नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन जो आरती की जाती है उसे ही हम नाग पंचमी आरती (Nag Panchami Aarti) के नाम से जानते हैं जो नाग देवता की आराधना करने के उद्देश्य से लिखी गयी है। ऐसे में नाग पंचमी की आरती का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है और इससे उनकी कृपा हम पर और हमारे परिवार पर बरसती है।
इस लेख में हम आपके साथ नाग पंचमी की आरती (Nag Panchami Ki Aarti) हिंदी में भी साझा करेंगे ताकि आप उसका भावार्थ समझ सकें। अंत में हम नागपंचमी आरती का महत्व व लाभ भी साझा करेंगे। तो आइए सबसे पहले करते हैं नाग पंचमी आरती हिंदी में।
Nag Panchami Aarti | नाग पंचमी आरती
श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै।
तन मन धन सब अर्पण कीजै।
नेत्र लाल भिरकुटी विशाला।
चले बिन पैर सुने बिन काना।
उनको अपना सर्वस्व दीजे॥
पाताल लोक में तेरा वासा।
शंकर विघन विनायक नासा।
भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै॥
शीश मणि मुख विषम ज्वाला।
दुष्ट जनों का करे निवाला।
भगत तेरो अमृत रस पिजे॥
वेद पुराण सब महिमा गावें।
नारद शारद शीश निवावें।
सावल सा से वर तुम दीजे॥
नोंवी के दिन ज्योत जगावे।
खीर चूरमे का भोग लगावे।
रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै।
आरती श्री नागदेव जी कीजै॥
Nag Panchami Ki Aarti | नाग पंचमी की आरती – अर्थ सहित
श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै।
तन मन धन सब अर्पण कीजै।
नेत्र लाल भिरकुटी विशाला।
चले बिन पैर सुने बिन काना।
उनको अपना सर्वस्व दीजे॥
हम सभी मिलकर नाग पंचमी के दिन नागदेव की आरती करते हैं। हम अपना तन, मन व धन नाग देवता को अर्पित करते हैं। नाग देवता की आँखें एकदम लाल और भौहें बहुत ही विशाल है। वे बिना पैरों के ही चलते हैं और हमारी विनती बिना कानों के ही सुन लेते हैं। हमें अपना सर्वस्व नाग देवता की महिमा पर न्यौछावर कर देना चाहिए।
पाताल लोक में तेरा वासा।
शंकर विघन विनायक नासा।
भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै॥
नाग देवता का निवास स्थान पाताल लोक में है। वे शंकर भगवान के साथ भी रहते हैं और हम सभी के विघ्नों का नाश कर देते हैं। नाग देवता हम सभी के हर कष्ट व कलेश दूर कर देते हैं जिससे हमारे जीवन में शांति आती है।
शीश मणि मुख विषम ज्वाला।
दुष्ट जनों का करे निवाला।
भगत तेरो अमृत रस पिजे॥
नाग देवता के मस्तक पर मणि स्थित है तो वहीं मुहं के अंदर विष ज्वाला रूप में है। इसी विष के माध्यम से ही वे दुष्ट जनों का संहार कर देते हैं। भक्तों पर नाग देवता की कृपा अमृत के रूप में बरसती है।
वेद पुराण सब महिमा गावें।
नारद शारद शीश निवावें।
सावल सा से वर तुम दीजे॥
नाग देवता की महिमा का बखान तो वेद व पुराण भी करते हैं। नारद मुनि व शारदा माता भी उनकी महिमा के आगे अपना मस्तक झुकाते हैं। जिस किसी पर भी नाग देवता प्रसन्न हो जाते हैं, वे उसे आशीर्वाद देते हैं।
नोंवी के दिन ज्योत जगावे।
खीर चूरमे का भोग लगावे।
रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै।
आरती श्री नागदेव जी कीजै॥
जो भी नवमी के दिन नाग देवता के नाम की ज्योत जगाता है और उन्हें खीर चूरमे का भोग लगता है, उसका उद्धार हो जाता है। रामनिवास अपना तन, मन व धन सब नाग देवता के ऊपर अर्पण कर देते हैं। हम सभी मिलकर नाग पंचमी आरती का पाठ करते हैं।
नाग पंचमी की आरती का महत्व
नाग पंचमी आरती के माध्यम से नागों का हमारे जीवन में कितना अधिक महत्व है और क्यों उनकी रचना भगवान के द्वारा की गयी है, इसके बारे में बताया गया है। मनुष्य योनि के साथ कई तरह की योनियों का वर्णन है जिसमें देवता, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, असुर, नाग इत्यादि आते हैं। इसमें से नाग देवता को अलग स्थान दिया गया है क्योंकि वे सकारात्मक शक्तियों को धारण करते हुए भी विषैले होते हैं।
नागों का महत्व आप इसी से ही जान सकते हैं कि भगवान शिव स्वयं उन्हें अपने गले में धारण करते हैं तो वहीं भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजते हैं। ऐसे में नाग पंचमी आरती के माध्यम से नागों के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। यही नाग पंचमी की आरती का महत्व होता है।
नाग पंचमी आरती के लाभ
नाग पंचमी के दिन सभी सनातनियों के द्वारा नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन किसानों के द्वारा खेत में काम नहीं किया जाता है तो वहीं महिलाएं घर में चूल्हा भी नहीं जलाती है। बहुत से भक्त इस दिन नाग पंचमी का व्रत भी रखते हैं और अपने घर पर विशेष पूजा आयोजित करवाते हैं। इस दिन मंदिर जाकर नाग पूजा करने का भी विधान है।
ऐसे में यदि आप सच्चे मन के साथ नाग पंचमी आरती का पाठ करते हैं तो आपके तरह-तरह के भय समाप्त हो जाते हैं और आपको नाग देवता से अभय होने का वरदान मिलता है। इसी के साथ ही यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है तो वह भी दूर होता है। किसानों की खेती अच्छी होती है तो वहीं हम सभी के घरों में सकारात्मकता आती है। यही नाग पंचमी की आरती के लाभ होते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने नाग पंचमी आरती हिंदी में अर्थ सहित (Nag Panchami Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने नाग पंचमी की आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
नाग पंचमी आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: नाग पंचमी में कैसे पूजा की जाती है?
उत्तर: नाग पंचमी के दिन अपने घर की दीवारों पर गेरू से पुताई की जानी चाहिए और नाग की आकृति बनाकर उसकी पूजा करनी चाहिए। साथ ही इस दिन नागों को दूध से नहलाने का भी विधान है।
प्रश्न: नाग पंचमी का मंत्र क्या है?
उत्तर: नाग पंचमी का मंत्र “ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्॥” है जिसका जाप आप सुबह के समय स्नान इत्यादि करके कर सकते हैं।
प्रश्न: नाग पंचमी में क्या क्या चढ़ाया जाता है?
उत्तर: नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध, सुगंधित पुष्प जैसे कि चमेली या कमल के पुष्प चढ़ाये जा सकते हैं। इसके अलावा पूजा के लिए हल्दी, कुमकुम, अक्षत इत्यादि का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न: नाग देवता का बीज मंत्र क्या है?
उत्तर: नाग देवता का बीज मंत्र “ॐ सर्पेभ्यो नमः” है जिसका जाप आप मुख्यतया नाग पंचमी के दिन कर सकते हैं।
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