आज हम आपके साथ मनसा देवी की आरती (Mansa Devi Ki Aarti) का पाठ करेंगे। मातारानी के कई स्वरुप हैं जिनमें से उनका एक प्रमुख स्वरुप मनसा माता का है। इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ था जिस कारण इनका नाम मनसा देवी पड़ा। इन्हें शिव-पार्वती की या फिर महर्षि कश्यप की पुत्री माना जाता है जिनकी मान्यता पूर्वी व उत्तर-पूर्वी भारत में ज्यादा है।
इस लेख के माध्यम से आपको मनसा माता की आरती का अर्थ (Mansa Mata Ki Aarti) भी जानने को मिलेगा ताकि आप उसका भावार्थ भी समझ सकें। अंत में हम आपके साथ मनसा देवी आरती करने से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व को भी साझा करेंगे। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं मां मनसा देवी की आरती।
Mansa Devi Ki Aarti | मनसा देवी की आरती
जय मनसा माता,
मैया जय मनसा माता।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय मनसा माता॥
जरत्कारु मुनि पत्नि,
तुम बासुक भगनी,
मैया तुम बासुक भगनी।
कश्यप की तुम कन्या,
आस्तिक की माता,
मैया आस्तिक की माता॥
ॐ जय मनसा माता॥
गर्व-धन्वन्तरी-नाशिनी,
हंसवाहिनी देवी,
मैया हंसवाहिनी देवी।
सुर-नर-मुनि-गण ध्यावत,
जय मनसा माता,
मैया जय मनसा माता॥
ॐ जय मनसा माता॥
पर्वतवासिनी संकटनाशिनी,
अक्षय धनदात्री,
मैया अक्षय धनदात्री।
पुत्र-पौत्रादि प्रदायनी,
मनवांछित फलदाता,
मैया मनवांछित फल दाता॥
ॐ जय मनसा माता॥
मनसा जी की आरती,
जो कोई नर गाता,
मैया जो कोई नर गाता।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख संपत्ति पाता,
मैया सब कुछ है पाता॥
ॐ जय मनसा माता॥
जय मनसा माता,
मैया जय मनसा माता।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता॥
ॐ जय मनसा माता॥
Mansa Mata Ki Aarti | मनसा माता की आरती – अर्थ सहित
जय मनसा माता, मैया जय मनसा माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
मनसा माता की जय हो। हम सभी की मैया रानी मनसा माता की जय हो। जो भी मनुष्य सच्चे मन के साथ मनसा माता का ध्यान करता है, उसके मन की हरेक इच्छा पूरी हो जाती है।
जरत्कारु मुनि पत्नि, तुम बासुक भगनी।
कश्यप की तुम कन्या, आस्तिक की माता॥
मनसा माता जरत्कारु मुनि की पत्नी हैं और वासुकी नाग की बहन हैं। उनके पिता का नाम कश्यप ऋषि है और पुत्र का नाम आस्तिक है। एक तरह से यहाँ पर मनसा माता के परिवार का उल्लेख किया गया है और उनके पिता, भाई, पति व पुत्र के बारे में जानकारी दी गयी है।
गर्व-धन्वन्तरी-नाशिनी, हंसवाहिनी देवी।
सुर-नर-मुनि-गण ध्यावत, जय मनसा माता॥
मनसा माता हमारे अहंकार का नाश करती हैं और सुख प्रदान करती हैं। उनका वाहन हंस है और वे उसी पर ही विचरण करती हैं। सभी देवता, मनुष्य व ऋषि-मुनि उनका ही ध्यान करते हैं और उनकी जय-जयकार करते हैं।
पर्वतवासिनी संकटनाशिनी, अक्षय धनदात्री।
पुत्र-पौत्रादि प्रदायनी, मनवांछित फलदाता॥
मनसा माता का निवास स्थल पर्वतों पर है और वे हम सभी के संकटों का नाश कर देती हैं। मनसा माता हमें अक्षय व धन प्रदान करती हैं। उनकी कृपा से ही हमें पुत्र व पोते की प्राप्ति होती है। वे हमारे मन की हरेक इच्छा को पूरा कर देती हैं।
मनसा जी की आरती, जो कोई नर गाता।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपत्ति पाता, मैया सब कुछ है पाता॥
जो कोई भी सच्चे मन के साथ मनसा देवी की आरती गाता है या उसे सुनता व सुनाता है, शिवानंद स्वामी जी के अनुसार उसे मनसा देवी की कृपा से सुख-संपत्ति मिलती है। उसे वह सब कुछ मिलता है जिसकी वह अभिलाषा रखता है।
मनसा देवी आरती का महत्व
माँ आदिशक्ति के कई रूप प्रचलित हैं और अपने हरेक रूप में वे भिन्न-भिन्न गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अपने रूप के अनुसार ही वे अपने भक्तों को आशीर्वाद व वरदान देने का कार्य करती हैं। इसी में उनका एक रूप मनसा देवी के रूप में भारत के पूर्वी भाग में बहुत ज्यादा प्रचलित है जिन्हें नागों की माता कहा जाता है। ऐसे में मनसा देवी आरती (Mansa Devi Aarti) के माध्यम से इसी के बारे में ही बताया गया है।
मनसा माता की आरती में माँ मनसा के परिवार के बारे में तो जानकारी दी ही गयी है और उसी के साथ ही यह भी बताया गया है कि उनकी आराधना करने से हमें क्या कुछ लाभ मिलते हैं। ऐसे में मनसा देवी आरती के माध्यम से हमें मनसा माता के बारे में भी ज्ञान हो जाता है और साथ के साथ उनकी आराधना भी हो जाती है। यही मनसा देवी की आरती का महत्व है।
मनसा माता आरती के लाभ
अब यदि आप सच्चे मन के साथ माँ मनसा का ध्यान कर मनसा देवी की आरती करते हैं तो माँ मनसा आपसे अवश्य ही प्रसन्न होती हैं। वे आपके ऊपर और आपके संपूर्ण कुल पर अपनी कृपा बरसाती हैं और उन्हें सभी तरह के संकटों से दूर रखने या बचाने का कार्य करती हैं। आपके और आपके परिवार के किसी भी सदस्य पर किसी भी तरह के विष का प्रभाव नहीं होता है या आप इनसे बचे रहते हैं।
इसी के साथ ही मनसा माता की आरती के माध्यम से उन दम्पत्तियों को संतान का सुख मिलता है जो अभी तक इससे वंचित थे। माँ स्त्रियों के सुहाग की तो रक्षा करती ही हैं और इसी के साथ ही उन्हें एक सुंदर संतान का सुख भी देती हैं। तो इस तरह से मनसा देवी आरती के माध्यम से हमें और हमारे परिवार को कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने मनसा देवी की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Mansa Devi Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने मनसा माता की आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
मनसा देवी की आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: मनसा देवी का मंत्र कौन सा है?
उत्तर: मनसा देवी का मंत्र “ॐ ह्रीं क्लीं ऐं मनसा देव्ये स्वाहा” है जिसका जाप आप दिन के किसी भी समय में कर सकते हैं।
प्रश्न: मनसा देवी की पूजा कब होती है?
उत्तर: चूँकि मनसा देवी को नागों की देवी माना जाता है। ऐसे में मुख्यतया नाग पंचमी के दिन भारत के पूर्वी हिस्से में मनसा देवी की पूजा करने का विधान है।
प्रश्न: मनसा माता किसकी कुलदेवी है?
उत्तर: हरियाणा के कैथल में मनसा देवी का मंदिर है। वहां के लगभग 36 गावों के द्वारा मनसा देवी को अपनी कुलदेवी की मान्यता दी गयी है।
प्रश्न: मनसा देवी की पूजा क्यों की जाती है?
उत्तर: नाग तथा अन्य विषधारी जानवरों से हमारी रक्षा करने तथा हर तरह के संकट को दूर करने के लिए ही मनसा देवी की पूजा की जाती है।
प्रश्न: मनसा देवी का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर: मनसा देवी को कई अन्य नामो से जाना जाता है। जिनमें से उनके कुछ प्रमुख नाम नागेश्वरी, शैवी, वैष्णवी, जरत्कारुप्रिया, आस्तीकमाता विषहरीती व शिवसुता इत्यादि हैं।
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