आज हम आपके सामने सोमवार व्रत कथा आरती (Somvar Vrat Katha Aarti) रखने जा रहे हैं। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन बहुत सी महिलाएं शिवजी के नाम का व्रत रखती हैं। सावन के महीने में आने वाले सोमवार का महत्व तो हर किसी को पता ही है लेकिन इसके अलावा भी हर सोमवार के दिन का जुड़ाव भगवान शिव से ही होता है।
अब जो महिलाएं सोमवार के दिन व्रत रखती हैं, उनके द्वारा सोमवार व्रत की कथा को सुनकर आरती भी की जाती है। ऐसे में आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ सोमवार व्रत आरती (Somvar Vrat Aarti) ही साझा करने जा रहे हैं। यहाँ आपको केवल सोमवार व्रत कथा आरती ही पढ़ने को नहीं मिलेगी अपितु उसका महत्व व लाभ भी जानने को मिलेगा। इससे आप सोमवार व्रत आरती का संपूर्ण लाभ उठा पाएंगे।
इसी के साथ ही हम आपको सोमवार व्रत कथा आरती PDF फाइल भी उपलब्ध करवाएंगे। इसे आप अपने मोबाइल में सेव करके रख सकते हैं। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं भगवान शिव को समर्पित सोमवार व्रत कथा आरती हिंदी में।
Somvar Vrat Katha Aarti | सोमवार व्रत कथा आरती
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखकारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिव जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
सोमवार व्रत कथा आरती PDF
अब हम सोमवार व्रत कथा आरती की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: शिव आरती हिंदी में PDF
ऊपर आपको लाल रंग में PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
सोमवार व्रत आरती का महत्व
सोमवार व्रत कथा आरती का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इसके माध्यम से ना केवल शिव के रूप का वर्णन किया गया है बल्कि यह भी बताया गया है कि उनका कोई रूप नहीं है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि शिव का रूप है भी और नहीं भी। साथ ही वे हर किसी के लिए हैं, फिर चाहे वह मनुष्य हो, देवता हो या असुर हो। वे ही सभी का निर्माण करते हैं और विनाश भी वही करते हैं।
ऐसे में शिव जी के गुणों का वर्णन करने हेतु ही सोमवार व्रत आरती की रचना की गयी है। सोमवार व्रत कथा आरती के माध्यम से हम भगवान शिव का ध्यान कर उनकी उपासना कर सकते हैं। यदि कोई भक्त सोमवार के दिन व्रत नहीं भी कर पाता है या असमर्थ होता है तो केवल सोमवार व्रत आरती (Somvar Vrat Aarti) के माध्यम से ही उससे भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
सोमवार व्रत कथा आरती के लाभ
यदि आप सच्चे मन के साथ भगवान शिव का ध्यान कर और सोमवार के दिन व्रत रखकर सोमवार व्रत कथा आरती का पाठ करते हैं तो अवश्य ही आप पर और आपके परिवार पर शिव जी की कृपा दृष्टि होती है। जिस भी मनुष्य से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं, वह कभी भी अकाल मृत्यु को प्राप्त नहीं होता है। साथ ही इस विश्व का कोई भी भय उसे नहीं सताता है तथा वह भय मुक्त बनता है।
सोमवार व्रत आरती करने से सुहागिन महिलाओं के सुहाग की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं और उनके पति के जीवन में आ रहे हरेक संकट को दूर कर देते हैं। वहीं जो कन्याएं विवाह के लिए योग्य वर की तलाश में हैं, उन्हें भी भगवान शिव की कृपा से जल्द ही योग्य वर की प्राप्ति होती है और उनका जीवन सुखमय बनता है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने सोमवार व्रत कथा आरती (Somvar Vrat Katha Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने सोमवार व्रत आरती के लाभ व महत्व भी जान लिए हैं। यदि आपको सोमवार व्रत कथा आरती PDF डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
सोमवार व्रत कथा आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: सोमवार का व्रत शाम को कितने बजे खोलना चाहिए?
उत्तर: सोमवार के दिन यदि आपने व्रत किया है तो शाम में सूर्यास्त से पहले ही शिव पूजा संपन्न हो जानी चाहिए और उसके बाद व्रत खोलना चाहिए।
प्रश्न: शिव जी को कौन सा फल पसंद है?
उत्तर: शिव जी को धतूरे का फल सबसे ज्यादा पसंद आता है। इसी कारण शिव जी की पूजा करते समय उन्हें धतूरा चढ़ाया जाता है।
प्रश्न: क्या सोमवार के व्रत में रोटी खा सकते हैं?
उत्तर: सोमवार के व्रत में आप कुट्टू के आटे से बनी रोटी को खा सकते हैं। बाकि यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह गेहूं या अन्य किसी अनाज की रोटी खाना चाहता है या नहीं किन्तु भोजन एक बार ही करें।
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