नर्मदा जी की आरती (Narmada Ji Ki Aarti)

Narmada Ji Ki Aarti

नर्मदा आरती (Narmada Aarti) – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

हिन्दू धर्म में पर्वतों, नदियों, पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं, पंच-तत्वों इत्यादि को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। अब नदियाँ जिस भी क्षेत्र से होकर बहती हैं, उस भूभाग में रह रहे लोगों के लिए वह जीवनदायिनी का कार्य करती हैं। इसी में एक नर्मदा नदी है जो मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात राज्यों में बहती है। आज के इस लेख में हम आपके साथ नर्मदा जी की आरती (Narmada Ji Ki Aarti) ही करने जा रहे हैं।

इस लेख में आपको केवल नर्मदा आरती (Narmada Aarti) ही पढ़ने को नही मिलेगी अपितु उसका भावार्थ भी जानने को मिलेगा। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आज हम आपके साथ नर्मदा जी की आरती हिंदी में भी सांझा करेंगे ताकि आप उसका संपूर्ण अर्थ समझ सकें। अंत में हम आपके साथ श्री नर्मदा आरती के लाभ व महत्व भी सांझा करेंगे। तो आइये सबसे पहले पढ़ते हैं नर्मदा मैया की आरती (Narmada Maiya Ki Aarti)।

नर्मदा जी की आरती (Narmada Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।

देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।

देवी धूमक वाहन, राजत वीणा वादयन्ती।
झूमकत झूमकत झूमकत, झननन झननन रमती राजन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।

देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान, तुरड़ड़ तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।

देती सकल भुवन पर आप विराजत, निश दिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर सेवत रेवा शंकर, तुम भव मेटन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।

मैया जी को कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
अमरकंठ में विराजत, घाटनघाट कोटी रतन ज्योति॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।

मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें, हो रेवा जुग-जुग नर गावें।
भजत शिवानन्द स्वामी जपत हरि, मनवांछित फल पावें॥

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥
ॐ जय जय जगदानन्दी।

नर्मदा जी की आरती हिंदी में (Narmada Aarti In Hindi)

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥

हे नर्मदा माता!! जो संपूर्ण जगत को आनंद प्रदान करती हैं, उनकी जय हो। आप ही रेवा रूप में भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शंकर का पालन-पोषण करती हो।

देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥

आप ही नारद मुनि व शारदा माँ को वरदान देती हो और आपकी पदयात्रा अद्भुत है। देवता, मनुष्य व ऋषि-मुनि सभी आपकी सेवा करते हैं और आपकी पदयात्रा करते हैं।

देवी धूमक वाहन, राजत वीणा वादयन्ती।
झूमकत झूमकत झूमकत, झननन झननन रमती राजन्ती॥

आपका वाहन धूमक अर्थात मगरमच्छ या घड़ियाल है। आप ही वीणावादिनी हो और सभी पर राज करती हो। आपकी लहरे झूमती हुई और झनन करती हुई बहती है जो सभी का मन मोह लेती है।

देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान, तुरड़ड़ तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती॥

माता नर्मदा की पूजा में तो ताल, मृदंग इत्यादि बजाये जाते हैं और देवताओं का समूह उसमें भाग लेता है। सभी देवता माँ नर्मदा की आरती में झूमते हैं और आनंद मनाते हैं।

देती सकल भुवन पर आप विराजत, निश दिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर सेवत रेवा शंकर, तुम भव मेटन्ती॥

आप ही इस सृष्टि की पालनकर्ता हैं और सुबह-शाम आप ही हमें आनंद प्रदान करती हैं। आपकी महिमा का गुणगान और पूजा स्वयं शिव शंकर भी करते हैं और आप ही इस सृष्टि के दुखों को दूर करती हैं।

मैया जी को कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
अमरकंठ में विराजत, घाटनघाट कोटी रतन ज्योति॥

नर्मदा मैया की आरती में तो अगर, कपूर, बाती को पूजा की थाल में सजाया जाता है और फिर उनकी पूजा की जाती है। नर्मदा माता मैखल पर्वत के अमरकंठ से निकलती हैं और जगह-जगह बहती हुई समुंद्र में मिल जाती हैं। उनके घाटों पर भक्तों के द्वारा उनकी आरती की जाती है।

मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें, हो रेवा जुग-जुग नर गावें।
भजत शिवानन्द स्वामी जपत हरि, मनवांछित फल पावें॥

जो भी नर्मदा मैया की आरती सुबह-शाम पढ़ता है और सुनाता है, उसकी युगों-युगों तक की इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। शिवानन्द स्वामी जी हरि का नाम जपते हुए माँ नर्मदा को मनवांछित फल देने की प्रार्थना करते हैं।

नर्मदा आरती (Narmada Aarti) – महत्व

नर्मदा माता मध्य प्रदेश राज्य के मैखल पर्वत के अमरकंटक से निकलती हैं। वहां से यह महाराष्ट्र व गुजरात राज्यों में बहती हुई समुंद्र में मिल जाती हैं। नर्मदा आरती के माध्यम से माँ नर्मदा के गुणों, महत्व व शक्तियों का वर्णन किया गया है। साथ ही उनकी उत्पत्ति, उद्देश्य, पुण्य कर्म तथा आशीर्वाद का वर्णन भी किया गया है। यही नर्मदा जी की आरती को लिखने का महत्व है।

नर्मदा मैया की आरती पढ़ने से हमें नर्मदा माता के बारे में संपूर्ण ज्ञान मिलता है। एक तरह से माँ नर्मदा के संपूर्ण जीवनकाल और उद्देश्य पूर्ति के बारे में इसी नर्मदा आरती के माध्यम से पता चल जाता है। इसी कारण श्री नर्मदा आरती का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। हमें हर दिन नर्मदा माता की आरती का पाठ सच्चे मन के साथ करना चाहिए।

नर्मदा मैया की आरती (Narmada Maiya Ki Aarti) – लाभ

नर्मदा माता को भगवान शिव से यह आशीर्वाद मिला था कि वे इस संसार में सभी के पापों का नाश करेंगी। इसी कारण जो भी नर्मदा नदी में स्नान करता है या डुबकी लगाता है, मान्यता है कि उसके द्वारा अनजाने में किये गए सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके अलावा नर्मदा नदी को हमेशा सुख व आनंद प्रदान करने वाली देवी भी माना जाता है और यह आशीर्वाद भी उन्हें महादेव ने ही दिया था।

ऐसे में यदि आप सच्चे मन के साथ प्रतिदिन नर्मदा जी की आरती का पाठ करते हैं तो आपके मन को शांति व संतोष का अनुभव होता है। आपके द्वारा अनजाने में जो भी पाप या भूल हुई है, वह सभी समाप्त हो जाते हैं और मन निर्मल बनता है। ऐसे में आपको प्रतिदिन नर्मदा आरती का पाठ करना चाहिए।

नर्मदा आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: नर्मदा परिक्रमा कैसे की जाती है?

उत्तर: नर्मदा परिक्रमा करने के लिए आपको अमरकंटक या ओंकारेश्वर से नर्मदा नदी के किनारे चलते हुए, दोनों तटों को पार करके फिर से उसी स्थान पर पहुंचना है जहाँ से यात्रा शुरू हुई थी।

प्रश्न: नर्मदा मैया धरती पर कैसे आई?

उत्तर: जब भगवान शिव मैखल पर्वत पर बैठे थे तो उनके शरीर के पसीने से नर्मदा नदी का निर्माण हुआ था। एक अन्य मान्यता के अनुसार राजा हिरन्यतेजा की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने नर्मदा नदी को पृथ्वी पर भेजा था।

प्रश्न: नर्मदा जी के कितने नाम हैं?

उत्तर: नर्मदा नदी का एक अन्य प्रचलित नाम रेवा है। हालाँकि इन्हें दक्षिण गंगा व मुरंदला के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न: चलने से नर्मदा परिक्रमा के लिए कितने दिन चाहिए?

उत्तर: यदि आप पूर्ण नर्मदा परिक्रमा करना चाहते हैं तो इसे करने में 3 वर्ष से भी अधिक का समय लग जाता है।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.