मां मनसा देवी चालीसा हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

Mansa Devi Chalisa

आज हम आपके साथ मनसा देवी चालीसा (Mansa Devi Chalisa) का पाठ करेंगे। मातारानी के कई स्वरुप हैं जिनमें से उनका एक प्रमुख स्वरुप मनसा माता का है। इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ था जिस कारण इनका नाम मनसा देवी पड़ा। इन्हें शिव-पार्वती की या फिर महर्षि कश्यप की पुत्री माना जाता है जिनकी मान्यता पूर्वी व उत्तर-पूर्वी भारत में ज्यादा है।

इस लेख के माध्यम से आपको मनसा माता चालीसा का अर्थ (Mansa Mata Chalisa) भी जानने को मिलेगा ताकि आप उसका भावार्थ भी समझ सकें। अंत में हम आपके साथ मां मनसा चालीसा का पाठ करने से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व को भी साझा करेंगे। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं मां मनसा देवी चालीसा।

Mansa Devi Chalisa | मनसा देवी चालीसा

॥ दोहा ॥

मनसा माँ नागेश्वरी, कष्ट हरन सुखधाम।
चिंताग्रस्त हर जीव के, सिद्ध करो सब काम॥

देवी घट-घट वासिनी, हृदय तेरा विशाल।
निष्ठावान हर भक्त पर, रहियो सदा तैयार॥

॥ चौपाई ॥

पदमावती भयमोचिनी अम्बा। सुख संजीवनी माँ जगदंबा॥

मनशा पूरक अमर अनंता। तुमको हर चिंतक की चिंता॥

कामधेनु सम कला तुम्हारी। तुम्ही हो शरणागत रखवाली॥

निज छाया में जिनको लेती। उनको रोगमुक्त कर देती॥

धनवैभव सुखशांति देना। व्यवसाय में उन्नति देना॥

तुम नागों की स्वामिनी माता। सारा जग तेरी महिमा गाता॥

महासिद्धा जगपाल भवानी। कष्ट निवारक माँ कल्याणी॥

याचना यही सांझ सवेरे। सुख संपदा मोह ना फेरे॥

परमानंद वरदायनी मैया। सिद्धि ज्योत सुखदायिनी मैया॥

दिव्य अनंत रत्नों की मालिक। आवागमन की महासंचालक॥

भाग्य रवि कर उदय हमारा। आस्तिक माता अपरंपारा॥

विद्यमान हो कण-कण भीतर। बस जा साधक के मन भीतर॥

पापभक्षिणी शक्तिशाला। हरियो दुःख का तिमिर ये काला॥

पथ के सब अवरोध हटाना। कर्म के योगी हमें बनाना॥

आत्मिक शांति दीजो मैया। ग्रह का भय हर लीजो मैया॥

दिव्य ज्ञान से युक्त भवानी। करो संकट से मुक्त भवानी॥

विषहरी कन्या, कश्यप बाला। अर्चन चिंतन की दो माला॥

कृपा भगीरथ का जल दे दो। दुर्बल काया को बल दे दो॥

अमृत कुंभ है पास तुम्हारे। सकल देवता दास तुम्हारे॥

अमर तुम्हारी दिव्य कलाएँ। वांछित फल दे कल्प लताएँ॥

परम श्रेष्ठ अनुकंपा वाली। शरणागत की कर रखवाली॥

भूत पिशाचर टोना टंट। दूर रहे माँ कलह भयंकर॥

सच के पथ से हम ना भटके। धर्म की दृष्टि में ना खटके॥

क्षमा देवी, तुम दया की ज्योति। शुभ कर मन की हमें तुम होती॥

जो भीगे तेरे भक्ति रस में। नवग्रह हो जाए उनके वश में॥

करुणा तेरी जब हो महारानी। अनपढ़ बनते है महाज्ञानी॥

सुख जिन्हें हो तुमने बांटें। दुःख की दीमक उन्हे ना छांटें॥

कल्पवृक्ष तेरी शक्ति वाला। वैभव हमको दे निराला॥

दीनदयाला नागेश्वरी माता। जो तुम कहती लिखे विधाता॥

देखते हम जो आशा निराशा। माया तुम्हारी का है तमाशा॥

आपद विपद हरो हर जन की। तुम्हें खबर हर एक के मन की॥

डाल के हम पर ममता आँचल। शांत कर दो समय की हलचल॥

मनसा माँ जग सृजनहारी। सदा सहायक रहो हमारी॥

कष्ट क्लेश ना हमें सतावे। विकट बला ना कोई भी आवे॥

कृपा सुधा की वृष्टि करना। हर चिंतक की चिंता हरना॥

पूरी करो हर मन की मंशा। हमें बना दो ज्ञान की हंसा॥

पारसमणियाँ चरण तुम्हारे। उज्जवल कर दे भाग्य हमारे॥

त्रिभुवन पूजित मनसा माई। तेरा सुमिरन हो फलदाई॥

॥ दोहा ॥

इस गृह अनुग्रह रस बरसा दे, हर जीवन निर्दोष बना दे।
भूलेंगें उपकार ना तेरे, पूजेंगे माँ सांझ सवेरे॥

सिद्ध मनसा सिद्धेश्वरी, सिद्ध मनोरथ कर।
भक्तवत्सला दो हमें, सुख संतोष का वर॥

Mansa Mata Chalisa | मनसा माता चालीसा – अर्थ सहित

॥ दोहा ॥

मनसा माँ नागेश्वरी, कष्ट हरन सुखधाम।
चिंताग्रस्त हर जीव के, सिद्ध करो सब काम॥

देवी घट-घट वासिनी, हृदय तेरा विशाल।
निष्ठावान हर भक्त पर, रहियो सदा तैयार॥

हे माँ मनसा व नागेश्वरी!! आप हमारे कष्टों को दूर कर हमें सुख प्रदान करती हैं। इस विश्व में जो भी जीव चिंता से ग्रस्त है, आप उसके सभी बिगड़े हुए काम बना दीजिये। माँ आप तो हर घर में निवास करती हैं और आपका हृदय बहुत ही परोपकारी है। जो भी भक्त सच्चे मन से आपका ध्यान करता है, आप उसका उद्धार कीजिये।

॥ चौपाई ॥

पदमावती भयमोचिनी अम्बा। सुख संजीवनी माँ जगदंबा॥

मनशा पूरक अमर अनंता। तुमको हर चिंतक की चिंता॥

कामधेनु गाय के समान आपकी कलाएं है। आपकी शरण में जो भी आता है, आप उसकी रखवाली करती हैं। जिन्हें भी आप अपनी छत्रछाया में ले लेती हैं, उनके शरीर के हर रोग मिट जाते हैं।

कामधेनु सम कला तुम्हारी। तुम्ही हो शरणागत रखवाली॥

निज छाया में जिनको लेती। उनको रोगमुक्त कर देती॥

आप पद्म कमल पर विराजमान और भय का नाश करने वाली अंबा माता हैं। आप हम सभी को सुख व संजीवनी प्रदान करने वाली माँ जगदंबा हैं। आप हमारे मन की सभी इच्छाओं को पूरा कर देती हैं और इस सृष्टि में हर जगह निवास करती हैं। आपको अपने हरेक भक्त की चिंता सताती है।

धनवैभव सुखशांति देना। व्यवसाय में उन्नति देना॥

तुम नागों की स्वामिनी माता। सारा जग तेरी महिमा गाता॥

आप ही महासिद्धा, इस जगत की माता और माँ भवानी का रूप हो। आप ही हमारे कष्टों का निवारण कर हमारा कल्याण करती हो। हम सभी सुबह-शाम आपसे यही प्रार्थना करते हैं कि आपके आशीर्वाद से हमारे पास सदैव सुख-संपत्ति बनी रहे।

महासिद्धा जगपाल भवानी। कष्ट निवारक माँ कल्याणी॥

याचना यही सांझ सवेरे। सुख संपदा मोह ना फेरे॥

हे माँ मनसा देवी!! आप हमें धन, वैभव, सुख व शांति प्रदान करें। आप हमारे व्यवसाय में उन्नति करवाएं। आप ही नागों की स्वामिनी हो। आपकी महिमा तो इस जगत के सभी प्राणी गाते हैं।

परमानंद वरदायनी मैया। सिद्धि ज्योत सुखदायिनी मैया॥

दिव्य अनंत रत्नों की मालिक। आवागमन की महासंचालक॥

मनसा देवी हमें परम आनंद व वरदान देने वाली मैया रानी हैं। वे ही हमें सिद्धियाँ प्रदान कर सुख प्रदान करती हैं। वे दिव्य अनंत रत्नों की स्वामिनी हैं और इस सृष्टि को चलाने का काम भी वही करती हैं।

भाग्य रवि कर उदय हमारा। आस्तिक माता अपरंपारा॥

विद्यमान हो कण-कण भीतर। बस जा साधक के मन भीतर॥

हे मनसा देवी!! अब आप हमारे भाग्य को बना दीजिये। वे ही आस्तिक की माता हैं जिनकी महिमा अपरंपार है। सृष्टि का हरेक कण उन्हीं से ही है और वे ही हमारे मन में निवास करती हैं।

पापभक्षिणी शक्तिशाला। हरियो दुःख का तिमिर ये काला॥

पथ के सब अवरोध हटाना। कर्म के योगी हमें बनाना॥

वे ही हमारे पापों का नाश करती हैं और उनसे शक्तिशाली और कोई भी नहीं है। वे ही हमारे सामने फैले अंधकार को दूर कर प्रकाश फैलाती हैं। हे माँ मनसा देवी!! मेरे मार्ग से सभी तरह के अवरोध दूर कर दीजिये और मुझे कर्म योगी बना दीजिये।

आत्मिक शांति दीजो मैया। ग्रह का भय हर लीजो मैया॥

दिव्य ज्ञान से युक्त भवानी। करो संकट से मुक्त भवानी॥

मेरी आत्मा को शांति प्रदान करें और ग्रह के सारे दोष दूर कर दीजिये। हे दिव्य ज्ञान युक्त माँ भवानी!! आप मेरे सभी संकट दूर कर मेरा उद्धार कर दीजिये।

विषहरी कन्या, कश्यप बाला। अर्चन चिंतन की दो माला॥

कृपा भगीरथ का जल दे दो। दुर्बल काया को बल दे दो॥

आप ही विष धारण करने वाली कन्या हैं और कश्यप ऋषि की पुत्री हैं। आप मेरे मन में प्रकाश का दीपक प्रज्ज्वलित कर दीजिये। आप ही मुझे माँ गंगा का पवित्र जल दो और मेरे दुर्बल व कमजोर शरीर को शक्तिशाली बना दो।

अमृत कुंभ है पास तुम्हारे। सकल देवता दास तुम्हारे॥

अमर तुम्हारी दिव्य कलाएँ। वांछित फल दे कल्प लताएँ॥

आपके पास तो अमृत के महासागर हैं और सभी देवता आपके सेवक हैं। आपकी कलाएं भी दिव्य है और आप अपने भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।

परम श्रेष्ठ अनुकंपा वाली। शरणागत की कर रखवाली॥

भूत पिशाचर टोना टंट। दूर रहे माँ कलह भयंकर॥

आप अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और शरण में आये लोगों की रक्षा करती हैं। माँ मनसा की कृपा से भूत, प्रेत, पिशाच, कलेश इत्यादि सब हमसे दूर हो जाते हैं।

सच के पथ से हम ना भटके। धर्म की दृष्टि में ना खटके॥

क्षमा देवी, तुम दया की ज्योति। शुभ कर मन की हमें तुम होती॥

मनसा माता की कृपा से हम कभी भी सत्य के मार्ग से ना भटकें और धर्म का कार्य करें। मनसा देवी तो परम कृपालु और दया बरसाने वाली हैं और वे ही हमारे मन को पवित्र करने का कार्य करती हैं।

जो भीगे तेरे भक्ति रस में। नवग्रह हो जाए उनके वश में॥

करुणा तेरी जब हो महारानी। अनपढ़ बनते है महाज्ञानी॥

जो भी मनसा देवी की भक्ति में डूब जाता है, सभी नवग्रह उसके वश में हो जाते हैं। जिस किसी पर भी माँ मनसा की करुण दृष्टि पड़ जाती है, वह अनपढ़ होकर भी महाज्ञानी बन जाता है।

सुख जिन्हें हो तुमने बांटें। दुःख की दीमक उन्हे ना छांटें॥

कल्पवृक्ष तेरी शक्ति वाला। वैभव हमको दे निराला॥

जिस किसी को भी मनसा माता ने सुख दिया है, दुःख उसके पास भी नहीं भटकता है। महान कल्पवृक्ष की छाया भी मनसा देवी की कृपा से ही मिलती है और वे ही हमें वैभव प्रदान करने का कार्य करती हैं।

दीनदयाला नागेश्वरी माता। जो तुम कहती लिखे विधाता॥

देखते हम जो आशा निराशा। माया तुम्हारी का है तमाशा॥

वे ही हम पर दया बरसाने वाली और नागों की माता हैं। उनके कहने पर ही विधाता हमारा भाग्य लिखते हैं। हम अपने जीवनकाल में जो भी आशा व निराशा का अनुभव करते हैं, वह सभी मनसा माता की ही माया है।

आपद विपद हरो हर जन की। तुम्हें खबर हर एक के मन की॥

डाल के हम पर ममता आँचल। शांत कर दो समय की हलचल॥

हे मां मनसा देवी!! आप अपने भक्तों की सभी तरह की आपदा व विपदाओं को दूर कर दीजिये। आपको तो हम सभी के मन की खबर है। अब आप अपने ममता के आँचल से हमारे मन को शांत कर दो।

मनसा माँ जग सृजनहारी। सदा सहायक रहो हमारी॥

कष्ट क्लेश ना हमें सतावे। विकट बला ना कोई भी आवे॥

मां मनसा तो इस जगत का सृजन करती हैं और सदैव हमारी सहायता करती हैं। उनकी कृपा से हमें किसी तरह का कष्ट, कलेश व विपदा ना सताने पाये।

कृपा सुधा की वृष्टि करना। हर चिंतक की चिंता हरना॥

पूरी करो हर मन की मंशा। हमें बना दो ज्ञान की हंसा॥

आप ही हमें ज्ञान की शक्ति दो और हमारी चिंता को दूर कर दो। अब आप हमारे मन की हरेक इच्छा को पूरा कर दीजिये और हमें इस ब्रह्मांड का ज्ञान दीजिये।

पारसमणियाँ चरण तुम्हारे। उज्जवल कर दे भाग्य हमारे॥

त्रिभुवन पूजित मनसा माई। तेरा सुमिरन हो फलदाई॥

इस सृष्टि के सभी पारस व मणियाँ आपके चरणों की ही शोभा है और आप ही हमारे भाग्य को उज्जवल बना सकती हैं। तीनों लोकों में मनसा माता की पूजा-अर्चना की जाती है और वे ही हमें सभी तरह के फल प्रदान करती हैं।

॥ दोहा ॥

इस गृह अनुग्रह रस बरसा दे, हर जीवन निर्दोष बना दे।
भूलेंगें उपकार ना तेरे, पूजेंगे माँ सांझ सवेरे॥

सिद्ध मनसा सिद्धेश्वरी, सिद्ध मनोरथ कर।
भक्तवत्सला दो हमें, सुख संतोष का वर॥

हे माँ मनसा देवी!! आप मेरे घर पर कृपा कर अपनी कृपा कीजिये और मेरे जीवन के सभी पाप समाप्त कर मुझे निर्दोष बना दीजिये। आपका यह उपकार मैं कभी नहीं भूलूंगा और सुबह-शाम आपके नाम की आरती करूँगा।

सभी कामों को सिद्ध कर देने वाली हे माँ मनसा देवी!! आपका एक नाम सिद्धेश्वरी देवी भी है। आप मेरे सभी मनोरथ को सिद्ध कर दीजिये अर्थात मेरे सभी काम बना दीजिये। आप अपने भक्तों को ममता का आँचल प्रदान कर उन्हें सुख व संतोष प्रदान करें।

मां मनसा देवी चालीसा का महत्व

माँ आदिशक्ति के कई रूप प्रचलित हैं और अपने हरेक रूप में वे भिन्न-भिन्न गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अपने रूप के अनुसार ही वे अपने भक्तों को आशीर्वाद व वरदान देने का कार्य करती हैं। इसी में उनका एक रूप मनसा देवी के रूप में भारत के पूर्वी भाग में बहुत ज्यादा प्रचलित है जिन्हें नागों की माता कहा जाता है। ऐसे में मां मनसा देवी चालीसा (Maa Mansa Devi Chalisa) के माध्यम से इसी के बारे में ही बताया गया है।

मनसा माता चालीसा में माँ मनसा के परिवार के बारे में तो जानकारी दी ही गयी है और उसी के साथ ही यह भी बताया गया है कि उनकी आराधना करने से हमें क्या कुछ लाभ मिलते हैं। ऐसे में मां मनसा देवी चालीसा के माध्यम से हमें मनसा माता के बारे में भी ज्ञान हो जाता है और साथ के साथ उनकी आराधना भी हो जाती है। यही मनसा देवी की चालीसा का महत्व है।

मां मनसा चालीसा के लाभ

अब यदि आप सच्चे मन के साथ माँ मनसा का ध्यान कर मनसा देवी की चालीसा करते हैं तो माँ मनसा आपसे अवश्य ही प्रसन्न होती हैं। वे आपके ऊपर और आपके संपूर्ण कुल पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उन्हें सभी तरह के संकटों से दूर रखने या बचाने का कार्य करती हैं। आपके और आपके परिवार के किसी भी सदस्य पर किसी भी तरह के विष का प्रभाव नहीं होता है या आप इनसे बचे रहते हैं।

इसी के साथ ही मनसा माता की चालीसा के माध्यम से उन दम्पत्तियों को संतान का सुख मिलता है जो अभी तक इससे वंचित थे। माँ स्त्रियों के सुहाग की तो रक्षा करती ही हैं और इसी के साथ ही उन्हें एक सुंदर संतान का सुख भी देती हैं। तो इस तरह से मनसा माता चालीसा के माध्यम से हमें और हमारे परिवार को कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने मनसा देवी चालीसा हिंदी में अर्थ सहित (Mansa Devi Chalisa) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने मनसा माता चालीसा के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

मनसा देवी चालीसा से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: मनसा देवी कितनी शक्तिशाली है?

उत्तर: मनसा देवी को नागों की देवी माना जाता है। इस तरह से इस ब्रह्मांड के सभी नाग माँ मनसा देवी की आज्ञा का ही पालन करते हैं। इसी के साथ ही उन्हें शिव भगवान की पुत्री भी माना जाता है।

प्रश्न: सांपों की देवी कौन है?

उत्तर: सांपों की देवी के रूप में माँ मनसा देवी की पूजा की जाती है। पुराणों में उन्हें महर्षि कश्यप की पुत्री बताया गया है जबकि कुछ जगह उन्हें भगवान शिव व माता पार्वती की पुत्री भी कहा गया है।

प्रश्न: मनसा देवी का अर्थ क्या है?

उत्तर: मनसा देवी का अर्थ होता है ऐसी मातारानी जो हमारे मन की हरेक इच्छा को पूरा करती हैं। उनका उद्गम मस्तक से होने के कारण भी उन्हें मनसा देवी के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न: मनसा देवी की पूजा कैसे करें?

उत्तर: यदि आप मनसा देवी की पूजा करना चाहते हैं तो सुबह के समय जल्दी उठकर और नित्य कर्म निपटाकर मनसा देवी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठ जाएं। इसके बाद मनसा देवी की चालीसा व आरती का पाठ करें।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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