आज के इस लेख में हम आपके साथ महाकाल चालीसा (Mahakal Chalisa) का पाठ करेंगे। भगवान शिव को महाकाल के नाम से जाना जाता है अर्थात काल के भी काल। समय को तीन चक्रों में बांटा गया है जिन्हें हम भूतकाल, वर्तमानकाल व भविष्यकाल के नाम से जानते हैं और इन तीनों काल के स्वामी को ही महाकाल अर्थात शिव कहा जाता है। महाकाल का मंदिर उज्जैन के शिप्रा नदी के किनारे स्थित है।
यहाँ आपको महाकाल चालीसा इन हिंदी PDF (Mahakal Chalisa PDF) फाइल और इमेज भी मिलेगी। इसे आप अपने मोबाइल में सेव करके रख सकते हैं। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं भगवान महाकाल चालीसा।
Mahakal Chalisa | महाकाल चालीसा
॥ दोहा ॥
श्री महाकाल भगवान की
महिमा अपरम्पार,
पूरी करते कामना
भक्तों की करतार।
विद्या-बुद्धि-तेज-बल-
दूध-पूत-धन-धान,
अपने अक्षय कोष से
भगवान करो प्रदान॥
॥ चौपाई ॥
जय महाकाल काल के नाशक।
जय त्रिलोकपति मोक्ष प्रदायक॥
मृत्युंजय भवबाधा हारी।
शत्रुंजय करो विजय हमारी॥
आकाश में तारक लिंगम्।
पाताल में हाटकेश्वरम्॥
भूलोक में महाकालेश्वरम्।
सत्यम्-शिवम् और सुन्दरम्॥
क्षिप्रा तट ऊखर शिव भूमि।
महाकाल वन पावन भूमि॥
आशुतोष भोले भण्डारी।
नटराज बाघम्बरधारी॥
सृष्टि को प्रारम्भ कराते।
कालचक्र को आप चलाते॥
तीर्थ अवन्ती में हैं बसते।
दर्शन करते संकट हरते॥
विष पीकर शिव निर्भय करते।
नीलकण्ठ महाकाल कहाते॥
महादेव ये महाकाल हैं।
निराकार का रूप धरे हैं॥
ज्योतिर्मय-ईशान अधीश्वर।
परम् ब्रह्म हैं महाकालेश्वर॥
आदि सनातन-स्वयं ज्योतिश्वर।
महाकाल प्रभु हैं सर्वेश्वर॥
जय महाकाल महेश्वर जय-जय।
जय हरसिद्धि महेश्वरी जय-जय॥
शिव के साथ शिवा है शक्ति।
भक्तों की है रक्षा करती॥
जय नागेश्वर-सौभाग्येश्वर।
जय भोले बाबा सिद्धेश्वर॥
ऋणमुक्तेश्वर-स्वर्ण जालेश्वर।
अरुणेश्वर बाबा योगेश्वर॥
पंच-अष्ट-द्वादश लिंगों की।
महिमा सबसे न्यारी इनकी॥
श्रीकर गोप को दर्शन दे तारी।
नंद बाबा की पीढ़ियाँ सारी॥
भक्त चंद्रसेन राजा शरण आए।
विजयी करा रिपु-मित्र बनाये॥
दैत्य दूषण भस्म किए।
और भक्तों से महाकाल कहाए॥
दुष्ट दैत्य अंधक जब आया।
मातृकाओं से नष्ट कराया॥
जगज्जननी हैं माँ गिरि तनया।
श्री भोलेश्वर ने मान बढ़ाया॥
श्री हरि की तर्जनी से हर-हर।
क्षिप्रा भी लाए गंगाधर॥
अमृतमय पावन जल पाया।
‘ऋषि’ देवों ने पुण्य बढ़ाया॥
नमः शिवाय मंत्र पंचाक्षरी।
इनका मंत्र बड़ा भयहारी॥
जिसके जप से मिटती सारी।
चिंता-क्लेश-विपद् संसारी॥
सिर जटा-जूट-तन भस्म सजै।
डम-डम-डमरू त्रिशूल सजै॥
शमशान विहारी भूतपति।
विषधर धारी जय उमापति॥
रुद्राक्ष विभूषित शिवशंकर।
त्रिपुण्ड विभूषित प्रलयंकर॥
सर्वशक्तिमान-सर्व गुणाधार।
सर्वज्ञ-सर्वोपरि-जगदीश्वर॥
अनादि-अनंत-नित्य-निर्विकारी।
महाकाल प्रभु-रूद्र-अवतारी॥
धाता-विधाता-अज-अविनाशी।
मृत्यु रक्षक सुखराशी॥
त्रिदल-त्रिनेत्र-त्रिपुण्ड-त्रिशूलधर।
त्रिकाय-त्रिलोकपति महाकालेश्वर॥
त्रिदेव-त्रयी हैं एकेश्वर।
निराकार शिव योगीश्वर॥
एकादश-प्राण-अपान-व्यान।
उदान-नाग-कुर्म-कृकल समान॥
देवदत्त धनंजय रहें प्रसन्न।
मन हो उज्जवल जब करें ध्यान॥
अघोर-आशुतोष-जय औढरदानी।
अभिषेक प्रिय श्री विश्वेश्वर ध्यानी॥
कल्याणमय-आनंद स्वरुप शशि शेखर।
श्री भोलेशंकर जय महाकालेश्वर॥
प्रथम पूज्य श्री गणेश हैं, ऋद्धि-सिद्धि संग।
देवों के सेनापति, महावीर स्कंध॥
अन्नपूर्णा माँ पार्वती, जग को देती अन्न।
महाकाल वन में बसे, महाकाल के संग॥
॥ दोहा ॥
शिव कहें जग राम हैं,
राम कहें जग शिव,
धन्य-धन्य माँ शारदा,
ऐसी ही दो प्रीत।
श्री महाकाल चालीसा,
प्रेम से, नित्य करे जो पाठ,
कृपा मिले महाकाल की,
सिद्ध होय सब काज॥
महाकाल चालीसा इमेज
यह रही महाकाल चालीसा की इमेज:
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महाकाल चालीसा इन हिंदी PDF | Mahakal Chalisa PDF
अब हम Mahakal Chalisa PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: महाकाल चालीसा इन हिंदी PDF
ऊपर आपको लाल रंग में महाकाल चालीसा इन हिंदी PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने महाकाल चालीसा (Mahakal Chalisa) पढ़ ली हैं। यदि आपको महाकाल चालीसा इन हिंदी PDF फाइल या इमेज डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
महाकाल चालीसा से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: महाकाल का मूल मंत्र क्या है?
उत्तर: भगवान शिव का कोई भी रूप हो, फिर चाहे वह महाकाल का रूप ही क्यों ना हो, उन सभी का मूल मंत्र एक ही है और वह है “ॐ नमः शिवाये”। यह मंत्र एक तरह से इस सृष्टि व ब्रह्माण्ड का भी मूल मंत्र है।
प्रश्न: शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा?
उत्तर: शिव जी को महामृत्युंजय मंत्र सबसे अधिक प्रिय होता है। महामृत्युंजय मंत्र “ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥” होता है।
प्रश्न: शिव के लिए कौन सा मंत्र शक्तिशाली है?
उत्तर: शिव भगवान की आराधना करने के लिए दो मंत्र सबसे शक्तिशाली बताये जाते हैं जिनमें से पहला “ॐ नमः शिवाये” है तो दूसरा महामृत्युंजय मंत्र है।
प्रश्न: शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
उत्तर: शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आप “ॐ नमः शिवाये” मंत्र का जाप कर सकते हैं। यह शिवजी का मूल मंत्र है जो उन्हें जल चढ़ाते समय बोला जा सकता है।
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