पुष्पक विमान का रहस्य व यह किस-किस के पास रहा

Pushpak Viman In Hindi

पुष्पक विमान (Pushpak Viman In Hindi) भारतवर्ष के इतिहास में एक महान खोज थी जो आज की विमान सेवा से भी आधुनिक थी। इसे हमारे वैज्ञानिकों ने इतना आधुनिक (Pushpak Viman Technology) बनाया था कि यह उस समय के लोगों के बीच किसी अद्भुत सरंचना से कम ना था। वाल्मीकि रामायण व अन्य रामायणों में इसकी विशालता, सुंदरता व शक्तियों के बारे में उल्लेख किया गया हैं। आज हम उन्हीं में से कुछ मुख्य बातें आपको बताएँगे।

पुष्पक विमान का निर्माण व इतिहास (Pushpak Viman Story In Hindi)

इस विमान का निर्माण स्वयं भगवान ब्रह्मा जी के आदेश पर विश्वकर्मा जी (Pushpak Viman Kisne Banaya Tha) ने किया था। इसके बाद यह विमान लंका के राजा कुबेर को उपहार स्वरुप मिला था। बाद में कुबेर के छोटे व सौतेले भाई रावण ने बलपूर्वक उससे लंका व पुष्पक विमान दोनों छीन लिए। तब से रावण इसका इस्तेमाल करने लगा। इसी विमान के द्वारा उसने माता सीता का अपहरण भी किया था (Pushpak Viman Reality)। रावण के वध के पश्चात यह विमान उसके छोटे भाई विभीषण के पास आ गया व इसी में बैठकर श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता अयोध्या वापस लौटे थे।

पुष्पक विमान के बारे में रोचक तथ्य (Pushpak Viman In Hindi)

#1. यह विमान बहुत तेज गति से चलता था (Pushpak Viman Speed)। इसे मन की गति से चलाया जा सकता था। रावण इस पर बैठता व जहाँ उसकी इच्छा होती यह विमान उसी दिशा में चल पड़ता था। इसकी गति को मन से ही नियंत्रित भी किया जा सकता था।

#2. यह आज के विमानों से बहुत आधुनिक था (Pushpak Viman Design) जिसका प्रमाण इसके आकार को देखकर लगाया जा सकता हैं। इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था जिससे इसके आकार को आवश्यकता के अनुसार छोटा या बड़ा किया जा सकता था। यह व्यक्तियों के बैठने की सुविधा के अनुसार अपने आप को बड़ा व छोटा कर लेता था।

#3. यह दिखने में एक पक्षी (मोर) के आकार का था जिसके दो पंख थे। रामायण में इसे एक सुंदर रथ की भांति दिखाया गया हैं जिसमे बीच में बैठने के लिए सिंहासन रखा होता हैं (Specialities Of Pushpak Viman)। यह सिंहासन व बैठने का स्थल अपने आप बड़ा किया जा सकता था।

#4. जब हनुमान जी लंका गये थे व इस पुष्पक विमान को देखा था तब वे इसे देखकर आश्चर्यचकित रह गये थे। इसकी सुंदरता का बखान इस प्रकार किया गया हैं कि यह इतना ज्यादा विशाल व ऊँचा था कि मानों ऐसा लग रहा था यह आकाश को छुएगा (Interesting Facts Of Pushpak Viman)। इसमें कई प्रकार के रत्न, सोने, धातुएँ इत्यादि जड़े गए थे। सोने के तो इसमें विशाल स्तंभ बनाये गये थे।

#5. रामायण के अनुसार इसे चलाने के लिए परमाणु ऊर्जा का प्रयोग किया जाता था जिससे इसमें असीमित गति आती थी व यह वायु से भी तेज गति से दौड़ता था।

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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