री मंत्र के फायदे हम सभी को जानने चाहिए ताकि हम सभी इसका लाभ उठा सकें। आइये जाने गायत्री मंत्र के लाभ

Gayatri Mantra Ke Fayde | गायत्री मंत्र के फायदे

गायत्री मंत्र जाप के एक नहीं बल्कि कई फायदे देखने को मिलते हैं जो मनुष्य में एक नयी चेतना जागृत करने का कार्य करते हैं। ऐसे में आज हम आपके सामने उनमें से कुछ प्रमुख लाभ रखने जा रहे हैं ताकि आप गायत्री मंत्र का महत्व अच्छे से जान सकें। यदि आप शुद्ध मन के साथ गायत्री मंत्र का जाप करते हैं और इसे नियमानुसार पढ़ते हैं तो आपको जल्द ही इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल जाएगा।

जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह उठकर सूर्योदय के समय गायत्री मंत्र का जाप करता है, उसे किसी भी चीज़ की कमी नहीं रहती है और उसका शरीर हमेशा नयी ऊर्जा से भरपूर बना रहता है। आइये एक-एक करके गायत्री मंत्र जाप के लाभ जान लेते हैं।

  1. गायत्री मंत्र जाप का सबसे प्रमुख लाभ यह होता है कि इससे मनुष्य अपने अंदर परमात्मा के स्वरुप का अनुभव कर पाता है। हम सभी यह जानते हैं कि परमात्मा का ही एक अंश आत्मा हमारे अंदर विद्यमान है जिसके कारण हम जीवित हैं। अब इसी आत्मा के द्वारा हमें अपने अंदर ही परमात्मा अर्थात संपूर्ण ब्रह्माण्ड के दर्शन हो जाते हैं। ऐसे में परमात्मा के बारे में जानना और भी सरल हो जाता है।
  2. अब यदि व्यक्ति अपने अंदर परमात्मा का अनुभव कर रहा है तो अवश्य ही उसके अंदर प्रकाश दिव्यमान होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपके मन के अंदर जितनी भी नकारात्मक भावनाएं आ रही थी, वह स्वतः ही दूर हो जाती है और आप सकारात्मक तरीके से सोच पाते हैं।
  3. इससे आपके मस्तिष्क का भी विकास होता है और उसके सोचने-समझने की शक्ति में वृद्धि देखने को मिलती है। आप चीज़ों को नए व रचनात्मक तरीके से देख पाते हैं और उन्हें करते हैं। इससे आपकी बुद्धि भी विकसित होती है और आप पहले की अपेक्षा कार्य को बेहतर ढंग से कर पाने की क्षमता पाते हैं।
  4. इससे आपके द्वारा चीज़ों व घटनाओं को याद करने की क्षमता में भी वृद्धि देखने को मिलती हैं। कुल मिलाकर कहें तो याददाश्त में बढ़ोत्तरी होती है और आप लंबे समय तक चीज़ों को याद रख पाने में सक्षम होते हैं। यह गुण विद्यार्थी जीवन में किसी चमत्कार से कम नहीं होता है जिससे वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
  5. आप अपने शरीर के अंदर एक नयी ऊर्जा को महसूस कर पाते हैं जिसके फलस्वरूप आप किसी भी कार्य को तेजी के साथ कर पाने में सक्षम होते हैं। पहले आपको जिस कार्य को करने में जितना समय लग रहा था, गायत्री मंत्र के जाप के बाद आप उसे दोगुनी गति से कर पाने में सक्षम हो जाते हैं।
  6. यदि आपको किसी तरह का मानसिक तनाव घेरे हुए था या किसी बात को लेकर चिंता सता रही थी तो वह भी दूर हो जाती है। इससे तनाव तो दूर होता ही है लेकिन इसी के साथ ही आप अपनी चिंताओं का हल ढूंढ पाने में भी समर्थ हो जाते हैं। आप विपदाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने का गुण पा लेते हैं।
  7. यदि शरीर को कोई रोग सता रहा था या आप बार-बार किसी रोग से ग्रसित हो जाते हैं तो उससे लड़ने की क्षमता का विकास भी इसी गायत्री मंत्र की सहायता से हो पाता है। इससे आप ना केवल अपने पुराने रोग से लड़ पाने की शक्ति पाते हैं बल्कि कोई नया रोग भी आपको नहीं जकड़ पाता है।
  8. आप जहाँ भी बैठ कर गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, वहां के वातावरण में सकारात्मकता फैल जाती है। इसके फलस्वरूप घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है और कलेश नहीं होता है। घर के सदस्य भी आपसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते हैं।
  9. चारों वेदों को पढ़ने से जितना पुण्य एक मनुष्य कमाता है, वह केवल गायत्री मंत्र के निरंतर जाप से कमाया जा सकता है। इसलिए यदि आपको कम समय में पुण्य प्राप्त करना है तो आपको प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करना शुरू कर देना चाहिए।
  10. गायत्री मंत्र के प्रत्येक अक्षर के द्वारा अलग-अलग देवता का आह्वान किया जाता है। गायत्री मंत्र में कुल 24 अक्षर होते हैं जो 24 अलग-अलग देवी-देवताओं के परिसूचक हैं। ऐसे में आप केवल एक गायत्री मंत्र की सहायता से उन चौबीस देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
  11. गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के उत्साह में भी वृद्धि देखने को मिलती है। अब जब आपके दिमाग का विकास हो रहा है और आप चीज़ों को नए तरीके से देख पाने और उन्हें कर पाने में समर्थ हो रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपके उत्साह में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। इसी कारणवश आप नए कार्यों को शुरू करने और उन्हें तेजी के साथ करने में सक्षम हो पाते हैं।
  12. यदि आपको ज्यादा क्रोध आता है या आप छोटी-छोटी बातों को लेकर चिढ़ जाते हैं तो यह आपके इस स्वभाव को भी नियंत्रित करता है। गायत्री मंत्र की सहायता से किसी भी व्यक्ति के अंदर अपने क्रोध पर नियंत्रण करने की क्षमता आती है।
  13. इससे आपके चेहरे पर भी चमक आती है और त्वचा का रंग निखरता है। वैसे तो सभी प्रकार के मंत्रों में यह शक्ति होती है लेकिन गायत्री मंत्र को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है तो इसका प्रभाव तेज गति के साथ देखने को मिलता है। इससे आपके चेहरे पर कांति आती है और त्वचा भी पहले की तुलना में निखरती है।
  14. यह आपके मन में आ रहे बुरे विचारों को भी समाप्त करता है तथा मन को शुद्ध बनाता है। यदि आपके मन में रह-रह कर बुरे विचार आते हैं और इस कारण आपका ध्यान भटकता है तो वह गायत्री मंत्र की सहायता से सही किया जा सकता है। इससे व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचारों का समावेश होता है।
  15. यह आर्थिक रूप से भी आपकी सहायता करता है और आपके करियर को एक नयी उड़ान देता है। दरअसल गायत्री मंत्र के जाप से आपके शरीर को ऊर्जा व मन को नयी चेतना मिल रही है तो अवश्य ही आप पहले की अपेक्षा बेहतर ढंग से कार्य कर पाते हैं जिसके फलस्वरूप आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनती है।

इस तरह से आज हमने गायत्री मंत्र जाप के फायदे (Gayatri Mantra Benefits In Hindi) आपको बता दिए है। हालाँकि गायत्री मंत्र के जाप के साथ-साथ उसे सुनने और लिखने के भी फायदे होते हैं। आइए उनके बारे में भी जान लेते हैं।

गायत्री मंत्र सुनने के फायदे

अब यदि कोई व्यक्ति गायत्री मंत्र को पढ़ने के अलावा, उसको सुनने के फायदे जानना चाहता है तो वह भी जान लेते हैं। दरअसल आज के आधुनिक समय में हम गायत्री मंत्र का स्वयं से जाप करने की बजाये, उसे अपना कोई और काम करते हुए, मोबाइल या लैपटॉप में चला लेते हैं और उसे सुनते रहते हैं। अब यदि गायत्री मंत्र का जाप ना किया जाए लेकिन इसे तकनीक के माध्यम से सुन ही लिया जाए तो इससे ऊपर बताये गए सभी लाभ तो नहीं लेकिन कुछ लाभ अवश्य मिलते हैं।

इनमे से जो प्रमुख लाभ है वह यह है कि इससे आपके आसपास के वातावरण में सकारात्मकता फैलती है और आप भी इसका अनुभव कर पाते हैं। इसके साथ ही ऊपर बताये गए सभी तरह के लाभ का आंशिक रूप से लाभ मिल पाता है लेकिन वातावरण में सकारात्मकता उसी अनुरूप में फैलती है। इसलिए यदि आपके पास गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए प्रतिदिन के आधार पर समय ना हो तो आप कम से कम उसे सुनने का नियम अवश्य बना लें।

गायत्री मंत्र लिखने के फायदे

अब यदि आप गायत्री मंत्र को बोलने के साथ-साथ उसे लिखने का भी कार्य करते हैं तो यह तो बहुत ही उत्तम बात कही जाएगी। वह इसलिए क्योंकि जो व्यक्ति गायत्री मंत्र को लिख रहा होता है, वह साथ के साथ उसका जाप भी कर रहा होता है। तो गायत्री मंत्र लेखन से आपको ऊपर बताये गए सभी लाभ तो होते ही हैं बल्कि साथ के साथ उनका ज्यादा प्रभाव भी देखने को मिलता है।

इससे आपको अपना लक्ष्य केन्द्रित करने, अपना मन स्थिर रखने तथा एकाग्रता बढ़ाने में बहुत सहायता मिलती है। यदि आप प्रतिदिन गायत्री मंत्र को कम से कम 108 बार लिखते हैं तो आपका मन ना केवल शांत होता है बल्कि आत्मा भी तृप्त होती है। इससे आप अपनी इन्द्रियों तक को नियंत्रित करना सीख जाते हैं और मोह माया में आपका ध्यान नहीं भटक पाता है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने गायत्री मंत्र के फायदे (Gayatri Mantra Ke Fayde) के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है। आशा है कि आपको धर्मयात्रा संस्था के द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि आप इस पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या गायत्री मंत्र से संबंधित किसी विषय पर पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।

गायत्री मंत्र के फायदों से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: गायत्री मंत्र की ताकत क्या है?

उत्तर: गायत्री मंत्र में इतनी ताकत होती है कि यह किसी मनुष्य के मन को परिवर्तित कर उसे सद्मार्ग पर चला सकता है। साथ ही यह शारीरिक रूप से भी उसे सभी रोगों से दूर कर सकता है।

प्रश्न: गायत्री मंत्र कौन पढ़ सकता है?

उत्तर: गायत्री मंत्र को भगवान ब्रह्मा के द्वारा बनाया गया कोई भी मनुष्य पढ़ सकता है अर्थात इसको लेकर किसी तरह की पाबंदी नहीं है।

प्रश्न: क्या गायत्री मंत्र वास्तव में शक्तिशाली है?

उत्तर: हिन्दू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्र गायत्री मंत्र को ही माना गया है क्योंकि इसके फलस्वरूप ही भगवान ब्रह्मा ने चारों वेदों की रचना की थी।

प्रश्न: गायत्री मंत्र कब नहीं करना चाहिए?

उत्तर: हम सभी को नियमानुसार ही गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसे में रात्रिकाल के समय गायत्री मंत्र का जाप करना अनुचित माना जाता है लेकिन आप मन ही मन इसका जाप कर सकते हैं।

प्रश्न: गायत्री मंत्र सबसे मजबूत है?

उत्तर: भगवान ब्रह्मा की उत्पत्ति के समय जो मंत्र सबसे पहले प्रकट हुआ था वह गायत्री मंत्र ही था और इसके पश्चात ही चारों वेद प्रचलन में आये थे। इस अनुसार गायत्री मंत्र सबसे मजबूत है।

प्रश्न: गायत्री मंत्र का प्रतिदिन कितनी बार जाप करना है?

उत्तर: आप अपनी क्षमता के अनुसार एक दिन में कितनी भी बार गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। हालाँकि गायत्री मंत्र का 108 बार जाप किया जाना शुभ माना जाता है।

प्रश्न: गायत्री मंत्र हमारी रक्षा कैसे करता है?

उत्तर: गायत्री मंत्र में कुल 24 तरह के देवी-देवताओं की शक्ति निहित होती है और इसी के साथ ही यह चारों वेदों का सार भी है जिनसे हमारी रक्षा होती है।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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