घर पर होली के प्राकृतिक रंग कैसे बनाते हैं? जाने घर पर होली के रंग बनाने की विधि

Holi Ke Rang Kaise Banate Hain

होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता हैं जिसका मुख्य रंग गुलाल माना जाता (Natural Holi Colours In Hindi) हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था जिससे शरीर को कोई भी नुकसान नही होता था। अपितु इन रंगों से तो शरीर को लाभ मिलता (Holi Ke Rang Ghar Par Kaise Banaye) था और नहाते समय मैल भी निकल जाता था।

साथ ही यह इस बदलते मौसम में लाभदायक सिद्ध होता था क्योंकि चारों ओर उड़ते प्राकृतिक रंग जीवाणुओं-विषाणुओं को समाप्त करने के साथ-साथ हमारी त्वचा, आखों इत्यादि के लिए भी लाभदायक (Holi Ke Rang Kaise Banate Hain) सिद्ध होते थे। किंतु आजकल बाजार में नाना प्रकार के रंग आ चुके हैं जिनका दुष्प्रभाव हमारे स्वाथ्य पर पड़ता हैं। इसलिये आज हम आपको घर पर ही होली के प्राकृतिक रंग बनाने की विधि बताएँगे।

घर पर कैसे बनाए होली के प्राकृतिक रंग (How To Make Holi Colours At Home In Hindi)

#1. होली का प्राकृतिक गुलाल (Ghar Par Gulal Kaise Banaen)

होली पर गुलाल ही सबसे ज्यादा प्रसिद्ध (How To Make Gulal At Home In Hindi) हैं जिसे हम गुलाबी, पिंक या मैजेंटा (गहरा गुलाबी) कहते हैं। इसे आप दो तरीकों से मना सकते हैं: एक तो चुकंदर से और दूसरा गाजर से।

गाजर से गुलाबी रंग बनाना

इसके लिए आप बहुत सारी गाजर ले और उसका जूस निकाल ले। इसे छानकर जूस सभी परिवारवाले पी ले और इसका बुरादा धूप में सुखा दे। जब यह अच्छे से सूख जाए तब इसे मसलकर पावडर बना ले। लो जी प्राकृतिक गुलाबी रंग तैयार हैं। आप इसमें कोमलता लाने के लिए थोड़ा सा टेलकम पावडर मिला सकते हैं।

चुकंदर से गुलाबी रंग बनाना

इससे गिला गुलाबी रंग बनेगा। इसके लिए आप होली से एक-दो दिन पहले चुकंदर को काटकर या पीसकर पानी में डुबोकर रख दे। इसे रातभर ऐसे ही रहने दे और अगले दिन इसे अच्छे से उबाल ले। जब पानी उबल कर गाढ़ा हो जाए तब गैस बंद कर दे। लो जी हो गया नेचुरल गुलाल तैयार। अब इसमें आप आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर गीली होली खेल सकते हैं।

#2. होली का प्राकृतिक लाल रंग (Holi Ka Lal Rang Kaise Banta Hai)

गुलाल के बाद जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रंग हैं वह हैं लाल रंग। इसे भी आप प्राकृतिक रूप से बना सकते हैं। आप चाहे तो लाल चंदन के पावडर को लाल रंग के रूप में प्रयोग में ला सकते हैं जो अच्छी सुगंध भी देगा। इसके अलावा घर पर लाल रंग बनाने के दो तरीके हैं। आइए जाने:

लाल गुलाब से लाल रंग

इसके लिए आप उद्यान से कई सारे लाल गुलाब ले आये और पंखुडियां तोड़कर उन्हें धूप में सुखा दे। जब यह अच्छे से धूप में सूख जाए तब इन्हें मसलकर पावडर बना ले। लो जी हो गया लाल रंग तैयार। आप चाहे तो इससे गुलाबी रंग भी बना सकते हैं। इसके लिए इसमें गेहूं का आटा मिला ले जिससे यह लाल से गुलाबी रंग में परिवर्तित हो जाएगा और मात्रा में भी बढ़ जाएगा।

अनार के छिलकों से लाल रंग

इसके लिए आप अनार को छील ले और उसके छिलकों को कई देर तक पानी में उबाले। इसके बाद उस पानी में से छिलकों को निकाल ले और पानी अलग कर दे। लो हो गया गिला लाल रंग तैयार। इसे और गहरा करने के लिए इसमें पीसा हुआ चुकंदर भी उबाला जा सकता हैं।

#3. होली का प्राकृतिक पीला रंग (Holi Ka Peela Rang Kaise Banta Hai)

घर पर पीला रंग तो कई तरीकों से मनाया जाता हैं और इसे बनाना भी बहुत ज्यादा आसान हैं क्योंकि इसे बनाने की ज्यादातर चीज़े हमारे घर में आसानी से उपलब्ध होती हैं। आइए जाने:

  • मुल्तानी मिट्टी पावडर में हल्दी को मिलाकर बनाया गया पीला रंग।
  • बेसन में हल्दी को बनाकर बनाया गया पीला रंग।
  • गेंदे के फूल की पत्तियों को धूप में सुखाकर, उनको मसल कर बनाया गया पीला रंग।
  • चंदन पावडर में हल्दी मिलाकर बनाया गया पीला रंग।

पीले रंग को आप हल्दी, चंदन, बेसन, आटा, मैदा, गेंदे के फूल इत्यादि किसी से भी बना सकते हैं। बस हल्दी घर वाली ही हो क्योंकि बाज़ार की पैकेट वाली हल्दी तेज होती हैं जो त्वचा में जलन पैदा कर सकती है।

#4. होली का प्राकृतिक संतरी/ नारंगी रंग (Holi Ka Santari Rang Kaise Banta Hai)

अब बात करते हैं नारंगी रंग बनाने के बारे में जिसके साथ कान्हा भी होली खेलते थे। जी हां, कान्हा राधा व अन्य गोपियों संग इसी से होली खेलते थे जो टेसू के फूलों से बनाया जाता था। इसके अलावा इसे अन्य चीज़ों से भी बनाया जाता हैं। आइए जाने:

टेसू के फूलों से संतरी रंग

इसके लिए टेसू (पलाश) के फूलों को तोड़कर उन्हें रातभर पानी में भिगोकर रख दे। सुबह इस पानी को उबाल ले। अब इसमें संतरी पीला रंग आ जाएगा। अब इसे आप होली खेलने में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह गिला नारंगी रंग होगा। यदि आप सूखा नारंगी रंग प्राप्त करना चाहते हैं तो टेसू के फूलों को धूप में सुखाकर अगले दिन उसे मसल कर पावडर बना ले।

केसर से संतरी रंग

यह थोड़ा महंगा रहेगा लेकिन यह आपकी त्वचा के लिए भी अच्छा रहेगा और अच्छी सुगंध देने वाला भी। इसके लिए आप केसर की कुछ पत्तियों को मसलकर पानी में डुबोकर रख दे। कुछ देर में इसमें नारंगी रंग आ जाएगा। अब इस पानी को आप ज्यादा पानी में मिला कर होली खेल सकते हैं।

#5. होली का प्राकृतिक हरा रंग (Holi Ka Hara Rang Kaise Banta Hai)

इसे बनाने के भी मुख्यतया दो तरीके हैं।

मेहंदी से बनाया गया हरा रंग

आप चाहे तो सीधे मेहंदी पावडर को हरे रंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। सूखी मेहंदी अपना रंग नही छोड़ेगी, इसलिये घबराये नही लेकिन गोली मेहंदी रंग छोड़ सकती हैं। यह मेहंदी बालों के लिए कंडीशनर का काम करेगी जबकि त्वचा के लिए रंगत का। इसकी मात्रा बढ़ाने और हल्कापन देने के लिए आप इसमें गेहूं का आटा मिला सकते हैं।

पुदीना, धनिया व पालक से हरा रंग

आप चाहे तो पुदीना, धनिया व पालक की पत्तियों को धूप में सुखाकर फिर उन्हें मसल कर उनका पावडर बना सकते हैं या फिर इससे गिला रंग बनाने के लिए इन्हें पानी में उबाल सकते हैं। आप चाहे तो इसमें मैथी भी मिला सकते हैं।

#6. होली का प्राकृतिक नीला रंग (Holi Ka Neela Rang Kaise Banta Hai)

इसे बनाने के भी दो तरीके हैं:

गुड़हल के फूलों से नीला रंग

गुड़हल के फूलों को तोड़कर धूप में सूखने के लिए रख दे। अगले दिन इसे हाथों से मसल कर पावडर बना ले। अब इसे आप नीले रंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

काले अंगूर से नीला रंग

आप चाहे तो काले रंग के अंगूर का जूस निकाल कर उसमें पानी मिला सकते हैं या फिर सीधे इन्हें पानी में उबाल सकते हैं। दोनों ही तरीकों से नीला रंग प्राप्त होगा।

#7. होली का प्राकृतिक सफेद रंग (Holi Ka Safed Rang Kaise Banta Hai)

इसके लिए तो आप सीधे गेहूं के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें सुगंध लाने के लिए सफेद चंदन पावडर मिलाया जा सकता हैं।

तो इस प्रकार आप होली के लिए प्राकृतिक रंग विभिन्न माध्यमों से अपने घर पर ही बना सकते (Ghar Par Holi Ke Rang Kaise Banaye) हैं। यह रंग आपकी त्वचा को कोई नुकसान भी नही पहुंचाएंगे और फायदा करेंगे वो अलग। हमनें जो तरीके आपको बताए हैं उसके अलावा भी बहुत तरीकों से इन रंगों को या अन्य रंगों को तैयार किया जा सकता हैं। इसलिये हमेशा होली को प्राकृतिक रंगों से ही खेलने की आदत डाले।

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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