रामायण में एक समय ऐसा आया था जब हनुमान ब्रह्मास्त्र (Hanuman VS Brahmastra) में बंध गए थे। वैसे तो हनुमान जी आज तक किसी के सामने नहीं हारे थे। फिर चाहे वह रावण ही क्यों ना हो लेकिन इसके पीछे भी हनुमान जी की एक चाल ही थी। वह इसलिए क्योंकि हनुमान जी को भगवान ब्रह्मा का वरदान मिला हुआ था।
यह उस समय की घटना है जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुँचे थे। उस समय हनुमान मेघनाथ युद्ध (Hanuman Meghnath Yudh) हुआ था। मेघनाथ ने ही हनुमान जी को बंदी बनाकर रावण की सभा में पेश किया था। आइए उस घटना के बारे में जान लेते हैं।
Hanuman VS Brahmastra | हनुमान ब्रह्मास्त्र
हनुमान अत्यंत शक्तिशाली तो थे ही साथ में भगवान शिव के अंशावतार भी थे। जब वे माता सीता की खोज में समुंद्र पार करके लंका पहुँचे तो अशोक वाटिका को तहस-नहस करने लगे। अशोक वाटिका को इस तरह उजड़ते देखकर लंका के सैनिक उनसे युद्ध करने आए। उसी युद्ध में लंका के सेनापति जंबुमली व रावण के सबसे छोटे पुत्र अक्षय कुमार की मृत्यु हो गई।
वीर हनुमान ने एक-एक करके सभी सैनिकों को धुल चटा दी थी। जब रावण के राजमहल में उसके पुत्र अक्ष कुमार के वध का समाचार पहुँचा तो वह अत्यंत क्रोधित हो गया। उसने अपने पुत्र मेघनाथ को हनुमान से युद्ध करने भेजा। मेघनाथ अत्यंत पराक्रमी योद्धा था जिसके पास कई शक्तिशाली व विध्वंसकारी अस्त्र थे।
जब मेघनाथ ने हनुमान को देखा तो उसने उन पर बाणों की बौछार कर दी किंतु हनुमान अपनी माया के प्रभाव से हर बार बच निकलते। जब मेघनाथ का हर अस्त्र विफल हो गया व हनुमान का कुछ नहीं बिगाड़ सका तो उसने कुपित होकर उन पर ब्रह्मास्त्र चलाने का निर्णय किया।
हनुमान मेघनाथ युद्ध (Hanuman Meghnath Yudh)
चूँकि हनुमान स्वयं भगवान शिव के अवतार थे व साथ ही उन्हें भगवान ब्रह्मा से वरदान मिला था कि ब्रह्मास्त्र भी उनका कुछ नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही ब्रह्मास्त्र भगवान शिव, आदिशक्ति, भगवान विष्णु, शेषनाग तथा उनके लिए गए अवतारों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता था। इसलिए मेघनाथ ने जब हनुमान पर ब्रह्मास्त्र चलाया तो हनुमान ने उसके सम्मान में अपने दोनों हाथ जोड़ लिए।
हनुमान रावण के महल में जाकर उसे चेतावनी देना चाहते थे कि वह माता सीता को छोड़ दे व श्रीराम की शरण में चला जाए। साथ ही वे उसे समझाना चाहते थे कि जो वह कर रहा है वह अधर्म रुपी कार्य है। इसलिए यदि वह अपनी व लंका की भलाई चाहता है तो उसे माता सीता को लौटाना ही होगा। यही सोचकर हनुमान ने ब्रह्मास्त्र के द्वारा स्वयं को बंदी बनाया जाना स्वीकार कर लिया जिससे कि मेघनाथ के सैनिक उन्हें रावण के महल में ले जाए।
मेघनाद के द्वारा ब्रह्मास्त्र चलाए जाने पर हनुमान बंदी बन गए व उन्हें रावण के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वहाँ उन्होंने रावण को बहुत समझाया व उसके ना समझने पर उसे चेतावनी भी दी किंतु रावण ने उनकी पूँछ में आग लगा दी। फलस्वरूप हनुमान ने पूरी लंका में आग लगा दी व वापस श्रीराम के पास लौट आए। तो कुछ इस तरह से हनुमान जी का ब्रह्मास्त्र (Hanuman VS Brahmastra) से सामना हुआ था।
हनुमान मेघनाथ युद्ध से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: क्या हनुमान ब्रह्मास्त्र से बचे थे?
उत्तर: हनुमान जी को भगवान ब्रह्मा ने वरदान दिया था कि ब्रह्मास्त्र से उनका कुछ नहीं होगा। इस कारण ब्रह्मास्त्र उनका कुछ नहीं कर सकता था।
प्रश्न: कौन ज्यादा ताकतवर है मेघनाथ या हनुमान?
उत्तर: आपका यह प्रश्न ही निरर्थक है। हनुमान जी महादेव के अवतार थे और कोई भी राक्षस ईश्वर से ज्यादा शक्तिशाली नहीं हो सकता है।
प्रश्न: हनुमान जी कौन से युद्ध में हारे थे?
उत्तर: हनुमान जी आज तक किसी भी युद्ध में नहीं हारे थे। जब उनका मेघनाद से युद्ध हुआ था तब वे अपने उद्देश्य की पूर्ति व ब्रह्मा जी का सम्मान करने के लिए ब्रह्मास्त्र से बंध गए थे।
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