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जानकी कृत पार्वती स्तोत्र

आज हम आपके साथ पार्वती स्तोत्र (Parvati Stotram) का पाठ करेंगे। माता पार्वती ने बहुत ही कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। यह सती माता का ही पुनर्जन्म था जो हिमालय पर्वत की पुत्री के रूप में जन्मी थी। इसके पश्चात त्रेतायुग में माता जानकी अर्थात माता सीता ने श्रीराम से विवाह करने के लिए पार्वती स्तोत्र की रचना की थी।

आज हम आपको पार्वती स्तोत्र PDF (Parvati Stotram PDF) फाइल और इमेज भी देंगे। इसे आप अपने लैपटॉप या मोबाइल में सेव करके रख सकते हैं और जब मन चाहे पढ़ सकते हैं। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं मां पार्वती स्तोत्र।

Parvati Stotram | पार्वती स्तोत्र

॥ जानकी उवाच ॥

शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये।
सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोस्तुते

सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी।
सृष्टिस्थियन्त बीजानां बीजरूपे नमोस्तुते

हे गौरि पतिमर्मज्ञे पतिव्रतपरायणे।
पतिव्रते पतिरते पतिं देहि नमोस्तुते

सर्वमंगल मंगल्ये सर्वमंगल संयुते।
सर्वमंगल बीजे च नमस्ते सर्वमंगले

सर्वप्रिये सर्वबीजे सर्व अशुभ विनाशिनी।
सर्वेशे सर्वजनके नमस्ते शंकरप्रिये

परमात्मस्वरूपे च नित्यरूपे सनातनि।
साकारे च निराकारे सर्वरूपे नमोस्तुते

क्षुत् तृष्णेच्छा दया श्रद्धा निद्रा तन्द्रा स्मृति: क्षमा।
एतास्तव कला: सर्वा: नारायणि नमोस्तुते

लज्जा मेधा तुष्टि पुष्टि शान्ति संपत्ति वृद्धय:।
एतास्त्व कला: सर्वा: सर्वरूपे नमोस्तुते

दृष्टादृष्ट स्वरूपे च तयोर्बीज फलप्रदे ।
सर्वानिर्वचनीये च महामाये नमोस्तुते

शिवे शंकर सौभाग्ययुक्ते सौभाग्यदायिनि।
हरिं कान्तं च सौभाग्यं देहि देवी नमोस्तुते

॥ फलश्रुति ॥

स्तोत्रणानेन या: स्तुत्वा समाप्ति दिवसे शिवाम्।
नमन्ति परया भक्त्या ता लभन्ति हरिं पतिम्

इह कान्तसुखं भुक्त्वा पतिं प्राप्य परात्परम्।
दिव्यं स्यन्दनमारुह्य यान्त्यन्ते कृष्णसंनिधिम्

पार्वती स्तोत्र इमेज

यह रही पार्वती माता के स्तोत्र की इमेज:

पार्वती स्तोत्र (Parvati Stotram)
पार्वती स्तोत्र (Parvati Stotram)

यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।

पार्वती स्तोत्र PDF | Parvati Stotram PDF

अब हम Parvati Stotram PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: पार्वती स्तोत्र PDF

ऊपर आपको लाल रंग में पार्वती स्तोत्र PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने पार्वती स्तोत्र (Parvati Stotram) पढ़ लिया हैं। यदि आपको पार्वती स्तोत्र PDF फाइल या इमेज डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

पार्वती स्तोत्र से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: पार्वती मंगल पाठ कब करना चाहिए?

उत्तर: वैसे तो पार्वती मंगल पाठ कभी भी किया जा सकता है लेकिन सावन के महीने में इसका पाठ किया जाना बहुत शुभकारी सिद्ध होता है।

प्रश्न: पार्वती मंगल पाठ करने से क्या होता है?

उत्तर: जो भी व्यक्ति नियमित रूप से पार्वती मंगल पाठ करता है, उसके विवाह में आ रही हर अड़चन दूर हो जाती है और उसे अपनी इच्छानुसार जीवनसाथी मिलता है।

प्रश्न: शीघ्र विवाह के लिए कौन सा पाठ करें?

उत्तर: शीघ्र विवाह के लिए आपको जानकी कृत पार्वती स्तोत्र का पाठ करना चाहिए जिससे विवाह में आ रही हर प्रकार की अड़चन व बाधाएं दूर हो जाती हैं।

प्रश्न: माता पार्वती का बीज मंत्र क्या है?

उत्तर: माता पार्वती का बीज मंत्र “ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः: है।

प्रश्न: देवी पार्वती को कैसे प्रसन्न करें?

उत्तर: यदि आप देवी पार्वती को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको प्रतिदिन माता पार्वती की चालीसा, आरती, स्तोत्र व स्तुति का पाठ करना चाहिए।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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